वाराणसी फिल्म के लिए महेश बाबू और प्रियंका चोपड़ा को मिले 2 करोड़, एवेंट पर खर्च हुए 15 करोड़
नव॰, 18 2025
जब एस. एस. राजमौली ने 16 नवंबर, 2025 को रामोजी फिल्म सिटी में अपनी नई फिल्म 'वाराणसी' का ऐलान किया, तो दर्शकों की नजरें न सिर्फ फिल्म के विशाल स्केल पर टिकीं, बल्कि उसके लिए दिए गए भुगतान पर भी। फिल्म के लॉन्च इवेंट में शामिल महेश घट्टमनेनी (महेश बाबू) और प्रियंका चोपड़ा जोनास को हर एक को 2 करोड़ रुपये मिले — ये न सिर्फ उनके एक्टिंग का हिस्सा था, बल्कि एक ऐसा इवेंट बनाने का भुगतान था जिसकी लागत 15 करोड़ रुपये थी।
फिल्म का विशाल बजट और अनूठा कॉन्सेप्ट
श्री दुर्गा आर्ट्स और शोइंग बिजनेस की ओर से बनाई जा रही यह फिल्म, जिसका बजट 1,200 करोड़ रुपये (लगभग 140 मिलियन डॉलर) है, भारत की दूसरी सबसे महंगी फिल्म बन गई है — सिर्फ 'रामायण' के बाद। राजमौली ने 'आरआरआर' (2022) के बाद इस फिल्म के साथ अपनी दूसरी बड़ी रिलीज की शुरुआत की है। फिल्म का कहानी आधार वाराणसी के प्राचीन आध्यात्मिक विरासत को विज्ञान कथा के रूप में प्रस्तुत करना है — जहां महेश बाबू 'रुद्र' नाम के एक अन्वेषक की भूमिका निभा रहे हैं, जो हनुमान से प्रेरित हैं।
लॉन्च इवेंट: 15 करोड़ का नाटक
इवेंट का आयोजन बिल्कुल एक बॉलीवुड स्टाइल में नहीं, बल्कि एक देशी-वैश्विक मिश्रण में हुआ। प्रियंका ने अपने लिए एक पारंपरिक भारतीय पोशाक पहनी — मांग तिक्का, बाजूबंद और कमर की पट्टी — और फैंस को नमस्ते करके अभिवादन किया। जबकि महेश बाबू ने एक खून से लथपथ त्रिशूल लिए एक बैल पर सवारी की दृश्य दिखाई गई। इस इवेंट की लागत के बारे में शुरुआत में 10 से 18 करोड़ रुपये के अंदाजे थे, लेकिन अब स्रोतों के मुताबिक, यह 15 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसका मुख्य कारण? एक ऐसा इवेंट जिसमें न केवल तकनीकी उपकरण, बल्कि लाखों रुपये के फूल, लाइटिंग, लाइव म्यूजिक और एक विशेष आयोजन टीम शामिल थी।
सुरक्षा लीक और राजमौली का क्रोध
फिल्म की शूटिंग के दौरान 9 मार्च, 2025 को एक बड़ा सुरक्षा लीक हुआ। महेश और प्रियंका के कुछ दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। राजमौली को इससे इतना गुस्सा आया कि उन्होंने तुरंत प्रोडक्शन हाउस को नई सुरक्षा एजेंसी भर्ती करने का आदेश दिया। इस घटना के बाद फिल्म के लिए अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था शुरू हुई — जिसमें शूटिंग स्थलों पर कैमरे की लाइसेंस वाली निगरानी और फुटेज के डिजिटल एन्क्रिप्शन की शुरुआत शामिल थी।
वाराणसी का नकली संस्करण हैदराबाद में
अप्रैल 2025 में, हैदराबाद के एक विशाल स्टूडियो में वाराणसी का एक पूरा नकली संस्करण बनाया गया। ये सेट केवल बाहरी दिखावट नहीं था — इसमें काशी के मंदिरों, घाटों और बाजारों की हर छोटी विस्तार को शामिल किया गया। ओडिशा के कोरापुत में शूटिंग के बाद यह सेट फिल्म के केंद्रीय भाग के लिए आधार बन गया। नवंबर 2025 तक, राजमौली ने घोषणा कर दी कि फिल्म के क्लाइमैक्स के दृश्य शूट हो चुके हैं।
कलाकारों की वापसी और नए युग की शुरुआत
प्रियंका चोपड़ा जोनास ने 2019 की फिल्म 'द स्काई इज पिंक' के बाद भारतीय सिनेमा में वापसी की है। उनकी इस फिल्म में भूमिका को उनके करियर के एक नए अध्याय के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, पृथ्वीराज सूकुमारन अपने तीसरे तेलुगु फिल्म 'सलार: पार्ट 1 — सीजफायर' के बाद राजमौली के साथ काम कर रहे हैं। दोनों अभिनेता अपनी भूमिकाओं में अलग-अलग दिशाओं की ओर बढ़ रहे हैं — एक देशी नायक, दूसरा वैश्विक स्टार।
फिल्म का नाम: क्यों नहीं है अभिनेताओं के नाम?
