भोपाल के नाब तहसीलदार दीनेश साहू की ह्रदयाघात से मौत, राजा भोज हवाई अड्डे पर हादसा

भोपाल के गओविंदपुरा तहसील के नाब तहसीलदार ह्रदयाघात को लेकर एक भयानक घटना ने प्रशासनिक क्षेत्र को हिला दिया। गुरुवार दोपहर रजा भोज हवाई अड्डे पर दायित्वनिर्पण के दौरान दीनेश साहू के अचानक गिरने से सभी हैरान रह गये।
घटनाक्रम और प्रारम्भिक जानकारी
सुरु में दीनेश साहू को पूर्व निर्वाचन आयुक्त ओ.पी. रावत के साथ मैहुल विमान-प्रस्थान के लिये लायडिंग ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने स्वयं ड्राइव करके अड्डे पर पहुँच कर अपनी जिम्मेदारी निभाने को तैयार किया। लगभग दोपहर 12:30 बजे, जब रावत का फ्लाइट 12:45 बजे निर्धारित था, साहू ने तीव्र छाती में दर्द महसूस किया। उन्होंने थोड़ा बैठकर आराम करने की कोशिश की, पर कुछ ही क्षणों में शरीर लहराते‑लहराते जमीन पर गिर गये।
हवाई अड्डे के सुरक्षा कर्मियों और उपस्थित कर्मचारियों ने तुरंत वैक्सीनी सहायता की कोशिश की और पास के अस्पताल में आपातकालीन सेवाएं बुला लीं। तेज़ प्रतिक्रिया के बावजूद, दीनेश साहू को एम्ब्युलेंस में ले जाने के दौरान ही उनका निधन हो गया।

पुलिस जांच और आगे के कदम
गांधीनगर थाने के इंस्पेक्टर राजेश भदोरिया ने बताया कि दुर्घटना को प्राकृतिक मृत्यु के रूप में दर्ज किया गया है, पर सभी संभावनाओं को खारिज करने हेतु पूर्ण जांच चल रही है। एयरपोर्ट स्टाफ, गवाहों और पुलिस के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। शव को पोस्ट‑मोर्टेम के लिये भेजा गया है, जिससे हृदयाघात की पुष्टि होगी।
पुलिस ने दीनेश साहू के मेडिकल रिकॉर्ड, शिफ्ट‑शेड्यूल और हाल के तनाव‑कारकों को भी जांच में शामिल किया है। अधिकारी बताते हैं कि उनका कोई पुराना रोग ज्ञात नहीं था, पर लगातार यात्रा और उच्च दबाव वाले काम ने स्वास्थ्य पर असर डाला हो सकता है।
साहू ने रेवेन्यू इंस्पेक्टर से पदोन्नति पाकर दो साल पहले नाब तहसीलदार का पद हासिल किया था। टिकमगढ़ से स्थानांतरण के बाद वह भोपाल में गओविंदपुरा तहसील में कार्यरत थे, जहाँ उनका परिवार, दो बेटे, उनके साथ रहता था। सहकर्मियों ने उन्हें गंभीर, ईमानदार और कार्य के प्रति समर्पित बताया। उनके इस अचानक निधन ने प्रशासनिक वर्ग में गहरा शोक लाई है।

सरकारी कर्मचारियों की स्वास्थ्य सुरक्षा पर सवाल
इस दुखद घटना ने सरकारी कर्मचारियों के स्वास्थ्य जाँच और आपातकालीन प्रोटोकॉल को लेकर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। अक्सर फील्ड ऑफिसर हाई‑प्रेशर प्रोजेक्ट, यात्रा और लंबी कार्यशैली के कारण स्वास्थ्य जोखिम में होते हैं, पर नियमित मेडिकल स्क्रीनिंग की कमी अक्सर अनदेखी रह जाती है। विशेषज्ञ कहते हैं, ऐसे केस में टाइम‑टू‑ट्रीटमेंट और प्राथमिक एईडी सुविधाओं का होना अनिवार्य है।
कुछ अधिकारियों ने सुझाव दिया है कि सभी विभागों में वार्षिक कार्डियो‑वायरल जाँच अनिवार्य की जाए और उच्च तनाव वाले पदों पर काम करने वाले आधिकारिक कर्मियों को नियमित बॉडी‑इंफ़ॉर्मेशन मॉनिटरिंग की सुविधा दी जाए। साथ ही, आपातकालीन रिस्पॉन्स टीम को बेहतर प्रशिक्षण देकर ऐसे मामलों में समय पर मदद दर्ज की जानी चाहिए।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि यदि किसी को घटना के बारे में अतिरिक्त जानकारी है, तो वे तुरंत संपर्क करें। अंतिम संस्कार सभी कानूनी औपचारिकताओं के बाद होगा, और दीनेश साहू के परिवार को इस कठिन घड़ी में सभी विभागों से समर्थन मिलने की उम्मीद है।