नालंदा विश्वविद्यालय उद्घाटन: नीतीश कुमार की अचानक हरकत से चौंके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नालंदा विश्वविद्यालय उद्घाटन: नीतीश कुमार की अचानक हरकत से चौंके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जून, 19 2024

नालंदा विश्वविद्यालय: ऐतिहासिक प्रतिष्ठा की पुनर्स्थापना

राजगीर, बिहार में नए नालंदा विश्वविद्यालय परिसर के उद्घाटन समारोह का दृश्य अत्यंत रोमांचक और ऐतिहासिक था। इस उद्घाटन समारोह में, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी को चौंका दिया जब उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ पकड़कर उनकी उंगली पर मतदान स्याही की जाँच की। यह घटना तुरंत वीडियो में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।

दरअसल, इस विशेष मौके पर नीतीश कुमार की यह हरकत एक हंसी-मजाक के रूप में देखी गई। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की उंगली पकड़ के जाँच की और फिर अपनी खुद की बायीं अंगुली पर मतदान स्याही दिखाने लगे। इस पर दोनों नेताओं के बीच कुछ हंसी-मजाक हुआ और वहां मौजूद लोगों ने इस नजारे का आनंद लिया।

समारोह में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

समारोह में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

इस महत्वपूर्ण उद्घाटन समारोह में कई महत्वपूर्ण हस्तियां मौजूद थीं, जिनमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा शामिल थे। इस अवसर पर सभी ने नए विश्वविद्यालय परिसर की भव्यता और उसकी ऐतिहासिक महत्व पर चर्चा की।

इस नए नालंदा विश्वविद्यालय परिसर को 1600 साल पुराने ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय के डिजाइन की तर्ज पर बनाया गया है। यह नालंदा विश्वविद्यालय विश्व के पहले आवासीय विश्वविद्यालयों में से एक माना जाता है, जहां देश-विदेश के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर सकते थे।

नालंदा विश्वविद्यालय का ऐतिहासिक महत्व

नालंदा विश्वविद्यालय का ऐतिहासिक महत्व

प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना लगभग 5वीं शताब्दी में हुई थी और यह सदियों तक उच्च शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र बना रहा। इस विश्वविद्यालय में विभिन्न विषयों पर गहन अध्ययन और शोध कार्य होते थे। विभिन्न देशों से छात्र यहां आकर अध्ययन करते थे और इसे विश्व का पहला आवासीय विश्वविद्यालय माना जाता है।

आज भी नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष दर्शाते हैं कि तत्कालीन समय में यह विश्वविद्यालय कितना समृद्ध और प्रगतिशील था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह से पहले प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेषों का भी दौरा किया और वहां की उत्कृष्ट स्थापत्य कला की सराहना की।

समारोह की विशेषताएं

उद्घाटन समारोह के दौरान नई नालंदा विश्वविद्यालय की आधुनिक इमारतों और सुविधाओं का भी प्रदर्शन किया गया। यह परिसर आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस है ताकि छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिल सके। इसके डिजाइन में भारतीय संस्कृति और वास्तुकला की झलक साफ दिखाई देती है।

गणमान्य व्यक्तियों ने अपने वक्तव्यों में इस नए विश्वविद्यालय के महत्व और उसके भविष्य दिशा पर चर्चा की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह विश्वविद्यालय भारत की शैक्षणिक समृद्धि को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और देश-विदेश से छात्र यहां आकर ज्ञान अर्जित करेंगे।

समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी छात्रों और शिक्षकों को संबोधित किया और इस नई शुरुआत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय भारत की गौरवशाली शैक्षणिक परंपरा को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे देश की शिक्षा पद्धति को एक नई दिशा मिलेगी।

नई शुरुआत की ओर

नई शुरुआत की ओर

नए नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन से एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है। इससे शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसर और संभावनाएं खुलेंगी। यह न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के छात्रों के लिए एक प्रमुख शिक्षा केंद्र बनेगा। इस विश्वविद्यालय का उद्घाटन भारत की शिक्षा प्रणाली को उन्नत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस विश्वविद्यालय का परिसर अत्यंत सुंदर और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। यहां छात्रों के लिए अत्याधुनिक शोध केंद्र, पुस्तकालय और आवासीय सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को उच्चतम स्तर की शिक्षा और शोध के अवसर प्रदान करेगा।

