पटना में 24‑केरेट सोना ₹117,520/10 ग्राम, चाँदी ने दर्ज किया रिकॉर्ड‑हाई
सित॰, 30 2025
जब पटना के बाजारों में 24‑केरेट सोने की कीमत ₹117,520 प्रति 10 ग्राम तक पहुँच गई, तो नागरिकों ने कीमतों की पहुँच पर चिंता जाहिर की, विशेषकर नवरात्रि के शॉपिंग सीजन की चढ़ाई के साथ। 30 सितंबर 2025 को 22‑केरेट सोने का भाव भी ₹107,650 तक बढ़ा, जबकि चाँदी ने प्रति ग्राम ₹116 और प्रति किलोग्राम ₹116,000 का रिकॉर्ड‑हाई छुआ।
देशी‑विदेशी धातु बाजार की पृष्ठभूमि
भारत में सोना और चाँदी के लेन‑देन का दायरा राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर जुड़ा रहता है। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर संयुक्त राज्य अमेरिका की स्पॉट गोल्ड कीमत 9:45 IST पर $3,862.21 प्रति औंस तक बढ़ी, जो लगभग 1 % की उछाल दर्शाती है। इसी समय मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दिसम्बर‑फ्यूचर्स 0.97 % बढ़कर ₹117,484 प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड हो रहे हैं।
पटना में कीमतों का तत्काल उछाल
पटना में 24‑केरेट सोने की कीमत पिछले दिन के ₹116,980 से ₹540 (0.46 %) ज्यादा, और 22‑केरेट सोना ₹500 (0.46 %) बढ़ा। इस महीने की शुरुआती आँकड़े दिखाते हैं कि जुलाई‑2025 में चाँदी का मूल्य ₹110,000/kg से बढ़कर 28 जुलाई तक ₹116,000/kg हो गया, कुल 5.45 % की वृद्धि। शहर के अलग‑अलग हिस्सों में कीमतों का अंतर न्यूनतम रहा, पर दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद आदि प्रमुख शहरों ने भी समान स्तर पहुँचाया।
उछाल के कारण और विशेषज्ञों की टिप्पणी
स्थानीय अर्थशास्त्री डॉ. रवि कुमार, अर्थशास्त्र प्रोफेसर, पटना विश्वविद्यालय के अनुसार, इस उछाल के पीछे तीन मुख्य कारक हैं:
- अमेरिका में मुद्रास्फीति के आँकड़े और डॉलर की मजबूती, जिससे निवेशकों ने सोने को सुरक्षित शरणस्थल माना।
- नवरात्रि एवं दशहरा के त्योहारी सीजन में दुल्हन‑बारात की तैयारी, जिससे सोने की माँग में “शिखर” का दौर आया।
- भारी भारतीय रुपये की गिरावट, जिसने स्वरूप‑परिवर्तित निवेश को सोने‑चाँदी की ओर मोड़ दिया।
वित्तीय विश्लेषक सुब्रमण्यम राव, लीड एनालिस्ट, बेंक ऑफ़ बड़ौदा ने कहा, "अगर इस गति को अगले दो‑तीन हफ्तों में जारी रखा गया तो छोटे निवेशकों के लिए सोना खरीदना कठिन हो सकता है, इसलिए कई लोग ऋण‑प्रकार के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।"
उपभोक्ता एवं ज्वेलरी बाजार पर असर
पटना के प्रमुख ज्वेलर्स, जैसे मैडम जेसका ज्वेलर्स, ने बताया कि ग्राहक अब कीमतों को ऑनलाइन रीयल‑टाइम ट्रैक कर रहे हैं। कई ग्राहक “भुगतान‑पर‑डिलिवरी” (खरीद‑पहले‑भुगतान) जैसी योजनाओं के बजाय “इंस्टालमेंट” विकल्प ले रहे हैं। “हमने पिछले कुछ हफ्तों में आधे‑आधि ग्राहकों को लोन‑ऑप्शन की सलाह दी है,” एक शोरूम मैनेजर ने बताया।
आगे क्या हो सकता है? भविष्य की संभावनाएँ
अगले महीने में अगर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें और भी बढ़ती हैं, तो सोने की कीमतें और ऊँची पहुँच सकती हैं। दूसरी ओर, यदि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ब्याज दरों में वृद्धि करता है, तो निवेशकों की आकर्षण कम हो सकता है। वर्तमान में RBI ने मौद्रिक नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं बताया है, इसलिए बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है।
मुख्य तथ्य
- 24‑केरेट सोना: ₹117,520/10 ग्राम (↑₹540, 0.46 %)
- 22‑केरेट सोना: ₹107,650/10 ग्राम (↑₹500, 0.46 %)
- चाँदी: ₹116/ग्राम, ₹116,000/किलोग्राम
- US स्पॉट गोल्ड: $3,862.21/औंस (+≈1 %)
- MCX दिसंबर फ्यूचर्स: ₹117,484/10 ग्राम (+0.97 %)
Frequently Asked Questions
नवरात्रि के दौरान सोने की कीमतें बढ़ने से छोटे निवेशकों को क्या जोखिम है?
