पञ्चंग – आज के तिथि, समय और प्रमुख घटनाओं का सारांश

जब हम पञ्चंग, हिन्दू ज्योतिष‑आधारित कैलेंडर जो तिथियों, पंचांग तत्वों और धार्मिक समय‑सारिणी को दर्शाता है, हिंदू पंचांग की बात करते हैं, तो ये सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि कई क्षेत्रों में योजना बनाते समय आधार होता है। इसका उपयोग वित्तीय मार्केट में IPO या बॉन्ड इश्यू की डेट सेट करने से लेकर खेल‑इवेंट्स, चुनाव‑सर्वे और त्योहार‑समारोह तय करने तक होता है। यही कारण है कि पञ्चंग का समझना हर पाठक के लिये फायदेमंद है।

पञ्चंग के दो मुख्य घटक तिथि, सौर-चंद्र चक्र पर आधारित दिनांक और समय, लग्न, नक्षत्र और युग को दर्शाने वाला समय‑वर्गीकरण हैं। तिथि तय करती है कि कौन‑सा दिन कौन‑से माह में पड़ता है, जबकि समय बताता है कि उस दिन कौन‑से योग, नक्षत्र या पंचांग‑संधि शुभ या अशुभ मानी जाती है। उदाहरण के तौर पर, 14 अक्टूबर को LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का IPO 50% प्रीमियम पर बम्पर डेब्यू हुआ – इस तिथि को पञ्चंग में “आशु शुक्ल प्रतिपदा” माना गया, जो निवेशकों के लिये लाभकारी समय संकेत करता है। इसी तरह, 20 मई को सेन्सेक में 873‑पॉइंट ड्रॉप हुआ, जो “शुक्र नवमी” के बाद की अस्थिरता से जुड़ा था।

पञ्चंग का प्रचलन और दैनिक निर्णयों में भूमिका

व्यवसायिक निर्णय लेते समय कई कंपनियां पञ्चंग देखें। वित्तीय कैलेंडर, यानी पञ्चंग‑आधारित बाजार‑टाइमलाइन, कंपनियों को शेयर ब्रोकर, IPO लॉन्च, या डिविडेंड परिभाषा तय करने में मदद करती है। उसी तरह, खेल‑संगठन जैसे कबड्डी लीग या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की शेड्यूल बनाते समय पञ्चंग के “शुभ मुहूरत” को देखते हैं। उदाहरण के लिये, तेलुगु टाइटन्स ने बेंगलुरु बुल्स को 37‑29 से हराया, वह मैच “शुक्र नवमी” के दिन खेला गया, जो टीम को ऊर्जा समझी गई।

राजनीति व समाज में भी पञ्चंग का असर देखना अजीब नहीं। उत्तर प्रदेश शिक्षक संघ ने TET आदेश का विरोध किया, और योगी आदित्यनाथ ने रिव्यू का आदेश दिया – इस संघर्ष की श्यूरू तिथि पञ्चंग के “शुक्ल द्वादश” पर थी, जो सामाजिक बदलाव की शुरुआत का संकेत देती है। इसी तरह, उत्तराखंड पंचायत चुनाव की गिनती 14 टेबलों पर शुरू हुई – यह तिथि “शरद ऋतु के प्रवेश” से जुड़ी थी, जिससे ग्रामीण भागीदारी में उत्साह बढ़ा।

धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में पञ्चंग का उपयोग अनिवार्य है। 7 अक्टूबर को सोना 10 ग्राम पर ₹1,12,000 रहता है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरावट देखी गई; इस कीमत का ऊँचा‑नीचा पञ्चंग में “भद्रपद ऋतु” के दौरान निर्धारित होता है, इसलिए ट्रेड‑वार के कारण कीमतें स्थिर रहती हैं। इसी तरह, सूर्यग्रहण के सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानियाँ दी जाती हैं – पञ्चंग यह बताता है कि किन तिथियों पर ये रीतियाँ मानना चाहिए।

व्यक्ति‑स्तरीय उपयोग में पञ्चंग रोज़मर्रा की योजना बनाने में मदद करता है। यदि आप ज़्यादा निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पञ्चंग के “शुभ मुहूरत” को देख कर स्टॉक्स या सोना खरीदना समझदारी हो सकती है। यदि आप खेल अनुयायी हैं, तो मैचों के “शुभ दिन” पर टाइमिंग चुनने से उत्साह बढ़ सकता है। अगर आप एक शिक्षक या सामाजिक कार्यकर्ता हैं, तो पञ्चंग के “शुभ तिथि” को वोटिंग या सभा आयोजित करने से सहभागिता बढ़ती है।

इस पृष्ठ पर नीचे कई लेख दिखेंगे जो पञ्चंग के विभिन्न पहलुओं से जुड़ी हैं – वित्तीय IPO की तिथियां, सेन्सेक की गिरावट, खेल‑इवेंट्स की शेड्यूल, राजनीतिक आंदोलनों के समय‑संकल्प, और सांस्कृतिक घटनाओं की समय‑व्याख्या। प्रत्येक लेख में आप देखेंगे कि कैसे पञ्चंग ने निर्णय‑लेने में दिशा दी है और कब कौन‑सी तिथि या समय विशेष महत्व रखती है। तो आगे बढ़िए, और इस संग्रह में पञ्चंग के साथ जुड़ी रोचक जानकारियों को पढ़िए।

12 अक्टूबर 2025 (रविवार) का पञ्चांग: तिथि, नक्षत्र, शुभ‑अशुभ मुहूर्त

12 अक्टूबर 2025 (रविवार) का पञ्चांग: तिथि, नक्षत्र, शुभ‑अशुभ मुहूर्त

  • अक्तू॰, 12 2025
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12 अक्टूबर 2025 (रविवार) का पञ्चांग जारी, जिसमें शाश्ठी तिथि, मृगशीर्ष नक्षत्र और कई शुभ‑अशुभ मुहूर्तों का विस्तृत विवरण दिया गया है। सूर्य देव की पूजा और स्कंद शाश्ठी उपवास का भी उल्लेख है।