मोदी 3.0 कैबिनेट में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं चुनाव हारने वाले रवनीत बिट्टू
जून, 9 2024रवनीत बिट्टू और मोदी 3.0 कैबिनेट में संभावित भूमिका
लुधियाना से लगातार तीन बार के कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, जो हाल ही में लोकसभा चुनाव में पराजित हुए, मोदी 3.0 कैबिनेट में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है। बिट्टू, जो दिवंगत पंजाब मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं, हमेशा से राजनीतिक हलचलों में चर्चित रहे हैं। उन्होंने चुनाव अभियान के दौरान किसानों के खिलाफ तीखे बयान दिए और यहां तक कि उन्हें धमकाने से भी नहीं चूके।
चुनाव हारने के बाद भले ही उनके राजनीतिक भविष्य पर सवाल उठने लगे हों, फिर भी प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से मिले एक कॉल ने सभी अटकलों को विराम दे दिया है। बिट्टू न केवल दिल्ली पहुंचे हैं, बल्कि उन्हें कैबिनेट में शामिल किए जाने की चर्चा भी तेजी से हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीसरी बार शपथ ग्रहण करने जा रहे हैं और PMO पूरी तरह से कैबिनेट के अंतिम रूप देने में जुटा है।
बिट्टू का राजनीतिक सफर और किसानों के प्रति रुख
रवनीत बिट्टू का राजनीतिक सफर हमेशा से ही विवादों और चर्चाओं से भरा रहा है। दिवंगत मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते होने के कारण उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत से ही वे सुर्खियों में रहे हैं। मगर, हालिया चुनाव अभियान में उनका किसानों के प्रति कड़ा रुख और विरोधी बयानों ने उन्हें और भी ज्यादा चर्चित बना दिया। उन्होंने न केवल किसानों की मांगों को खारिज किया बल्कि उन्हें धमकाने और नकारात्मक टिप्पणी करने से भी परहेज नहीं किया।
इस तरह के बयानों के चलते उन्हें चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा, जिसके बाद ऐसा माना जा रहा था कि अब उनका राजनीतिक करियर अंधकारमय हो चुका है। परन्तु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में उन्हें शामिल किए जाने की खबर आते ही उनके राजनीतिक करियर को फिर से नई दिशा मिलती नजर आ रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की शपथ ग्रहण समारोह आज आयोजित की जानी है। पीएमओ ने कैबिनेट को अंतिम रूप देने में पूरी ताकत झोंक दी है और ऐसे में रवनीत बिट्टू का नाम एक प्रमुख चेहरा बनकर उभरा है।
क्या वजह है बिट्टू को कैबिनेट में शामिल करने की
बिट्टू का कैबिनेट में शामिल होना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वे एक अनुभवी सांसद हैं और उनकी राजनीतिक पकड़ अच्छी है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में होने के कारण उनकी राजनीतिक अनुभव भी व्यापक है। इसके अलावा, एक समय पर किसानों के खिलाफ मुखर रहने के बावजूद वे कुछ तबकों में लोकप्रिय भी हैं।
बिट्टू का प्रधानमंत्री कार्यालय से कॉल मिलना और दिल्ली पहुंच जाना यह स्पष्ट संकेत है कि उन्हें नई जिम्मेदारियों के साथ तैयार रहने को कहा गया है। यदि उन्हें वास्तव में कैबिनेट में शामिल किया जाता है, तो यह न केवल पंजाब के राजनीतिक समीकरणों को बदल सकता है बल्कि कांग्रेस पार्टी को भी एक प्रकार की चुनौती देने का संकेत हो सकता है।
कैबिनेट में बिट्टू की संभावित भूमिका
अगर बिट्टू को कैबिनेट में महत्वपूर्ण मंत्रालय सौंपा जाता है, तो यह उनकी राजनीतिक यात्रा का एक नया मोड़ होगा। वे न केवल अपनी पार्टी बल्कि पूरे देश में अपनी पहचान बनाएंगे।
कैबिनेट में उनकी भूमिका किसानों के प्रति उनकी पिछली विचारधारा के मद्देनजर अहम होगी। वे अपनी पूर्व की आलोचनात्मक छवि को बदलने का प्रयास कर सकते हैं और किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए नई नीतियाँ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
अंततः, चाहे जो भी हो, रवनीत बिट्टू का नाम मोदी 3.0 कैबिनेट में शामिल होने को लेकर चर्चाओं में बना हुआ है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे अपने बयान और कार्यों के चलते नई जिम्मेदारियों को कबूल करते हैं और किस प्रकार की भूमिका निभाते हैं।