प्रथम पोलैंड और यूक्रेन की यात्रा पर वारसा पहुंचे पीएम मोदी: द्विपक्षीय संबंधों में होगा नया मोड़

प्रथम पोलैंड और यूक्रेन की यात्रा पर वारसा पहुंचे पीएम मोदी: द्विपक्षीय संबंधों में होगा नया मोड़ अग॰, 21 2024

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पोलैंड और यूक्रेन यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोलैंड और यूक्रेन की अपनी महत्वपूर्ण दो-राष्ट्र यात्रा की शुरुआत की है। यह उनकी पहली यात्रा है इन दोनों देशों में और यह यात्रा 21 से 23 अगस्त, 2024 तक निर्धारित है। इस यात्रा का उद्देश्य इन देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक मुद्दों को संबोधित करना है। मोदी 21 अगस्त को पोलैंड की राजधानी वारसा पहुंचे, जहां वे पोलैंड के नेताओं, प्रधान मंत्री डोनाल्ड टस्क और राष्ट्रपति एंड्रेज डुडा के साथ चर्चाओं में शामिल होंगे।

भारत-पोलैंड संबंधों का महत्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और पोलैंड के बीच व्यापार, रक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना है। पोलैंड को केंद्रीय यूरोप में भारत का प्रमुख आर्थिक भागीदार माना जाता है, जहां द्विपक्षीय व्यापार लगभग $6 बिलियन से अधिक है। हालांकि, यह यात्रा न सिर्फ आर्थिक विषयों तक सीमित है, बल्कि यह भारत और पोलैंड के ऐतिहासिक संबंधों को भी उजागर करती है।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, भारतीयों ने पोलिश महिलाओं और बच्चों को शरण दी थी और इसके बावजूद भारतीय और पोलिश सैनिकों ने मोंटे कैसिनो की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह ऐतिहासिक जुड़ाव दोनों देशों के रिश्तों को और भी मजबूत बनाता है। मोदी का यह दौरा इन ऐतिहासिक संबंधों को पुनर्जीवित करने में सहायक सिद्ध होगा। मोदी पोलैंड में भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत करेंगे, जिसमें लगभग 25,000 भारतीय शामिल हैं, जिनमें से कई छात्र भी हैं।

कीव, यूक्रेन की यात्रा

पोलैंड की दो-दिवसीय यात्रा के बाद, मोदी यूक्रेन की राजधानी कीव जाएंगे, जो यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के निमंत्रण पर होगी। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से, यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी। मोदी ने अपने आशा व्यक्त की है कि क्षेत्र में जल्द से जल्द शांति और स्थिरता बहाल हो सके।

यूक्रेन यात्रा की अहमियत इस बात से भी है कि भारत ने हमेशा से ही रूस के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों और पश्चिमी देशों के साथ बढ़ते संबंधों के बीच संतुलन बनाए रखा है। विशेषकर, यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ में, भारत ने हमेशा राजनयिक बातचीत और समाधान का समर्थन किया है। इस यात्रा के दौरान, मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की विभिन्न द्विपक्षीय सहयोग के पहलुओं पर चर्चा करेंगे।

यूक्रेन संघर्ष और भारत की भूमिका

भारत की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि भारत ने लगातार अपने तटस्थ रुख को बनाए रखा है। मोदी उम्मीद कर रहे हैं कि उनके परिप्रेक्ष्य साझा करने से यूक्रेन संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान सम्भव हो सकेगा। दोनों देशों की साझेदारी को गहरा करने का यह एक उपयुक्त अवसर है।

प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देगी, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के नए मानकों को भी सेट करेगी। व्यापार, रक्षा, संस्कृति के क्षेत्र में न केवल सहयोग बढ़ेगा, बल्कि ऐतिहासिक और वर्तमान भू-राजनीतिक संदर्भों को भी नई दिशा मिलेगी।