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, फैंस यह सोच रहे हैं कि फिल्म के टाइटल कार्ड पर महेश बाबू, प्रियंका और पृथ्वीराज के नाम क्यों नहीं हैं। क्या राजमौली चाहते हैं कि कहानी खुद बोले? या फिर यह एक ऐसा ट्रिक है जिससे फिल्म का नाम ही एक अलग पहचान बन जाए? ये सवाल अभी तक जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
अगला कदम: संक्रांति 2027
फिल्म की रिलीज की तारीख 2027 के मध्य जनवरी — संक्रांति के दौरान तय हो चुकी है। यह समय भारतीय सिनेमा में सबसे लाभदायक रिलीज विंडो में आता है। अगर यह फिल्म अपने बजट के बराबर बॉक्स ऑफिस पर कमाती है, तो यह भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक नया मानक स्थापित कर देगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
महेश बाबू और प्रियंका चोपड़ा को फिल्म के लिए कितना भुगतान मिला?
दोनों अभिनेताओं को फिल्म के लॉन्च इवेंट में शामिल होने के लिए प्रत्येक को 2 करोड़ रुपये मिले। यह भुगतान उनके एक्टिंग के लिए नहीं, बल्कि एक विशाल आयोजन के लिए उनकी उपस्थिति और शोर-शराबे के लिए दिया गया है। फिल्म के असली एक्टिंग फीस का खुलासा अभी तक नहीं हुआ है।
'वाराणसी' फिल्म का बजट क्यों इतना ज्यादा है?
फिल्म का बजट 1,200 करोड़ रुपये है क्योंकि इसमें हैदराबाद में बनाया गया वाराणसी का पूरा नकली सेट, विश्व स्तरीय वीएफएक्स, एक बड़ी टेक्निकल टीम, और अंतरराष्ट्रीय डिजिटल मार्केटिंग शामिल है। इसके अलावा, फिल्म को वैश्विक स्तर पर रिलीज करने की योजना है, जिसके लिए अतिरिक्त लागत आएगी।
प्रियंका चोपड़ा ने कितने साल बाद भारतीय सिनेमा में वापसी की है?
प्रियंका चोपड़ा जोनास ने 2019 की फिल्म 'द स्काई इज पिंक' के बाद लगभग छह साल बाद भारतीय सिनेमा में वापसी की है। इस दौरान वह हॉलीवुड और नेटफ्लिक्स के प्रोजेक्ट्स में रहीं, लेकिन अब वह अपने भारतीय जड़ों की ओर लौट रही हैं — जिसे फैंस उनके करियर के एक अहम मोड़ के रूप में देख रहे हैं।
फिल्म के लिए वाराणसी का सेट कहाँ बनाया गया?
वाराणसी का पूरा नकली सेट हैदराबाद के एक विशाल स्टूडियो में बनाया गया है। इसमें गंगा के घाट, देवालय, बाजार और गलियाँ तक बनाई गईं। ये सेट वास्तविक वाराणसी के वास्तुकला और वातावरण को नकल करता है — जिसके लिए वास्तुकारों ने लगभग छह महीने तक काम किया।
फिल्म का रिलीज डेट क्यों संक्रांति 2027 रखा गया?
संक्रांति का मौका भारतीय सिनेमा में सबसे बड़ी बॉक्स ऑफिस बुकिंग का समय होता है। यह अवधि त्योहार, परिवार यात्रा और नए फिल्म देखने की भावना से भरी होती है। इसलिए राजमौली ने इस फिल्म को इस दौरान रिलीज करने का फैसला किया — ताकि यह अपने बजट को वापस पाने और रिकॉर्ड बनाने में सक्षम हो सके।
फिल्म के लिए क्या खास चुनौतियाँ आईं?
फिल्म के लिए तीन बड़ी चुनौतियाँ आईं: पहली, मार्च 2025 में हुई फुटेज लीक; दूसरी, हैदराबाद में वाराणसी के सेट का निर्माण जिसमें लाखों रुपये खर्च हुए; और तीसरी, प्रियंका जैसे अंतरराष्ट्रीय स्टार के लिए तेलुगु डायलॉग सीखने की चुनौती। इन सबके बावजूद, टीम ने अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ा।