शुभ मुहूर्त: कब और क्यों?

When working with शुभ मुहूर्त, ज्योतिषीय ज्ञान के आधार पर चुना गया वह समय जो सफलता, समृद्धि और सुरक्षा लाता है. Also known as अवसर काल, it guides decisions ranging from व्यवसायिक लॉन्च से लेकर खेल प्रतियोगिताओं तक। यह कालिक चयन अक्सर पंचांग और ग्रहों की स्थिति से निर्धारित किया जाता है, इसलिए इसका प्रयोग करते समय सही डेटा देखना जरूरी है।

पंचांग को समझना शुभ मुहूर्त को सटीक बनाने का पहला कदम है। पंचांग, एक पोषक कैलेंडर है जिसमें तिथि, नक्षत्र, योग और करण शामिल होते हैं. It gives the precise तारीख और समय के विकल्प जो ग्रहों की चाल के साथ तालमेल रखते हैं। उदाहरण के लिए, जब LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने 50% प्रीमियम पर IPO लॉन्च किया, तो कई निवेशकों ने पंचांग के अश्विनी नवं तिथि को शुभ माना और बड़ी भागीदारी दिखायी।

ज्योतिष की भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। ज्योतिष, ग्रहों, नक्षत्रों और their mutual influences को पढ़कर महत्वूर्ण समय की पहचान करता है. It connects directly with शुभ मुहूर्त, क्योंकि एक ग्रह की दृष्टि या अभाव समय के फल को बदल सकता है। जब क्रिकेट में Hardik Pandya और Mahieka Sharma ने सार्वजनिक मुलाकात की, तो कई विशेषज्ञों ने कहा कि मंगल की स्थिति उनके करियर के लिए सकारात्मक शुभ मुहूर्त बनाती है। इसी तरह, जब भारत ने ICC Women’s ODI टीम ऑफ द इयर में दो सितारों को मान्यता दी, तो ज्योतिषी ने बताया कि यह वर्ष “शुक्र ग्रह की कृपा” से भरपूर रहेगा।

निवेशकों के लिए शुभ मुहूर्त सिर्फ एक धार्मिक सुझाव नहीं, बल्कि एक रणनीतिक उपकरण है। निवेश समय, वित्तीय बाजार में प्रवेश या निकास का वह आदर्श क्षण है जो लाभ को अधिकतम कर देता है. Market analysts अक्सर IPO, शेयर खरीद या सोना‑चाँदी की कीमतों के उतार‑चढ़ाव को शुभ मुहूर्त के साथ जोड़ते हैं। 7 अक्टूबर को सोने की कीमत 10 ग्राम पर ₹1,12,000 पहुंची, जबकि कई ट्रेडर ने अवकाश‑महीने के पहले दिन को शुभ माना और उचित प्रॉफिट बुक किया।

खेल के मैदान में भी शुभ मुहूर्त का प्रयोग बढ़ रहा है। जब तेलुगु टाइटन्स ने बेंगलुरु बुल्स को हराया, तो कोच ने बताया कि टीम ने “गुरु के दशाम” को शुभ माना था, जिससे खिलाड़ियों की ऊर्जा में बढ़ोतरी हुई। इसी तरह, जब Alcaraz ने US Open जीत कर फिर से विश्व नंबर‑1 बना, तो उसके कोच ने “शनि की मध्यम राशि” को रणनीतिक लाभ बताया। इन उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि शुभ मुहूर्त का प्रभाव सिर्फ वित्त तक सीमित नहीं, बल्कि खेल, राजनीति और सामाजिक समारोहों में भी गूंजता है।

राजनीतिक निर्णयों में भी शुभ मुहूर्त का महत्व बढ़ा है। उत्तर प्रदेश शिक्षक संघ ने TET आदेश से विरोध किया, और कई नेताओं ने मौजूदा सत्र की शुरुआत को “शुभ कुंडली” के आधार पर तय किया। इसी तरह, UPPSC ने PCS मेन्स 2024 के शेड्यूल को पंचांग के अनुसार तय किया, जिससे उम्मीदवारों को तैयारी का सही समय मिला। इन घटनाओं से पता चलता है कि सार्वजनिक नीति और चुनावी रणनीति में भी समय का चयन महत्वपूर्ण है।

ऊपर बताए गए उदाहरणों से यह स्पष्ट है कि शुभ मुहूर्त का प्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में कैसे किया जाता है। आप चाहे शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हों, नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हों, या खेल प्रतियोगिता में भाग लेना चाहते हों, सही समय चुनना सफलता की दिशा को तय करता है। हमारे नीचे दिए गए लेखों में आप देखेंगे कि कैसे विभिन्न घटनाओं – IPO, सोना‑चाँदी की कीमतें, खेल मैच, और राजनीतिक आंदोलनों – ने शुभ मुहूर्त का पालन किया और क्या परिणाम निकले।

आपके अगले कदम

अब आप समझ गए हैं कि शुभ मुहूर्त क्या है, इसे कैसे गणना किया जाता है, और किन‑किन क्षेत्रों में इसका उपयोग होता है। आगे के लेखों में हम आपको विस्तृत पंचांग तालिका, प्रमुख ग्रह स्थितियों की व्याख्या, और हालिया बाजार‑खेल घटनाओं के साथ जुड़े शुभ मुहूर्त के विश्लेषण प्रस्तुत करेंगे। इन जानकारीयों से आप अपने व्यक्तिगत या पेशेवर निर्णयों को बेहतर टाइमिंग के साथ ले सकेंगे। नीचे दी गई पोस्ट सूची को देखें और देखें कि कैसे विविध क्षेत्र में शुभ मुहूर्त ने सफलता को दिशा दी।

12 अक्टूबर 2025 (रविवार) का पञ्चांग: तिथि, नक्षत्र, शुभ‑अशुभ मुहूर्त

12 अक्टूबर 2025 (रविवार) का पञ्चांग: तिथि, नक्षत्र, शुभ‑अशुभ मुहूर्त

  • अक्तू॰, 12 2025
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12 अक्टूबर 2025 (रविवार) का पञ्चांग जारी, जिसमें शाश्ठी तिथि, मृगशीर्ष नक्षत्र और कई शुभ‑अशुभ मुहूर्तों का विस्तृत विवरण दिया गया है। सूर्य देव की पूजा और स्कंद शाश्ठी उपवास का भी उल्लेख है।