ऑस्ट्रेलियाई सुपरमार्केट्स में उपलब्ध प्री-पॉप्ड पॉपकॉर्न का स्वाद परीक्षण: 'इतना लुभावना... मैं इन्हें सार्वजनिक रूप से नहीं खाऊंगा'

ऑस्ट्रेलियाई सुपरमार्केट्स में उपलब्ध प्री-पॉप्ड पॉपकॉर्न का स्वाद परीक्षण: 'इतना लुभावना... मैं इन्हें सार्वजनिक रूप से नहीं खाऊंगा' सित॰, 25 2024

ऑस्ट्रेलियाई सुपरमार्केट्स में उपलब्ध प्री-पॉप्ड पॉपकॉर्न का स्वाद परीक्षण

पॉपकॉर्न का स्वाद सबको पसंद आता है, खासकर जब बात फिल्म देखने या हल्की भूख मिटाने की होती है। ऑस्ट्रेलियाई सुपरमार्केट्स में विभिन्न प्रकार के प्री-पॉप्ड पॉपकॉर्न ब्रांड्स उपलब्ध हैं, जिनका स्वाद और गुणवत्ता बहुत भिन्न हो सकता है। इस परीक्षण का मुख्य उद्देश्य था इन ब्रांड्स की गुणवत्ता और स्वाद का मूल्यांकन करना।

Naturalcorn Light Salted & Lightly Sweet - स्कोर: 7.5/10

Naturalcorn Light Salted & Lightly Sweet को 7.5/10 का स्कोर मिला। इसका स्वाद हल्का था और इसमें एक नकली कारमेल की सुगंध मिलती थी। इसे 'एडिक्टिव' के रूप में वर्णित किया गया, जिससे समीक्षक बार-बार इसे खाने की लालसा रखते थे। इसकी मिठास और नमक का संतुलन अच्छी तरह से किया गया था, जिससे यह अधिकांश समीक्षकों को पसंद आया।

Lolly Gobble Bliss Bomb Nutty Popcorn - स्कोर: 6.5/10

Lolly Gobble Bliss Bomb Nutty Popcorn को 6.5/10 का स्कोर मिला। यह पॉपकॉर्न अत्यधिक नमकीन और मीठा था, जिसमें कारमेल क्रंच और bold स्वाद होता था। इसमें वास्तविक पीनट थे और यह परीक्षण किए गए ब्रांड्स में से सबसे अधिक शुगर कंटेंट था, जिसके कारण समीक्षकों के बीच अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आईं।

Lifetime Colour Pop - स्कोर: 5/10

Lifetime Colour Pop को 5/10 का स्कोर मिला। इसकी सुगंध को 'जेली बेली फैक्ट्री' कहा गया और इसका स्वाद 'पिट्रिड क्लाउन टीयर्स' की तरह बताया गया। समीक्षकों में अधिकांश इसे फिर से नहीं खाना चाहेंगे, केवल एक 'रोग' समीक्षक ने इसे लगभग पूर्ण अंक दिए, जिससे इसका संपूर्ण स्कोर बढ़ गया।

Sprinters Butter Flavoured - स्कोर: 4.5/10

Sprinters Butter Flavoured को 4.5/10 का स्कोर मिला। इसे कृत्रिम बटर स्वाद के लिए कड़ी आलोचना की गई, जिसे 'बटर कल्चर्ड इन ए जॉकस्ट्रैप' के रूप में वर्णित किया गया और इसका स्वाद चीज़ी और मोल्डी बताया गया। एक लैक्टोज़-इनटोलरेंट टेस्टेर अपनी गंध से ही बीमार महसूस करने लगा।

