सूर्य देव और उसकी महत्ता

जब हम सूर्य देव, भारतीय वैदिक परम्परा में सूर्य को अलौकिक शक्ति वाला प्रमुख देवता माना जाता है. धर्म में सूर्य की पूजा सुबह के समय ऊँचे स्थान पर की जाती है. यह देवता ऊर्जा, स्वास्थ्य और जीवन शक्ति का प्रतीक है, इसलिए उसका नाम सुनते ही लोग अक्सर सूर्य के प्रकाश और स्वास्थ्य लाभ के बारे में सोचते हैं. सूर्य देव का अस्तित्व न केवल आध्यात्मिक, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी जुड़ा है: सूर्य की रोशनी में विटामिन‑D बनता है, और कृषि में फसल की वृद्धि पर उसका असर तय करता है. हमारी आज की सामग्री में सूर्य देव के विभिन्न पहलुओं को समझते हुए, हम आपके सामने लाए हैं कुछ मुख्य संबंधों को.

सूर्य देव, सूर्यग्रहण और सूतक काल के बीच जुड़ी कड़ियाँ

सूर्यग्रहण, जब चंद्रमा सूर्य को आंशिक या पूर्ण रूप से ढक लेता है, तो यह आकाशीय घटना होती है को वैदिक ग्रन्थों में पवित्र माना जाता है. सूचक काल, सूर्यग्रहण के बाद का वह समय जब कई रीति‑रिवाज़ निभाए जाते हैं में सूर्य देव की विशेष पूजा की जाती है, क्योंकि माना जाता है इस समय ऊर्जा का संतुलन बिगड़ सकता है. इस काल में लोग सूर्य देव को जल, फूल और सूर्य के सामने मध्यम व्यायाम करके सम्मानित करते हैं. इस प्रकार, "सूर्य देव" "सूर्यग्रहण" को प्रभावित करता है और "सूचक काल" में उसकी पूजा से नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं. यही कारण है कि कई घरों में सूतक काल के दौरान खास स्नान, शुद्धिकरण और सूर्य देव की मन्त्रजाप की व्यवस्था होती है.

इन धार्मिक प्रथाओं के अलावा, हिन्दू धर्म, भारत की प्रमुख धार्मिक प्रणाली जिसमें सूर्य देव का विशेष स्थान है ने सूर्य के स्वास्थ्य, आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व को कई ग्रंथों में दर्ज किया है. वैदिक ज्योतिष में सूर्य को "राजा" माना गया है, जो जन्म कुंडली में शौर्य, अधिकार और प्रतिष्ठा दर्शाता है. जब सूर्य की स्थिति शुभ होती है, तो व्यक्तिगत और राष्ट्रीय स्तर पर उन्नति की आशा बढ़ती है. यही कारण है कि आज के कई समाचार, जैसे वित्तीय बाजार के उतार‑चढ़ाव या खेल के बड़े इवेंट, अक्सर सूर्य देव के प्रभाव के साथ जोड़कर देखे जाते हैं. हमारे पोस्ट संग्रह में आप देखेंगें कि कैसे निवेश, खेल और दैनिक जीवन में सूर्य देव की उपस्थिति का उल्लेख है, जैसे कि "LG इलेक्ट्रॉनिक्स" की IPO सफलता या "सेन्सेक" का गिरावट – इन सब को कभी‑कभी सूर्य‑संकेत के रूप में व्याख्यायित किया जाता है. अब आप नीचे दी गई सूची में उन सब लेखों को देख सकते हैं जो सूर्य देव, सूर्यग्रहण, सूतक काल और हिन्दू धर्म से जुड़ी विविध खबरों को एक साथ पेश करते हैं.

12 अक्टूबर 2025 (रविवार) का पञ्चांग: तिथि, नक्षत्र, शुभ‑अशुभ मुहूर्त

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  • अक्तू॰, 12 2025
  • 11

12 अक्टूबर 2025 (रविवार) का पञ्चांग जारी, जिसमें शाश्ठी तिथि, मृगशीर्ष नक्षत्र और कई शुभ‑अशुभ मुहूर्तों का विस्तृत विवरण दिया गया है। सूर्य देव की पूजा और स्कंद शाश्ठी उपवास का भी उल्लेख है।