शक्तिकांत दास बने प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव, अर्थव्यवस्था में आएंगे बदलाव

शक्तिकांत दास बने प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव, अर्थव्यवस्था में आएंगे बदलाव मार्च, 3 2025

प्रधानमंत्री कार्यालय में शक्तिकांत दास की नई भूमिका

पूर्व भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है, जो एक नए बनाए गए पद पर उनके व्यापक आर्थिक अनुभव का लाभ उठाने का संकेत देता है। यह नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब भारत विभिन्न आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, जैसे कि बढ़ता पेंशन खर्च और वैश्विक व्यापार में तनाव।

दास की नियुक्ति की घोषणा 22 फरवरी, 2025 को की गई और यह नियुक्ति मोदी के कार्यकाल के अंत तक या अगले आदेश तक के लिए होगी। दास, 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी के रूप में अपनी सेवा की शुरुआत कर चुके हैं और आर्थिक नीति निर्धारण में उनका व्यापक अनुभव है। उन्होंने 2016 में विमुद्रीकरण और 2017 में जीएसटी के कार्यान्वयन जैसे निर्णायक दौरों में आर्थिक मामलों के सचिव और राजस्व सचिव की भूमिकाएं निभाईं थीं।

आर्थिक संकट प्रबंधन में दास की कुशलता

आर्थिक संकट प्रबंधन में दास की कुशलता

आरबीआई गवर्नर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान (2018-2024), शक्तिकांत दास ने कई बड़े आर्थिक संकटों का नेतृत्व किया, जैसे कि COVID-19 महामारी, IL&FS पतन और भू-राजनीतिक मुद्रास्फीतिक दबाव। दास ने बैंकों के एनपीए को 10.8% से घटाकर 2.8% तक लाने में सफलता प्राप्त की। उनकी प्रशासनिक कुशलता और नीति निर्धारण में गहराई उन्हें वर्तमान आर्थिक अस्थिरताओं, जैसे कि वैश्विक व्यापार तनाव और बढ़ती पेंशन व्यय की समस्याओं को समझने और संभालने में मदद करेगी।

दो प्रधान सचिव के साथ काम के इस नए मॉडल में, दास पीके मिश्रा के साथ मिलकर कार्य करेंगे, जो पहले से ही प्रधान सचिव के रूप में कार्यरत हैं। यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि पहली बार प्रधानमंत्री कार्यालय में दो प्रधान सचिव एक साथ कार्य करेंगे।

यह मूल रूप से संकेत देता है कि सरकार संकट प्रबंधन और संस्था समन्वय में दास के ट्रैक रिकॉर्ड का लाभ उठाना चाहती है, जिससे अर्थव्यवस्था में स्थिरता आएगी।