छोटे निवेशक अक्सर क़री़ब‑क़री़ब 10 ग्राम से कम सोना खरीदते हैं। कीमतों में 0.5 % के छोटे‑से‑उछाल भी उनके बजट को तनावपूर्ण बना सकते हैं, जिससे वे ऋण या बहु‑इंस्टालमेंट विकल्प अपनाते हैं, जो बाद में ब्याज‑खर्च बढ़ा देता है।
क्या MCX पर फ्यूचर्स ट्रेडिंग इस उछाल को सही दर्शाता है?
हां, MCX का December फ्यूचर्स 0.97 % बढ़ा है, जो दर्शाता है कि ट्रेडर भविष्य में भी कीमतों के और ऊपर जाने की उम्मीद कर रहे हैं। इससे स्पॉट‑मार्केट की स्थिरता पर असर पड़ सकता है।
भविष्य में RBI की नीति बदलने से सोने की कीमतों पर क्या असर पड़ेगा?
अगर RBI ब्याज दरें बढ़ाता है, तो सोने के निवेश को लागत‑सापेक्ष कम आकर्षक माना जाएगा, जिससे कीमतें ठंडी पड़ सकती हैं। उल्टा, दरों में कटौती से सोने की मांग फिर से बढ़ेगी।
पटना के ज्वेलरी व्यापारी अब कौन‑से बिक्री‑रणनीति अपनाते हैं?
ज्यादातर व्यापारी अब ‘इंस्टालमेंट‑ऑन‑डिमांड’ और ‘ऑनलाइन‑रियल‑टाइम‑प्राइस‑चेक’ पर जोर दे रहे हैं। इससे ग्राहक कीमतों को निरंतर मॉनीटर कर सकते हैं और उचित समय पर खरीद‑विक्री का निर्णय ले सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना और चाँदी के उछाल का मुख्य कारण क्या है?
अमेरिका में मुद्रास्फीति दबाव, डॉलर की सुदृढ़ता और वैश्विक अनिश्चितताओं (जैसे तेल कीमतों में उछाल) ने निवेशकों को सोने को सुरक्षित शरणस्थल बनाने के लिए प्रेरित किया, जिससे स्पॉट‑गोल्ड और चाँदी दोनों में क्रमशः लगभग 1 % की बढ़ोतरी देखी गई।
Shubham Abhang
सितंबर 30, 2025 AT 21:16क्या अब लोगों को लगता है कि सोना सिर्फ निवेश है,? कीमतें इतनी ऊँची तो हर कोई लोन लेकर खरीदना चाहेगा!! लेकिन क्या इस फिक्शन को समझते हुए,? आप अपने परिवार की इकनॉमी को रिस्क में नहीं डालेंगे??
