ह्रदयाघात: लक्षण, कारण और उपचार
जब हम ह्रदयाघात को समझते हैं, यह हृदय की धमनियों में अचानक रुकावट से उत्पन्न जीवन‑घातक स्थिति है. इसे अक्सर दिल का दौर कहा जाता है, और यह धमनी रोग के व्यापक वर्ग में आता है। मुख्य लक्षणों में अचानक सीने में दबाव, तेज़ धड़कन, साँस लेने में कठिनाई और बाएँ हाथ में झुनझुनी शामिल हैं। अगर कभी आप या आपका कोई जान‑पहचान वाला इन संकेतों को महसूस करे, तो देर न करें – तुरंत एम्ब्युलेंस बुलाएँ। विविध रोगी डेटा से पता चलता है कि अविलम्ब उपचार के पहले घंटे में जीवन‑रक्षा की संभावनाएँ दो‑तीन गुना बढ़ जाती हैं। इस कारण ह्रदयाघात के बारे में सही जानकारी रखना अब किसी भी व्यक्ति के लिए जरूरी है।
जोखिम कारक और रोकथाम
ह्रदयाघात का जोखिम कई कारकों से जुड़ा होता है। सबसे प्रमुख है उच्च रक्तचाप, जो धमनियों की दीवारों पर तनाव पैदा कर तेज़ी से प्लाक निर्माण करवाता है। धूम्रपान, मोटापा, उच्च कोलेस्ट्रॉल, और बेपरवा जीवन‑शैली भी समान रूप से योगदान देते हैं। उदाहरण के तौर पर, नियमित धूम्रपान करने वाले लोगों में ह्रदयाघात का खतरा दो‑तीन गुना बढ़ जाता है। बेहतर खाने-पीने की आदतें, रोज़ाना कम से कम 30 मिनट चलना, और अल्कोहल का सीमित प्रयोग इस जोखिम को काफी घटा सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बीमारियों का प्रबंधन मुख्य रूप से जीवनशैली में बदलाव और समय‑समय पर रक्तचाप व कोलेस्ट्रॉल की जाँच से संभव है।
यदि ह्रदयाघात की चेतना पहले ही आ जाए, तो उपचार विकल्पों की समझ जरूरी है। प्रारम्भिक चरण में एंटी‑प्लेटलेट दवाएँ और रक्त थक्के को गिराने वाले दवा‑पैकेज उपयोग होते हैं, जो रक्त बहाव को पुनर्स्थापित करने में मदद करते हैं। गंभीर मामलों में हृदय की शल्य चिकित्सा – जैसे एंजियोप्लास्टी या बायपास सर्जरी – को एक्सट्राअरॉइटा को पुनः खोलने के लिए अपनाया जाता है। सर्जरी के बाद पुनर्वास में नियमित व्यायाम, बीमारी‑प्रबंधन वर्ग और आहार पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है, ताकि आगे की दोहराव की संभावना कम हो। नीचे आप ह्रदयाघात से जुड़ी नवीनतम खबरें, विशेषज्ञों की राय और उपयोगी सुझाव पाएँगे, जो आपके या आपके प्रियजनों की सेहत को सुरक्षित रखने में मदद करेंगे।

भोपाल के नाब तहसीलदार दीनेश साहू की ह्रदयाघात से मौत, राजा भोज हवाई अड्डे पर हादसा
- सित॰, 26 2025
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भोपाल के नाब तहसीलदार दीनेश साहू ने राजा भोज हवाई अड्डे पर कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अचानक ह्रदयाघात झेला और मौके पर ही दफ़नाया गया। पुलिस ने मामले को प्राकृतिक मृत्यु मानते हुए पूरे जांच प्रक्रिया की जानकारी दी। इस घटना ने सरकारी कर्मचारियों के स्वास्थ्य निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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