इस अवसर पर छात्रों और शिक्षकों में भी अत्यंत उत्साह देखा गया। उन्होंने कहा कि नए नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययन करना उनके लिए गर्व की बात होगी। यह विश्वविद्यालय उनके सपनों को साकार करने और उनके भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इस प्रकार, नालंदा विश्वविद्यालय का उद्घाटन समारोह न केवल एक ऐतिहासिक घटना थी बल्कि यह शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

14 टिप्पणि

  • Image placeholder

    ankur Singh

    जून 19, 2024 AT 19:03

    नीतीश कुमार का यह ‘हँसी‑मजाक’ वाला इशारा, एक राजनीतिक नाटक से कम नहीं, बल्कि मोदी जी को ‘सही दिखाने’ की कोशिश है, जो कि बिल्कुल अनपेक्षित है; जनता को शरमाना नहीं चाहिए, लेकिन इस तरह की हरकतें गहरी सोच‑विचार की कमी को उजागर करती हैं; यह सिर्फ एक पलों का तमाशा है, पर असर लंबा रहेगा।

  • Image placeholder

    Aditya Kulshrestha

    जून 29, 2024 AT 01:16

    वास्तव में, नालंदा विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना का महत्व ऐतिहासिक है; लेकिन इस मौज‑मस्ती के बीच सरकारों का ध्यान शिक्षा से हटकर दिखावटी प्रदर्शन की ओर मोड़ना, तर्कसंगत नहीं है 😊। आप सभी को इस बात पर गहरी नज़र रखनी चाहिए कि हीरे की चमक सच्ची शैक्षणिक प्रगति से नहीं, बल्कि प्रचार‑प्रसार से आती है।

  • Image placeholder

    Sumit Raj Patni

    जुलाई 8, 2024 AT 07:30

    भाईयों, देखिए, नई नालंदा की लाइब्रेरी, रिसर्च सेंटर और मॉडर्न इन्फ्रास्ट्रक्चर को देखते हुए, यह कदम सच‑मुच चमकदार है; हमें इस पर गर्व होना चाहिए, लेकिन साथ‑साथ हमें इस ऊर्जा को सतत शिक्षा में बदलना चाहिए। चलिए, सभी मिलकर इस मंच को ज्ञान‑के‑सरोवर में बदलते हैं।

  • Image placeholder

    Shalini Bharwaj

    जुलाई 17, 2024 AT 13:43

    भाई, इस गर्फ़े में हम सब एकसाथ सीखेंगे, यही असली लक्ष्य होना चाहिए; अब सिर्फ फोटो‑सेशन नहीं, बल्कि सच्ची शैक्षणिक गुणवत्ता पर ध्यान देना जरूरी है। ध्यान रहे, हर व्याख्यान में दिल‑से बात हो, तभी छात्र आगे बढ़ेंगे।

  • Image placeholder

    Chhaya Pal

    जुलाई 26, 2024 AT 19:56

    नालंदा का पुनरुद्धार वाकई में भारत की शैक्षिक धरोहर को पुनर्जीवित करने का एक बड़ा अवसर है। यह केवल इंटीरियर की चमक नहीं, बल्कि दो पुरानी सभ्यताओं के बीच पुल बनाना है। हम सभी को इस मंच को एक ऐसा स्थान बनाना चाहिए जहाँ विभिन्न भाषाओं के छात्र अपनी आवाज़़ सुना सकें। इस नई स्थापना से ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को भी अति‑आधुनिक सुविधाएँ मिलेंगी, जो पहले असंभव माना जाता था। साथ ही, यहाँ के शोध केंद्र अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देंगे, जिससे हम विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनेंगे। यह नयी पहल न केवल हमारे इतिहास को सम्मान देती है, बल्कि भविष्य की दिशा को भी स्पष्ट करती है। इस अवसर पर हमें सभी को मिलकर इस संस्थान को सच्ची ज्ञान‑की‑धारा में बदलना चाहिए।

  • Image placeholder

    Naveen Joshi

    अगस्त 5, 2024 AT 02:10

    कूल है, नया कैंपस देखके दिल खुश हो गया, बहुत स्टाइलिश! बस देखना बाकी है, कैसे चलती है असली कक्षा।

  • Image placeholder

    Gaurav Bhujade

    अगस्त 14, 2024 AT 08:23

    इंफॉर्मेशन एग्जैक्टली सही है, लेकिन हमें इस आंदोलन में टिकाऊ पहलें भी देखनी चाहिए। चलिए, इस विश्वविद्यालय को वैज्ञानिक रिसर्च में लीडर बनाते हैं।

