प्रदर्शन के बाद खराब हुई खान सर की सेहत, पटना में अस्पताल में भर्ती

प्रदर्शन के बाद खराब हुई खान सर की सेहत, पटना में अस्पताल में भर्ती दिस॰, 7 2024

खान सर की सेहत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती

बिहार के प्रख्यात शिक्षक और यूट्यूब के माध्यम से शिक्षा प्रदान करने वाली हस्ती, खान सर की सेहत पिछली शाम अचानक से बिगड़ गई। उन्हें तत्काल पटना के डॉ. प्रभात मेमोरियल अस्पताल में भर्ती किया गया। यह सब तब हुआ जब उन्होंने बीपीएससी के उम्मीदवारों द्वारा आयोजित एक बड़े प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। प्रदर्शन का विषय था 70वीं प्रारंभिक परीक्षा प्रक्रिया में कथित बदलाव, जो परीक्षार्थियों को भ्रामक लग रहा था।

प्रदर्शन के चलते तनाव और थकान

शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों उम्मीदवार पटना के बीपीएससी कार्यालय के पास इकट्ठा हुए। इस बढ़ते तनावपूर्ण माहौल को शांत करने के लिए पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया, जिससे भीड़ को तितर-बितर किया जा सके। इसी बीच अफवाह उड़ी कि खान सर को पुलिस हिरासत में लिया गया है। हालांकि, पटना पुलिस ने स्पष्ट किया कि खान सर स्वयं ही पुलिस स्टेशन गए थे ताकि वह मजिस्ट्रेट से मिल सकें और उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया।

उनके साथी सलमान हक के अनुसार, शुक्रवार की रात से ही खान सर की सेहत बिगड़ने लगी थी। उन्हें खांसी, आवाज का बंद होना और सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। उन्होंने घरेलु उपचार लेने का प्रयास किया, लेकिन सुबह होते-होते उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

डॉक्टरों की राय और पुलिस की प्रतिक्रिया

अस्पताल के डॉक्टरों ने खान सर की तबियत खराब होने का कारण डीहाइड्रेशन और बुखार बताया। उनका मानना है कि लम्बे समय तक प्रदर्शन में शामिल होने के कारण उनके शरीर में भारी थकावट और मानसिक तनाव उत्पन्न हो गया था। इस बीच, पुलिस ने एक ट्विटर हैंडल के खिलाफ शिकायत दर्ज की है, जो कथित रूप से खान सर का बताया जा रहा था और जो उनके गिरफ्तार किए जाने की झूठी खबर फैला रहा था।

बीपीएससी के उम्मीदवारों का गुस्सा

बीपीएससी के उम्मीदवारों के प्रदर्शन का मुख्य कारण था परीक्षा प्रक्रिया में संभावित बदलाव। हालांकि, बीपीएससी अधिकारियों ने इन बदलावों को नकारा और कहा कि कुछ भी बदल नहीं किया गया है। इसके बावजूद, उम्मीदवार स्पष्टता और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं, जिससे स्थिति पूरी तरह से शांत नहीं हो पाई है।

यह घटना उन व्यापक मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित करती है, जिनका सामना आधुनिक भारतीय शिक्षा प्रणाली कर रही है। छात्र और उम्मीदवार उच्चतम प्रमाणिकता वाले प्राधिकरणों से सही और स्पष्ट सूचना के लिए संघर्ष कर रहे हैं, विशेषकर जब उनके भविष्य की बात आती है। वर्तमान घटनाक्रम ने दिखाया है कि विद्यार्थियों को सिर्फ शिक्षा नहीं, बल्कि अंतरालीन नायकत्व भी चाहिए।

भविष्य की चुनौतियाँ और उम्मीदें

खान सर की सेहत में सुधार की उम्मीद है, और ऐसा लगता है कि वे जल्द ही स्वस्थ होकर पुनः छात्रों के बीच लौट आएंगे। यह घटना हमें यह भी बताती है कि शिक्षकों की भूमिका सिर्फ पढ़ाने की नहीं बल्कि छात्रों की आवाज बनने की भी है। उन पर छात्रों का विश्वास होना एक बड़ी जिम्मेदारी है, और उन्हें छात्रों के अधिकारों के लिए खड़े होने का हौसला देता है।

आज हमें यह याद रखना चाहिए कि शिक्षण न केवल ज्ञान को साझा करना है बल्कि उन पर आधारित समाजिक मुद्दों को भी समझना है। कहीं ना कहीं, यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमारे शिक्षकों का प्रभाव कितना व्यापक हो गया है और वे कैसे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहे हैं।