सरिपोधा शनिवारम मूवी रिव्यू: नानी और एसजे सूर्या के दम पर यह मसाला एंटरटेनर

सरिपोधा शनिवारम मूवी रिव्यू: नानी और एसजे सूर्या के दम पर यह मसाला एंटरटेनर अग॰, 30 2024

फिल्म का परिचय

तेलुगु फिल्म उद्योग में मसाला एंटरटेनर फिल्मों का एक अटूट स्थान है। 'सरिपोधा शनिवारम' भी ऐसी ही एक फिल्म है जो दर्शकों को रोमांचक अनुभव देने की कोशिश करती है। नानी और एसजे सूर्या जैसे बेहतरीन अभिनेताओं के साथ इस फिल्म का निर्देशन विवेक आत्रेया ने किया है। फिल्म की कहानी पारंपरिक है, लेकिन इसके बावजूद यह दर्शकों को एक समय पास एंटरटेनमेंट देती है।

कहानी की थरथपकड़ा

'सरिपोधा शनिवारम' की कहानी एक मां के प्रति एक बेटे के वादे पर आधारित है। बेटा अपनी मां को एक वादा करता है और इसके चलते वह शक्तिशाली लोगों से टकरा जाता है। धीरे-धीरे, वह एक मसीहा की तरह उभर कर सामने आता है जो उत्पीड़ित लोगों की मदद करता है।

प्रदर्शन और किरदार

नानी ने अपनी भूमिका को अच्छे से निभाया है और वे फिल्म का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उनके साथ एसजे सूर्या ने भी अपना अभिनय का जादू बिखेरा है। एसजे सूर्या की भूमिका फिल्म में खासतौर पर शो-स्टीलर साबित होती है। अन्य कलाकारों में प्रियंका मोहन, मुरली शर्मा, अजय, साई कुमार और हर्ष वर्धन ने भी अपनी भूमिकाएं अच्छे से निभाई हैं।

तकनीकी पहलू

फिल्म के तकनीकी पहलू भी सराहनीय हैं। जेक्स बिजॉय का संगीत फिल्म की जान है और इसके गाने दर्शकों को पूरी तरह से रिझा लेते हैं। फिल्म की छायांकन और संपादन भी बेहतरीन है जो दर्शकों को कहानी में डूबे रहने में मदद करता है।

स्क्रीनप्ले और निर्देशन

हालांकि 'सरिपोधा शनिवारम' की कहानी पुरानी और जानी पहचानी लगती है, लेकिन इसके निर्देशन और स्क्रीनप्ले की तारीफ करनी होगी। हर दृश्य में फिल्म निर्माता ने ध्यान दिया है, जिससे फिल्म का पूरा असर बरकरार रहता है।पर कुछ दृश्य ऐसे हैं जो कहानी को आगे बढ़ाने में योगदान नहीं देते और थोड़े उबाऊ महसूस होते हैं।

निष्कर्ष

समग्र रूप से 'सरिपोधा शनिवारम' एक एंटरटेनिंग मसाला फिल्म है जिसे देखने का अपना मजा है। हालांकि इसमें कोई नए तत्व नहीं हैं, लेकिन इसकी दमदार नानी और एसजे सूर्या के प्रदर्शन के साथ-साथ फिल्म का संगीत और अन्य तकनीकी पहलू इसे देखने लायक बनाते हैं।