टैक्स ऑडिट डेडलाइन: क्या है, कब है, और कैसे बचें?

जब आप टैक्स ऑडिट डेडलाइन, आयकर अधिनियम के तहत निर्धारित अंतिम तिथि है, जो करदाता को अपने ऑडिट रिपोर्ट और दस्तावेज़ीकरण जमा करने की समयसीमा बताती है. Also known as ऑडिट अंतिम तिथि, it टैक्स ऑडिट, कर विभाग द्वारा वार्षिक निरीक्षण प्रक्रिया के साथ जुड़ी होती है, साथ ही आयकर रिटर्न, वित्तीय वर्ष के अंत में करदाता द्वारा दाखिल किया गया फ़ॉर्म 26AS‑सहयोगी विवरण की समीक्षा का एक भाग बनती है। देर से फाइलिंग पर लगने वाला दंड, सामान्यतः 5 % से 25 % तक का प्रतिशत भी इस तिथि से सीधे जुड़ा होता है, और यह सब एक ही वैधता वर्ष, आयकर अधिनियम में प्रयुक्त शब्दावली जो फिस्कल साल को दर्शाती है में परिभाषित नियमों के तहत लागू होता है।

मुख्य बात यह है कि टैक्स ऑडिट डेडलाइन न केवल फॉर्म‑भरी प्रक्रिया को सीमित करती है, बल्कि करदाता और आयकर विभाग के बीच भरोसे का पुल भी बनाती है। यही कारण है कि कई कंपनियों और स्वतंत्र पेशेवरों के लिये यह तिथि कैलेंडर में सबसे महत्वपूर्ण एंट्री बन जाती है। आमतौर पर यह फ़ाइनेंशियल इयर के बाद की अगली वित्तीय वर्ष की 30 सेप्टेम्बर तक की होती है, परन्तु आयकर अधिनियम के धारा 44AB के तहत अलग‑अलग वर्गीकरण वाले करदाताओं के लिये अलग भी हो सकती है। जब कोई करदाता इस डेडलाइन को मिस करता है, तो न केवल दंड का जोखिम बढ़ता है, बल्कि आयकर विभाग द्वारा अतिरिक्त जाँच‑पड़ताल और संभावित एसेसमेंट भी हो सकता है।

डेडलाइन से पहले क्या तैयार करना चाहिए?

पहला कदम है अपने लेज़र झंझट को व्यवस्थित करना। सभी इनवॉइस, बैंक स्टेटमेंट और खर्च के प्रमाणों को एक जगह इकट्ठा करें। दूसरा, अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स कंसल्टेंट से परामर्श लें ताकि वह आपके सॉफ़्टवेयर में सही एंट्री देख सके। तीसरा, आयकर रिटर्न के साथ साथ टैक्स ऑडिट रिपोर्ट (Form 3CA/3CB) को भी पूर्ण रूप से भरें। इस प्रक्रिया में अक्सर लोग भूल जाते हैं कि “बैंकर द्वारा जारी स्टेटमेंट” को भी संलग्न किया जाए, जबकि यह दंड‑रहित क्लोज़र का एक महत्वपूर्ण भाग है।

तीसरा, डेडलाइन से पहले अपनी डिजिटल रिटर्न पोर्टल पर लॉगिन कर के सभी अपलोडेड दस्तावेज़ों को दोबारा चेक कर लें। यदि कोई फ़ाइल अपलोड न हो, तो तुरंत फिर से अपलोड करें; आयकर विभाग की प्रणाली कभी‑कभी फाइल को स्वीकार नहीं करती अगर फॉर्मेट या साइज काIssue हो। चौथा, अगर आप छोटे व्यवसायी हैं और आपका टर्नओवर 1 करोड़ से कम है, तो “सेल्फ‑असेसमेंट” सेक्शन में अपने ऑडिट से संबंधित रेज़िडेंट एग्रीमेंट को अपडेट करना न भूलें। यह छोटा कदम अक्सर बड़े दंड से बचाता है।

अंत में, समय पर फाइलिंग करने के बाद आपको आयकर विभाग से एक एसीआर (Acknowledgement Receipt) मिलेगा। इस एसीआर को सुरक्षित रखें क्योंकि यह भविष्य में किसी भी सवाल‑जवाब का प्रमाण बनता है। इस एसीआर के साथ ही आपका टैक्स ऑडिट डेडलाइन पूरा हुआ माना जाता है, और आप दंड‑रहित रहेंगे।

अब आप जानते हैं कि टैक्स ऑडिट डेडलाइन क्या है, उसके प्रमुख घटक कौन‑से हैं, और सहज तैयारी कैसे की जाए। नीचे दी गई लिस्ट में हम उन लेखों, गाइड्स और अपडेट्स को इकठ्ठा कर रहे हैं जो आपको डेडलाइन के दौरान और बाद में उपयोगी लगेंगे। तैयार रहें—आपकी अगली फाइलिंग अभी शुरू होती है।

हाई कोर्ट के आदेश से टैक्स ऑडिट डेडलाइन में मिलाया गया विस्तार: राष्ट्रीय स्तर पर शर्तें बदलें

हाई कोर्ट के आदेश से टैक्स ऑडिट डेडलाइन में मिलाया गया विस्तार: राष्ट्रीय स्तर पर शर्तें बदलें

  • सित॰, 26 2025
  • 0

करदाता और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने हाई कोर्ट की मदद से 30 सितंबर की बजाय 31 अक्टूबर तक टैक्स ऑडिट रिपोर्ट फाइल करने की समय सीमा बढ़वाई। इस कदम को केंद्रीय आयकर बोर्ड ने मंजूर किया, परन्तु अक्टूबर में अन्य रिपोर्टों के साथ जटिलता बनी रहती है। कोर्ट के फैसले ने राष्ट्रीय नीति में भी बदलाव लाया, जिससे सभी राज्यों को समान राहत मिली।