विनेश फोगाट ने यूक्रेन की ओक्साना लिवाच को हराकर पेरिस ओलंपिक्स के सेमीफाइनल में पहुँचाया

विनेश फोगाट ने यूक्रेन की ओक्साना लिवाच को हराकर पेरिस ओलंपिक्स के सेमीफाइनल में पहुँचाया अग॰, 6 2024

विनेश फोगाट की शानदार जीत

विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक्स के सेमीफाइनल में जगह बनाकर भारतीय खेल प्रेमियों का दिल जीत लिया है। उन्होंने यूक्रेन की ओक्साना लिवाच को 7-5 से हराकर यह सफलता हासिल की। 29 वर्षीय विनेश के लिए यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उनका तीसरा ओलंपिक प्रयास है और इस बार वे एक ओलंपिक पदक जीतने के और करीब पहुंच चुकी हैं।

सजाकी के खिलाफ ऐतिहसिक जीत

मराठवाड़ा की इस स्टार पहलवान ने दिन की शुरुआत जापान की युई सुजाकी को हराकर की। युई चार बार की विश्व विजेता रह चुकी हैं और ओलंपिक प्रतिस्पर्धाओं में उन्होंने पहले कभी हार नहीं मानी थी। विनेश की इस असाधारण जीत ने उन्हें 50 किग्रा कुश्ती श्रेणी के क्वार्टरफाइनल में पहुँचा दिया।

मैच की शुरुआत में विनेश का ध्यान सावधान और रणनीतिक खेल पर था। पहले राउंड के अंत में वह एक पॉसिविटी प्वाइंट गंवाने के बाद, अपनी स्थिति को बनाए रखने की कोशिश में जुटी रहीं। दूसरे राउंड में भी स्थिति कुछ ऐसी ही रही और उन्होंने 0-2 से पीछे चलते हुए एक और पॉसिविटी प्वाइंट खोया।

दोनों राउंड की संघर्ष

ऐसा लग रहा था कि मैच विनेश के हाथ से निकल रहा है, लेकिन उन्होंने अंतिम क्षणों में बेहतरीन तकनीक से टार्नअराउंड किया। उन्होंने एक जोरदार पकड़ से सुजाकी को मैट से बाहर धकेला और दो पॉइंट्स हासिल किए। विजयी पल में, विनेश अपनी भावुकता रोक नहीं पाईं और अपने कोच वॉलर अकोस के गले लगकर जश्न मनाया। जापानी टीम ने इस फैसले को चुनौती दी, लेकिन चुनौती निरस्त कर दी गई और विनेश को एक अतिरिक्त पॉइंट दिया गया, जिससे फाइनल स्कोर 3-2 हो गया।

तकनीकी और मानसिक संघर्ष

सुजाकी जैसी मजबूत खिलाड़ी के खिलाफ उनकी जीत विनेश के कुश्ती करियर के लिए एक मील का पत्थर है। मैच के बाद वे आंसुओं में डूबी हुई दिखाई दीं, और उनका प्रदर्शन न केवल उनकी तकनीकी क्षमता का प्रमाण है, बल्कि मानसिक दृढ़ता का भी उदाहरण है। इस जीत के बाद वे अपने फोकस को पूरी तरह से आगामी सेमीफाइनल मैच की तैयारी में केंद्रित कर रही हैं।

अगले कदम

अगले कदम

सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ ही विनेश की नज़र अब फाइनल पर और आखिरकार स्वर्ण पदक पर है। आगामी मैचों में उनकी रणनीति और मानसिक तैयारी बहुत महत्वपूर्ण होगी। उनके प्रशंसक और पूरा देश उनके हर कदम की प्रतीक्षा कर रहा है, जो उनके संकल्प और जुनून को दर्शाता है।

विनेश फोगाट ने आज तक अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन इस बार उनका दृढ़ संकल्प और मेहनत साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं। उनकी यह सफलता न केवल भारतीय कुश्ती की मान को बढ़ाती है, बल्कि नए पहलवानों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनती है।

इसके अलावा, विनेश का यह प्रदर्शन पूरे भारत में खेल प्रेमियों के लिए गर्व का क्षण है, और यह दिखाता है कि किस तरह से कठिनाइयों को पार करके सफलता हासिल की जा सकती है। अब देखना यह है कि अगले मैच में विनेश किस तरह से खेलती हैं और क्या वे फाइनल में जगह बना पाती हैं। लेकिन उनकी इस जीत ने पहले ही यह साबित कर दिया है कि मेहनत और संकल्प से कुछ भी संभव है।