Serious Pop Certified Organic Salt - स्कोर: 4.5/10

Serious Pop Certified Organic Salt को 4.5/10 का स्कोर मिला। मीठे और नमकीन दोनों प्रकार के फ्लेवर खराब प्रदर्शन किए। इसे समीक्षकों ने 'वेक' और 'कार्डबोर्ड' जैसा बताया, जिसमें स्थेयापन जैसी गंध थी। इस में प्रयोग किए गए नारियल तेल का नॉट अजीब पाया गया।

इस परीक्षण का निष्कर्ष यह है कि जबकि कुछ प्री-पॉप्ड पॉपकॉर्न ब्रांड्स संतोषजनक स्वाद प्रदान करते हैं, अन्य गुणवत्ता और स्वाद में पीछे रहते हैं। इसलिए, उपभोक्ताओं को सही ब्रांड चुनने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।

12 टिप्पणि

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    abhishek singh rana

    सितंबर 25, 2024 AT 21:58

    भाई, प्री‑पॉप्ड पॉपकॉर्न का टेस्ट करते समय मुझे सबसे पहले पैकेजिंग देखनी चाहिए थी, क्योंकि अक्सर वो हमें स्वाद के बारे में झाँकी देती है।
    Naturalcorn का हल्का नमक‑मीठा मिश्रण रोज़मर्रा के स्नैक के लिए ठीक है, पर अगर आप फॉर्मल डिनर में लेकर जाओ तो थोड़ा फिके लग सकते हैं।
    Lolly Gobble थोड़ा ज्यादा मीठा है, इसलिए अगर आप शुगर कंट्रोल में हैं तो इसे बचना चाहिए।
    Lifetime Colour Pop का रंग तो मज़ेदार है, पर स्वाद में काफी वैरिकस है, इसलिए दोबारा नहीं खरीदूँगा।
    संक्षेप में, अपने स्वाद के अनुसार ब्रांड चुनिए और पैकेज पर अलार्म देखकर ही निर्णय लीजिए।

