फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने धार्मिक विभाजन और बड़े पैमाने पर प्रवास से उत्पन्न नागरिक युद्ध का खतरा बताया

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने धार्मिक विभाजन और बड़े पैमाने पर प्रवास से उत्पन्न नागरिक युद्ध का खतरा बताया जून, 26 2024

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की चेतावनी

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हाल ही में देश में संभावित नागरिक युद्ध के खतरे की गम्भीर चेतावनी दी है। उनकी यह चेतावनी आगामी विधायी चुनावों के दृष्टिगत है, जिसमें यदि अतिवादी दलों को सत्ता मिल जाती है तो स्थिति और बिगड़ सकती है। मैक्रों का मानना है कि उनके केंद्रीक सत्तारूढ़ गठबंधन से ही देश को इस प्रकार की विपत्ति से रोका जा सकता है।

धर्म और जातीयता पर आधारित विभाजन

मैक्रों का कहना है कि दूर-दराज़ के दक्षिणपंथी नेशनल रैली पार्टी और वामपंथी फ्रांस अनबाउड पार्टी द्वारा विभाजनकारी नीतियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। ये नीतियां धार्मिक और जातीय आधार पर देश में विभाजन पैदा कर रही हैं। उन्होंने नेशनल रैली पर आरोप लगाया कि वे व्यक्तियों को उनके धर्म या जातीय पहचान तक सीमित कर रही हैं, जिससे देश में त्रासदी का माहौल बन सकता है।

प्रवास और समाजिक तनाव

फ्रांस में बड़े पैमाने पर प्रवासन और उसके परिणामस्वरूप उत्पन्न सामाजिक तनाव भी प्रमुख मुद्दा है। प्रवासन के कारण विभिन्न समुदायों में आपसी टकराव और सांस्कृतिक मतभेद बढ़ गए हैं। मैक्रों ने इस प्रवास की लहर के कारण उत्पन्न तनाव के प्रति चेताया और इसका समाधान निकालने की आवश्यकता पर बल दिया।

चुनाव और राजनीतिक माहौल

फ्रांस में आगामी विधायी चुनाव का पहला चरण इस रविवार को होना है, जबकि दूसरा चरण 7 जुलाई को निर्धारित है। हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार, नेशनल रैली पार्ट 35.5% मतदाताओं की प्राथमिकता पर है, उसके बाद वामपंथी गठबंधन जिसमें फ्रांस अनबाउड भी शामिल है, 29.5% पर है, जबकि मैक्रों का गठबंधन 19.5% पर है।

गठबंधन की शक्ति और शासन सुधार

मैक्रों का मानना है कि सत्तारूढ़ गठबंधन ही देश को इन विभाजनकारी नीतियों से बचा सकता है और इसके लिए गहन शासन सुधारों की आवश्यकता है। उन्होंने शासन की शैली में व्यापक परिवर्तन की जरूरत को रेखांकित किया, ताकि देश को एकजुट रखते हुए, अतिवाद का मुकाबला किया जा सके।

मैक्रों की यह चेतावनी और उनकी रणनीति सांकेतिक है कि देश में तनाव और चिंताओं का स्तर उच्चतम सीमा पर है। आने वाले चुनाव के परिणाम और देश की राजनीतिक दिशा इस बात का निर्धारण करेंगे कि फ्रांस किस प्रकार से इन चुनौतियों का सामना करता है।