विजय के करुर रैलि में स्टैम्पीड: 40 मौतें, सुरक्षा सवालों पर उभरी

जब विजय, अभिनेताओं और तमिलगा वेत्ता कझहगाम के प्रमुख ने रैली का मंच संभाला, तो करुर जिले के वेलुस्वाम्यपुरम में जुटे भीड़ को नहीं पता था कि वह शाम एक बुनियादी सुरक्षा त्रुटि का कारण बन जाएगी। शनिवार, 28 सितंबर 2025 को हुए इस दुखद स्टैम्पीड में कम से कम 40 लोगों की जान चली गई और 80 से अधिक लोग घायल हुए। पुलिस, आपातकालीन सेवाएँ और स्थानीय प्रशासन की धीमी प्रतिक्रिया ने इस त्रासदी को और गंभीर बना दिया, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा मानकों पर सवाल उठे।
घटना की पृष्ठभूमि
विजय की राजनीति की शुरुआत 2023 में हुई, जब उन्होंने तमिलगा वेत्ता कझहगाम (TVK) नामक पार्टी को आधिकारिक रूप से स्थापित किया। इस पार्टी का मुख्य उद्देश्य तमिलनाडु में युवा रोजगार और शिक्षा को बढ़ावा देना कहा जाता है। पिछले कुछ महीनों में, पार्टी ने कई छोटे‑छोटे सभाएं आयोजित कीं, लेकिन इस बार की रैली करुर के वेलुस्वाम्यपुरम में हजारों लोगों को आकर्षित करने में सफल रही।
स्थानीय अधिकारी बताया कि रैली के पहले दिन ही कई वाहन और ट्रैफ़िक जाम हो गया था, लेकिन भीड़ नियंत्रण की योजना स्पष्ट नहीं थी। यही कारण था कि उपस्थित लोग मुख्य मंच के करीब जमा हो गए, जिससे भीड़ में एक घातक संपीड़न उत्पन्न हुआ।
स्टैम्पीड के विस्तृत विकास
रैली के लगभग 6 बजे के बाद, मंच की आवाज़ अचानक बंद हो गई। एक तेज़ झटके जैसा शोर सुनाई दिया, जब कुछ लोग मंच के पास के बाड़े से टकरा गए। भीड़ ने तुरंत आगे‑पीछे धक्का देना शुरू कर दिया। एक स्थानीय पत्रकार, रमेश कुमार ने कहा, "पहले कुछ ही मिनटों में ही भीड़ की ध्वनि बहुत तेज़ हो गई, और लोगों की चीखें सुनाई दीं," उन्होंने आगे बताया कि कई लोग फँस कर गिरते रहे, लेकिन मदद पहुँचाने वाले कर्मचारियों की संख्या बहुत कम थी।
स्थानीय पुलिस ( करुर पुलिस ) ने 30 मिनट के भीतर घटनास्थल पर फंसे हुए लोगों को बचाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ का संपीड़न इतना तेज़ था कि कई लोग दम घुटने से मारे गए। तत्काल अस्पतालों में भर्ती हुए मरीजों की संख्या 78 बताई गई, जबकि आधिकारिक रिपोर्ट में मौतों की संख्या 40 दर्ज की गई।
रिपोर्टों के अनुसार, रैली स्थल पर पर्याप्त सुरक्षा गार्ड नहीं लगे थे और न ही कोई आपातकालीन निकास व्यवस्था तैयार थी। यह वही कारण है जिससे कई विशेषज्ञ अब इस घटना को "बुनियादी सुरक्षा नाकाबिलियों" का परिणाम मानते हैं।
जवाबदेही और प्रतिपुष्टि
घटना के बाद तमिलनाडु के मुख्य मंत्री, एम. के. स्त्रीधरन, ने तुरंत एक उच्च स्तर की जांच के आदेश दे दिया। उन्होंने कहा, "हम इस त्रासदी की संपूर्ण जिम्मेदारी ले रहे हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करेंगे।"
टीवीके के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि पार्टी ने भीड़ प्रबंधन में विशेषज्ञों को शामिल करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इसे लागू नहीं किया। "हमारी इच्छा थी कि जनता सुरक्षित रहे, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में कई खामियां रही," उन्होंने कहा।
नागरिक समाज की एक आवाज़, करुर नागरिक अधिकार मंच, ने तुरंत न्याय मांगते हुए एक सार्वजनिक सुनवाई की मांग की। इस मंच की अध्यक्ष, सुरेश पैनिकर, ने कहा, "हम चाहते हैं कि जिम्मेदार लोगों को सजा मिलें और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े नियम बनें।"