Trupti Jain
अक्तूबर 1, 2025 AT 11:09समाचार पढ़कर लगा, जैसे बाजार ने अपनी रफ्तार को सुपरचार्ज कर दिया हो; परंतु, एक धीमी नजर डालें तो इस उछाल में कई सूक्ष्म कारक छुपे हैं। इस सत्र में उपभोक्ता के लिए वैकल्पिक विकल्पों की समझ बढ़नी चाहिए।
Sandhya Mohan
अक्तूबर 2, 2025 AT 01:03सच में, ये कीमतें केवल अंक नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक इच्छा शक्ति की परछाई हैं। जब दिल से सोने की चमक चाही जाती है, तब बाजार भी उसी ताल में धड़कता है।
Prakash Dwivedi
अक्तूबर 2, 2025 AT 14:56वास्तव में, ऐसी तेज़ी से बढ़ती कीमतें आम आदमी के दिल में बेचैनी पैदा कर देती हैं; खासकर जब वे अपनी बचत को धीरज से देख रहे होते हैं।
Rajbir Singh
अक्तूबर 3, 2025 AT 04:49इसे देखते हुए, मैं कहूँ तो बाजार में अनियंत्रित आवेग बस एक झूठी शांति है; असली स्थिरता तो सोचना चाहिए कि क्या कीमतें वास्तविक मूल्यों को दर्शाती हैं।
Govind Kumar
अक्तूबर 3, 2025 AT 18:43हम सबको इस आर्थिक बदलाव को समझने की आवश्यकता है; व्यक्तिगत निवेश के साथ साथ, बचत के विविध साधन अपनाना भी समझदारी होगा।
ONE AGRI
अक्तूबर 4, 2025 AT 08:36देश की महानता को देखते हुए, हमें इस जैसे महंगे सोने के बाजार को घातक नहीं बनने देना चाहिए; हमारा कर्तव्य है कि हम अपने आर्थिक नीतियों को सुदृढ़ बनाएं, ताकि आम भारतीय पर ऐसी बोझ न पड़े।
Hariprasath P
अक्तूबर 4, 2025 AT 22:29भाई लोग, इस सोने की कीमत को देख के मन में कुछ अछा नहीं लगता, बस लगता है जैसे एलीट्स ने सबको कंस्ट्रोल किया हो।
Anurag Narayan Rai
अक्तूबर 5, 2025 AT 12:23वर्तमान में सोने की कीमतें आश्चर्यजनक स्तर पर पहुँच गई हैं। इस बढ़ती प्रवृत्ति के कई कारण हैं, जिनमें वैश्विक मुद्रास्फीति, अमेरिकी डॉलर की मजबूती और तेल कीमतों की अनिश्चितता शामिल हैं। भारतीय निवेशकों के लिए यह एक दोधारी तलवार बन गया है। एक ओर, सोने को सुरक्षित आश्रय माना जाता है, जिससे पूंजी की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। दूसरी ओर, उच्च कीमतें आम जनता को अत्यधिक वित्तीय दबाव में डाल रही हैं। विशेषकर नवरात्रि के त्योहारी सीजन में, लोग शादी और दुल्हन की ज्वेलरी की मांग को पूरा करने के लिए कर्ज़ लेने पर मजबूर हो रहे हैं। कई ज्वेलर इंस्टालमेंट योजनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे उपभोक्ता धीरे-धीरे भुगतान कर सके। लेकिन यथार्थ यह है कि ब्याज दरों के साथ यह ऋण भार बढ़ता ही जाएगा। RBI की मौद्रिक नीति अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाई है। यदि भविष्य में ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो सोने की मांग में गिरावट आ सकती है। वहीं, यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें और बढ़ें, तो सोने की कीमतें फिर से ऊपर जा सकती हैं। इस अनिश्चितता को देखते हुए, वित्तीय सलाहकारों ने पोर्टफोलियो में विविधता लाने की सलाह दी है। सोने के अलावा, चाँदी, मनी मार्केट फंड्स और बॉन्ड्स में निवेश एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है। निवेशकों को चाहिए कि वे अपनी जोखिम सहनशक्ति को समझें और उसके अनुसार निवेश दिशा तय करें। अंत में, व्यक्तिगत वित्तीय योजना बनाते समय दीर्घकालिक लक्ष्य को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
Swetha Brungi
अक्तूबर 6, 2025 AT 02:16सोने की कीमतों की इस उतार-चढ़ाव को देखते हुए, हमें यह समझना चाहिए कि हर निवेश विकल्प का एक जोखिम स्तर होता है। एक सुलभ समाधान हो सकता है कि पोर्टफोलियो में विविधीकरण किया जाए, ताकि एक बाजार के उतार-चढ़ाव से पूरी तरह प्रभावित न हों।
deepika balodi
अक्तूबर 6, 2025 AT 16:09भविष्य में कीमतें स्थिर होंगी, आशा है।
Priya Patil
अक्तूबर 7, 2025 AT 06:03आज की इस चर्चा से साफ़ है कि हमें अपने निवेश को समझदारी से प्लान करना चाहिए। हर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति अलग होती है, इसलिए लोन या इंस्टालमेंट विकल्प चुनते समय अपनी भुगतान क्षमता को प्राथमिकता दें। इस तरह हम अनावश्यक वित्तीय तनाव से बच सकते हैं।
Rashi Jaiswal
अक्तूबर 7, 2025 AT 19:56चलो, इस सोने की धूम में हम सबको मिलकर समझदारी से कदम बढ़ाने की कोशिश करें; आखिरकार हमारे पास भी विकल्प हैं, और हमें उनका सही इस्तेमाल करना चाहिए!!