प्रयागराज महाकुंभ में भीषण आग: गीता प्रेस कैंप में सिलेंडर विस्फोट से 100 टेंट जलकर खाक

प्रयागराज महाकुंभ में भीषण आग: गीता प्रेस कैंप में सिलेंडर विस्फोट से 100 टेंट जलकर खाक जन॰, 20 2025

प्रयागराज महाकुंभ में भीषण आग: कैसे गीता प्रेस कैंप में सिलेंडर विस्फोट से फैली आग

प्रयागराज के महाकुंभ मेला में रविवार दोपहर एक भयंकर घटना घटी जब कैंपसिटी के सेक्टर 19 में एक विशाल आग लग गई। यह आग गीता प्रेस के कैंप में दो से तीन गैस सिलेंडरों के विस्फोट के कारण लगी। संभवतः यह विस्फोट स्थल की अव्यवस्थित स्थिति के कारण हुआ और जल्द ही इसने आसपास के टेंटो, जैसे कि तुलसी मार्ग पर स्थित निर्मल आश्रम और विवेकानंद सेवा समिति के कैम्पस को अपने चपेट में ले लिया।

स्थिति का जायजा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

घटना की सूचना मिलते ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने तुरंत ही इसे नियंत्रित करने के लिए फायर ब्रिगेड, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की सहायता ली। इनके तत्पर और कुशल प्रयासों से आग पर काबू पा लिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री से बातचीत कर घटना की जानकारी ली।

दमकल विभाग और सुरक्षा बलों की तत्परता के कारण संकट टला

महाकुंभ के मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि गीता प्रेस के कैम्प में सिलेंडर विस्फोट के कारण आग लगी। लगभग दो घंटे की मुस्तैदी और तत्पर्तन से दमकल विभाग की दस गाडियाँ और दर्जनों अग्निशामक मोटरसाइकिलों ने आग पर नियंत्रण कर लिया। आग बुझाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और मेला प्रशासन के अधिकारियों ने फायर विभाग के कर्मचारियों का साथ दिया।

घटना में कोई हताहत नहीं, स्थिति नियंत्रण में

हालांकि, इस आग में कोई जानहानि नहीं हुई है। महाकुंभ के जिला मजिस्ट्रेट विजय किरण आनंद ने कहा कि आग पूरी तरह से बुझा दी गई है और स्थिति नियंत्रण में है। एक व्यक्ति, राजबीर सिंह, ने आग बुझाने के प्रयास के दौरान दौडने पर अपने पैर में फ्रैक्चर करा लिया और उन्हें इलाज के लिए स्वरुप रानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया।

महाकुंभ के इतिहास में एक अहम घटना

महाकुंभ के इतिहास में एक अहम घटना

यह हादसा 45-दिवसीय महाकुंभ मेला के आरंभ के बाद से सबसे बड़ी घटना मानी जा रही है। महाकुंभ जिसकी शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी, 26 फरवरी को समाप्त होगी। यह मेला भारतीय समाज और धार्मिक परंपराओं में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रद्धा भाव से इसमें भाग लेते हैं। समय के साथ इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा और चेतावनी व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता महसूस हुई है।