रेड अलर्ट – क्या है, कब मिलता है और कैसे बचें

आपने टीवी या मोबाइल पर रेड अलर्ट देखी है? ये मौसम विभाग की सबसे कठोर चेतावनी है, जो बता रही है कि बुरा मौसम तुरंत असर करेगा। अगर रेड अलर्ट आया, तो बाहर का मौसम सिर्फ ख़राब नहीं, बल्कि जीवन‑सुरक्षा की खतरे में भी बदल सकता है। इसलिए इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।

रेड अलर्ट क्यों जारी किया जाता है?

भारत में मौसम विभाग (IMD) तीन स्तर की चेतावनियां देता है – ब्रेस्ट, येलो और रेड। रेड अलर्ट तब जारी होता है जब अत्यधिक बारिश, तेज़ बवंडर, हिटवेव या बर्फ़ीली बर्फ़ के कारण जनजीवन में बड़ा नुकसान हो सकता है। इसका मतलब है कि आपातकालीन कार्रवाई की जरूरत है और हर कोई सतर्क रहना चाहिए।

वर्तमान रेड अलर्ट के वास्तविक उदाहरण

हाल ही में मध्य प्रदेश में 20 से अधिक जिलों में मूसलाधार बारिश हुई और IMD ने 25‑27 अगस्त तक भारी वर्षा के लिए रेड अलर्ट जारी किया। इसी तरह, आगरा में जून 2025 में तापमान 43°C तक पहुँचने से IMD ने हीटवेव के कारण रेड अलर्ट जारी किया। उत्तर प्रदेश के होली के दौरान भी तेज़ हवाओं और बारिश के कारण रेड अलर्ट आया था, जिससे कई क्षेत्रों में जल जमाव और बाढ़ की आशंका थी। इन घटनाओं ने दिखा दिया कि रेड अलर्ट केवल शब्द नहीं, बल्कि जीवन‑सुरक्षा का सचेतक है।

इन मामलों में लोग क्या कर सकते हैं? सबसे पहले, आधिकारिक ऐप या वेबसाइट से अपडेट चेक करें। अगर रेड अलर्ट जारी है, तो घर में रहें, पानी कपड़े और डॉक्टर की दवाइयाँ पहले से तैयार रखें, और बाहर की यात्रा से बचें। अगर आप खेत में या बाहर काम कर रहे हैं तो तुरंत सुरक्षित जगह पर लौट आएँ।

बाढ़ से बचाव के लिए, घर के निचले हिस्से को खाली रखें, मौजूदा जल निकासी प्रणाली को साफ रखें और आपातकालीन किट में फ़्लैशलाइट, बैटरियां, टॉरच, कपड़े और कॉपीराइटेड दवाइयाँ रखें। हीटवेव के समय घर को ठंडा रखने के लिए पंखे, एसी या ठंडे पानी के कपड़े इस्तेमाल करें, और देर तक बाहर निकलने से बचें।

यदि रेड अलर्ट के दौरान आपका पड़ोस प्रभावित हो रहा है, तो मदद के लिए स्थानीय प्रशासन या आपदा प्रबंधन विभाग से संपर्क करें। अक्सर वे अस्थायी आश्रय स्थल, भोजन और पानी देने के लिए तैयार रहते हैं। एक साथ मिलकर ही हम इन आपदाओं का सामना कर सकते हैं।

समझदारी से काम करने की कुंजी है – तैयार रहना, सही जानकारी रखना और तुरंत कार्रवाई करना। रेड अलर्ट को नजरअंदाज करने से न केवल आपका जोखिम बढ़ता है, बल्कि आसपास के लोगों को भी परेशानी हो सकती है। इसलिए, अगली बार जब रेड अलर्ट दिखे, तो तुरंत रोकें, सुनें और सुरक्षित कदम उठाएँ।

अब जब आप जानते हैं कि रेड अलर्ट क्या है और कब जारी होता है, तो आप खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं। मौसम विभाग के अलर्ट को फॉलो करें, स्थानीय समाचार सुनें, और अगर रेड अलर्ट आया तो तुरंत सुरक्षा उपाय अपनाएँ। यही सही कदम है।

यूपी मौसम: मेरठ से हरदोई तक 44 जिलों में रेड अलर्ट, सितंबर की शुरुआत तेज बारिश से

यूपी मौसम: मेरठ से हरदोई तक 44 जिलों में रेड अलर्ट, सितंबर की शुरुआत तेज बारिश से

  • सित॰, 1 2025
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उत्तर प्रदेश में सितंबर की शुरुआत तेज बारिश और गरज के साथ हुई। आईएमडी ने मेरठ से हरदोई तक 44 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया। लखनऊ और आसपास 95% तक बारिश की संभावना, तापमान 26-31°C के बीच। पानी भराव, बाढ़ और यातायात बाधा का जोखिम बढ़ा। प्रशासन ने सतर्क रहने और रोज़ अपडेट देखने की सलाह दी।