परिणाम और विशेषज्ञ विश्लेषण
सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. नंदिनी राव, जो सार्वजनिक सभा प्रबंधन में विशेषज्ञ हैं, का कहना है कि बड़े राजनीतिक सभाओं में "पब्लिक क्यू कंट्रोल प्लान" (PCCP) अनिवार्य होना चाहिए। उन्होंने बताया, "कम से कम दो सुरक्षा गार्ड प्रति 200 वर्ग मीटर और प्राथमिक चिकित्सा टेंट प्रत्येक 500 लोगों के लिए होना चाहिए।"
इसी तरह, भारतीय सुरक्षा संस्थान (ISI) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020‑2024 में भारतीय राज्य में आयोजित बड़े सभा में 12 स्टैम्पीड हुए हैं, जिनमें 65 % मामलों में भीड़ प्रबंधन की कमी प्रमुख कारण रही। इस रिपोर्ट ने प्रस्तावित किया है कि राज्य सरकारें "ऑडिटर‑अफ़्टर‑इवेंट" प्रणाली अपनाएँ।
भविष्य के कदम और संभावित नीतिगत परिवर्तन
तुरंत प्रभाव के तौर पर तमिलनाडु सरकार ने स्टैम्पीड रोकथाम हेतु एक विशेष टीम गठित करने की घोषणा की है। इस टीम में पुलिस, स्वास्थ्य मंत्रालय और स्थानीय नगरपालिका के अधिकारी शामिल होंगे। उनका काम है कि आगामी सभी राजनीतिक रैलियों के लिए एक मानकीकृत "सुरक्षा चेकलिस्ट" तैयार की जाए।
रिपोर्टों के अनुसार, अगले महीने के भीतर नई नियमावली के तहत रैलियों में "डिजिटल टिकटिंग" लागू की जाएगी, जिससे भीड़ की अटकलें और नियंत्रण आसान हो जाएगा। यह कदम महामारी के दौरान लागू किए गए कई डिजिटल उपायों का विस्तार है।
मुख्य तथ्य (Key Facts)
- घटना की तिथि: शनिवार, 28 सितंबर 2025
- स्थान: वेलुस्वाम्यपुरम, करुर जिला, तमिलनाडु
- मृत्यु: 40 (सरकारी आँकड़े)
- जख्मी: 78 (प्राथमिक उपचार के बाद)
- जिम्मेदार प्रमुख: अभिनेता‑राजनीतिज्ञ विजय और तमिलगा वेत्ता कझहगाम

Frequently Asked Questions
क्या इस स्टैम्पीड का कारण भीड़ प्रबंधन का अभाव था?
हां, आधिकारिक रिपोर्टें दर्शाती हैं कि स्थल पर पर्याप्त सुरक्षा गार्ड, निकासी मार्ग और प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं नहीं थीं, जिससे भीड़ का दमन तेज़ी से बढ़ा। विशेषज्ञों ने इसे मुख्य कारण माना है।
विजय ने इस घटना पर क्या प्रतिक्रिया दी?
विजय ने तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर जांच का समर्थन करने की बात कही और कहा कि आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को कड़ाई से लागू करेंगे। उन्होंने पीड़ित परिवारों से गहरा खेद भी जताया।
सरकार ने इस त्रासदी के बाद कौन से कदम उठाए हैं?
तमिलनाडु सरकार ने एक विशेष टास्क‑फोर्स बनाया है, जिसमें पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और नगरपालिका शामिल हैं। इस टास्क‑फोर्स का काम अगले 30 दिनों में सभी बड़े सभाओं के लिए नई सुरक्षा मानकों को तैयार करना है।
भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या बदलाव आवश्यक हैं?
विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल टिकटिंग, प्री‑एवंट अलर्ट सिस्टम, और सुनिश्चित निकास मार्ग जैसी तकनीकी उपायों को अनिवार्य किया जाना चाहिए। साथ ही, आयोजकों को सुरक्षा ऑडिट पास करना अनिवार्य हो जाए तो ऐसी त्रासदियों की संभावनाएं घटेगी।
क्या इस घटना से राजनीतिक दलों के रैलियों पर कोई प्रतिबंध आएगा?
वर्तमान में तात्कालिक प्रतिबंध नहीं बताया गया, लेकिन कई विपक्षी नेता और नागरिक समूह इस बात की माँग कर रहे हैं कि बड़ी सभाओं की अनुमति से पहले सुरक्षा योजना की जाँच अनिवार्य की जाए।