सूर्यग्रहण क्या है? सरल शब्दों में समझें

सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और थोड़ी या पूरी तरह से सूर्य को ढँक देता है। ये घटना कभी‑कभी दृश्य होती है और लोगों को बहुत उत्साहित कर देती है। लेकिन इस खूबसूरत दिखाव को सुरक्षित देखना बहुत जरूरी है, नहीं तो आँखों को नुकसान हो सकता है।

सूर्यग्रहण के मुख्य प्रकार

सूर्यग्रहण दो मुख्य रूप में आता है – पूर्ण सूर्यग्रहण और अंशीय सूर्यग्रहण। पूर्ण सूर्यग्रहण में चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को ढँक लेता है और अंधकार छा जाता है, जबकि अंशीय में केवल सूर्य का एक हिस्सा ही छिपता है। कभी‑कभी त्रिज्या सूर्यग्रहण भी देखा जाता है, जिसमें चंद्रमा सूर्य के किनारे को छूता है, जिससे चमकीला रिंग बनता है।

सुरक्षित रूप से सूर्यग्रहण देखना कैसे?

सुरक्षा के बिना सूर्य को सीधे देखना आँखों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है। सबसे आसान और भरोसेमंद तरीका है विशेष सूर्यग्रहण चश्मा (इओनोफिल्टर) का उपयोग करना। ये चश्मे सूर्य की तीव्र रोशनी को ब्लॉक कर देते हैं, जिससे आप पूरी सहजता से ग्रहण देख सकते हैं। अगर चश्मा नहीं है, तो किसी भी साधारण सौर्य प्रतिबिंबित सामग्री, जैसे कि मोटा कागज या फोटोफ्रेम के पीछे का काले रंग वाला फ़िल्टर, काम नहीं करेगा।

एक और तरीका है प्रोजेक्शन पद्धति: छोटा छेद बनाकर सूर्य की रोशनी को सफेद कागज या स्क्रीन पर प्रोजेक्ट करें। इससे आँखों के सीधे संपर्क से बचा जा सकता है और समूह में भी मज़ा आता है। याद रखें, कभी भी लेंस, टेलीस्कोप या कैमरा को बिना उचित फ़िल्टर के सूर्य की ओर न रखें, क्योंकि इससे उपकरण और आँखें दोनों को नुकसान हो सकता है।

ग्रहण के दौरान मौसम भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बादल या धुंध की स्थिति में अक्सर स्पष्ट दृश्य नहीं मिलता, इसलिए स्थानीय मौसम पूर्वानुमान देखना बेहतरीन रहेगा। यदि मौसम साफ़ है, तो आप ग्रहण के विभिन्न चरणों, जैसे प्रारम्भिक छाया, अधिकतम छाया और पुनः प्रकाश किरणों को देख सकते हैं।

ग्रहण का इतिहास भी रोचक है। प्राचीन सभ्यताएँ सूर्यग्रहण को दंग रहित या भविष्यवाणी का संकेत मानती थीं। भारतीय वैदिक ग्रंथों में भी कुछ सूर्यग्रहण के उल्लेख मिलते हैं, जहाँ इसे उपवास और पूजा के साथ देखा जाता था। आज विज्ञान ने इसे समझा है, पर फिर भी यह घटना हर बार नया उत्साह लाती है।

अगर आप आगामी सूर्यग्रहण देखना चाहते हैं, तो भारत में 2026 का पूर्ण सूर्यग्रहण एक बड़ा इवेंट रहेगा। इसके लिए सबसे अच्छा स्थान उत्तर भारत के कुछ भाग हो सकते हैं। स्थानीय समाचार पोर्टल और मौसम विभाग की साइट पर समय और दिशा की ताज़ा जानकारी मिल सकती है।

अंत में, सूर्यग्रहण का आनंद लेने के लिए तैयारी जरूरी है: सही चश्मा, साफ़ आसमान, और थोड़ी जानकारी। इस प्रकार आप न सिर्फ खूबसूरत दृश्य देखेंगे, बल्कि अपनी आँखों को सुरक्षित भी रखेंगे। अब अगले सूर्यग्रहण का इंतजार करिए और तैयार रहिए, क्योंकि यह एक बार का मौका है, जिसे बार‑बार नहीं दोहराया जा सकता।

सूर्यग्रहण के सूतक काल में गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी सावधानियां

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  • सित॰, 21 2025
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21 सितंबर 2025 को होने वाला अंतिम सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, परंतु कुछ क्षेत्रों में सूतक काल के रीति‑रिवाज़ चलते हैं। इस समय गर्भवती महिलाओं को खाने‑पीने व सामान्य कार्यों से दूर रहने की सलाह दी जाती है। मंदिर बंद होते हैं और पूजा‑अर्चना में रोक लगती है। लेख में इस ग्रहण के विज्ञान और सांस्कृतिक पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है।