उत्तarakhand पंचायत चुनाव गिनती: रमणनगर में 14 टेबलों पर शुरू हुई परिणाम प्रक्रिया

उत्तarakhand पंचायत चुनाव गिनती: रमणनगर में 14 टेबलों पर शुरू हुई परिणाम प्रक्रिया सित॰, 26 2025

रमणनगर में गिनती की शुरुआत और व्यवस्था

उत्तarakhand पञ्चायत चुनाव 2025 की गिनती आज रमणनगर में आधिकारिक तौर पर शुरू हुई। राज्य चुनाव अधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि इस जिले में कुल 14 गिनती टेबलें लगाई गई हैं, ताकि प्रत्येक ब्लॉक के मतपत्रों को सुरक्षित एवं पारदर्शी तरीके से गिना जा सके। टेबलों के चारों ओर इलेक्ट्रॉनिक मशीनें और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे कोई भी छेड़छाड़ का मौका न रहे।

गिनती में मदद के लिए 15,000 से अधिक स्टाफ़ को विभिन्न विभागों से जुड़वाया गया है। साथ ही, 8,926 सुरक्षा कर्मियों ने इस प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने के लिए तैनाती की है। यह व्यापक सुरक्षा व्यवस्था यह सुनिश्चित करती है कि काउंटी स्तर पर भी शांति व्यवस्था बनी रहे।

पंचायत चुनाव के प्रमुख आंकड़े और उनका असर

इस चुनाव में कुल 34,151 उम्मीदवारों ने गांव, ब्लॉक और जिला स्तर के 10,915 पदों के लिए दावेदारी की। मतदाता भागीदारी 69.16% रही, जो पिछले पंचायत चुनावों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है। खास बात यह है कि महिला मतदाता की सहभागिता पुरुषों से अधिक रही, जिससे स्थानीय शासन में महिलाओं की आवाज़ मजबूत हो रही है।

मतदान दो चरणों में 24 और 28 जुलाई को 12 जिलों में आयोजित किया गया, जबकि हरिद्वार को इस बार से बाहर रखा गया। गिनती का काम 31 जुलाई से राज्य के सभी विकास ब्लॉकों में एकसाथ शुरू हो गया। परिणामों की घोषणा के बाद, तीन‑स्तरीय पञ्चायत प्रणाली में नए प्रतिनिधियों का चयन होगा, जो ग्राम, ब्लॉक और जिला स्तर पर विकास योजनाओं एवं सार्वजनिक सेवाओं को संचालित करेंगे।

गिनती के दौरान प्रत्येक तालिका से आंकड़े रीयल‑टाइम में राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्यालय भेजे जाते हैं, जिससे देर बिना परिणामों की पुष्टि संभव हो पाती है। इस प्रक्रिया में उत्तarakhand पञ्चायत चुनाव का पारदर्शिता स्तर पहले से कहीं अधिक बढ़ा है, और नागरिकों का भरोसा भी मजबूत हो रहा है।

देश के कई राज्यों में स्थानीय स्तर पर लोकतंत्र को सशक्त बनाने के प्रयास जारी हैं, और उत्तराखंड ने इस बार तकनीकी एवं सुरक्षा उपायों को सम्मिलित करके एक नई मिसाल कायम की है। आगे आने वाले दिनों में विभिन्न ब्लॉकों के वोटिंग पैटर्न और विकास एजेंडा पर चर्चा अपेक्षित है, जो प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक दिशा-निर्देशों को प्रभावित करेगी।