  • Image placeholder

    Chandrajyoti Singh

    अगस्त 23, 2024 AT 14:36

    नालंदा का पुनर्स्थापन न केवल भौतिक संरचना में है, बल्कि यह हमारे सांस्कृतिक आत्म‑विश्वास की पुनः पुष्टि है।
    इतिहास ने हमें सिखाया है कि ज्ञान की नींव पर ही सभ्यताएँ खड़ी होती हैं; इस नई संस्था में उन मूल्यों को पुनः स्थापित करना अति आवश्यक है।
    समाज में शैक्षणिक साक्षरता की कमी को दूर करने के लिए, हमें इस स्थान को विविधता और समावेशिता का मॉडल बनाना चाहिए।
    भाषा, धर्म, जाति‑भेद के बिना, छात्रों को खुले दिमाग से सीखना चाहिए, क्योंकि यही नालंदा के मूल सिद्धांत थे।
    अब जब प्रधान मंत्री और मुख्यमंत्री दोनों यहाँ उपस्थित हैं, तो यह प्रतीकात्मक है कि भारत की सर्वोच्च नेतृत्व शैक्षणिक उन्नति को प्राथमिकता देता है।
    हालांकि, उत्सव के बाद वास्तविक कार्य शुरू होता है, जैसे कि रिसर्च फ़ंडिंग, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, और गुणवत्तापूर्ण प्रोफ़ेसरों की भर्ती।
    इन पहलुओं में निरंतर पारदर्शिता और उत्तरदायित्व बनाए रखना आवश्यक है, नहीं तो यह सिर्फ एक भव्य इंटीरियर रहेगा।
    विद्यार्थी‑केन्द्रित नीतियों के माध्यम से, हम इस संस्थान को भविष्य‑उन्मुख बनाते हैं, जहाँ तकनीकी प्रगति और नैतिक शिक्षा संगठित हों।
    जब हम गहरी सोच‑विचार के साथ यहाँ की सुविधाओं का उपयोग करेंगे, तो नालंदा विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन जाएगा।
    समय की मांग है कि हम इस धरोहर को केवल स्मृति‑स्थल नहीं, बल्कि प्रयोग‑शाला में बदलें।
    भविष्य की पीढ़ियों को इस परिसर में ज्ञान की रोशनी मिलने पर गर्व महसूस होना चाहिए।
    इस प्रकार, नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुत्थान न केवल इतिहास का पुनर्लेखन है, बल्कि एक नई शैक्षणिक क्रांति की शुरुआत भी है।
    आइए, हम सब मिलकर इस लक्ष्य को साकार करें और नालंदा को पुनः विश्व में चमकाने का विश्वास रखें।

  • Image placeholder

    Riya Patil

    सितंबर 1, 2024 AT 20:50

    ऐसे लम्बे काम को देख कर दिल धड़क गया!

  • Image placeholder

    naveen krishna

    सितंबर 11, 2024 AT 03:03

    उपलब्धियों को देख कर उत्साहित हूँ, इस महान कार्य में सभी का सहयोग चाहिए 🙂।

  • Image placeholder

    Disha Haloi

    सितंबर 20, 2024 AT 09:16

    देशभक्त भारत के लिए इस तरह की पहल अत्यावश्यक है; यह न केवल इतिहास का सम्मान है बल्कि हमें वैश्विक मंच पर उन्नति का अवसर देता है। ये कदम दिखाते हैं कि हम अपने मूल सिद्धांतों को नहीं भूल रहे, बल्कि उन्हें आधुनिक रूप में पुनः स्थापित कर रहे हैं। वास्तव में, इस परियोजना के पीछे राष्ट्रीय गौरव की मजबूत भावना स्पष्ट है।

  • Image placeholder

    Mariana Filgueira Risso

    सितंबर 29, 2024 AT 15:30

    नालंदा का पुनर्निर्माण एक शानदार पहल है; हमें इस परियोजना में विशेषज्ञता और ऊर्जा को मिलाकर इसे सफल बनाना चाहिए। सभी शिक्षकों और शोधकर्ताओं को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए, ताकि हम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें।

  • Image placeholder

    Dinesh Kumar

    अक्तूबर 8, 2024 AT 21:43

    यह नया परिसर छात्रों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन सकता है; चलिए हम सभी मिलकर इसे ज्ञान‑के‑प्रकाशस्तंभ बनाते हैं।

  • Image placeholder

    Hari Krishnan H

    अक्तूबर 18, 2024 AT 03:56

    बिलकुल सही कहा, चलो मिलकर इस नालंदा को असली सीखने की जगह बनाते हैं।

एक टिप्पणी लिखें