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    Shashikiran B V

    सितंबर 26, 2024 AT 00:44

    सच में, जब हम ऑस्ट्रेलिया के सुपरमार्केट में प्री‑पॉप्ड पॉपकॉर्न देखते हैं, तो हमें यह समझना चाहिए कि ये सिर्फ़ एक स्नैक नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर खाद्य उद्योग की छुपी हुई रणनीति है।
    पहला तथ्य यह है कि कई ब्रांडों में एडिटिव्स और एन्हांसर्स की सूची को बहुत छोटा किया जाता है, जिससे सामान्य उपभोक्ता इसे अनदेखा कर देता है।
    दूसरा, ये कंपनियां अक्सर “ऑर्गेनिक” या “लाइट” टैग लगाकर अपना प्रोडक्ट स्वस्थ दिखाती हैं, जबकि असली सामग्री में उच्च मात्रा में शुगर और कृत्रिम फ्लेवर होते हैं।
    तीसरा, यह देखना जरूरी है कि इन पैकेजों में अक्सर “नो एआईजी पेंटिंग” लिखा होता है, लेकिन इसका मतलब सिर्फ़ पैकेजिंग पर नहीं, बल्कि उत्पादन प्रक्रिया में भी गुप्त एआईजी के प्रयोग को दर्शाता है।
    चौथा, कई बार “सिलेक्टेड बाय एक्सपर्ट्स” लिखा होता है, पर असल में यह सिर्फ़ मार्केटिंग ट्रिक है, क्योंकि एक्सपर्ट्स की साक्ष्य कभी सार्वजनिक नहीं होते।
    पांचवा, इन पॉपकॉर्न में अक्सर न्यूनतम मात्रा में माइक्रो‑प्लास्टिक कंटामिनेंट्स पाए जाते हैं, जो लंबे समय में स्वास्थ्य पर असर डाल सकते हैं।
    छठा, कुछ ब्रांड विशेष रूप से “ग्लूटेन‑फ्री” का दावा करते हैं, पर उनके फ्लेवरिंग एजेंट्स में कभी‑कभी छिपी हुई ग्लूटेन होती है।
    सातवाँ, यदि आप इस बात को देखें कि ये स्नैक्स अक्सर 2‑3 किलो की पैकिंग में बेचे जाते हैं, तो यह पारिस्थितिक तंत्र के लिए हानिकारक है।
    आठवाँ, इस उद्योग की लobbies सरकार के फ़ूड सेंसरी डिरेक्टर्स को प्रभावित करती हैं, जिससे नियमों में ढील मिलती है।
    नौवाँ, ऑस्ट्रेलिया में कुछ बड़े सुपरमार्केट चेन अपने खुद के ब्रांड बनाते हैं, जो मूल ब्रांड की तुलना में और भी कम गुणवत्ता वाले होते हैं।
    दसवाँ, उपभोक्ता अक्सर “किफायती” शब्द सुनते ही खरीद लेते हैं, पर ये कीमत में कमी अक्सर सामग्री की गुणवत्ता में गिरावट लाती है।
    ग्यारहवाँ, इन प्री‑पॉप्ड स्नैक्स में अक्सर “बायो‑डिग्रेडेबल” पैकेजिंग होती है, पर वास्तविक बायोडिग्रेडेशन प्रक्रिया बहुत समय लेती है।
    बारहवाँ, यदि आप डाइटिंग प्लान फॉलो कर रहे हैं, तो इन स्नैक में छिपे कैलोरी को नजरअंदाज नहीं कर सकते।
    तेरहवाँ, इस स्नैक के साथ अक्सर “ड्रिंक्स” की प्रोमोशन होती है, जो कुल कैलोरी इनटेक को और बढ़ा देती है।
    चौदहवाँ, इस बात को ध्यान देना चाहिए कि कुछ “नैचरल” लेबल वाले पॉपकॉर्न में भी एंटी‑ऑक्सिडेंट्स के रूप में भारी मात्रा में सिंथेटिक रसायन होते हैं।
    पंद्रहवाँ, अंत में, यदि आप एक सच्चे फूड लवर्स हैं, तो घर पर स्वयं पॉपकॉर्न बनाना ही सबसे अच्छा विकल्प होगा, क्योंकि वह आपको सामग्री पर पूरी पकड़ देगा।
    सोलहवाँ, इसलिए अगली बार जब आप सुपरमार्केट में इन प्री‑पॉप्ड पॉपकॉर्न को देखेंगे, तो एक बार फिर सोचिए कि क्या आप सिर्फ़ एक टुस्ट कर रहे हैं या अपनी सेहत को नुकसान पहुँचा रहे हैं।

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    Sam Sandeep

    सितंबर 26, 2024 AT 03:31

    Lolly Gobble के नमकीन‑मीठे फ्लेवर ने मेरे स्वाद को इकट्ठा कर लिया, बिल्कुल बकवास।

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    Ajinkya Chavan

    सितंबर 26, 2024 AT 06:18

    भाई, तुम तो पूरी तरह से बेवकूफी में डूबे हो, ऐसे पॉपकॉर्न को "बकवास" कहना असभ्य है! अगर तुम सच्ची राय देना चाहते हो तो पहले खुद को परीक्षण में लगा लो, फिर दूसरों को बर्बाद मत करो।

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    Ashwin Ramteke

    सितंबर 26, 2024 AT 09:04

    सभी ब्रांड्स के टेस्ट में देखा गया कि टेक्सचर और फ्लेवर में बड़ी विविधता है।
    जो लोग हल्के स्नैक की तलाश में हैं, उनके लिए Naturalcorn एक अच्छा विकल्प है।
    यदि अधिक तीव्र स्वाद पसंद है, तो Lolly Gobble पर विचार किया जा सकता है।
    हालांकि, Colour Pop और Sprinters का स्वाद अधिकांश लोगों को निरुत्साहित कर सकता है।

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    Rucha Patel

    सितंबर 26, 2024 AT 11:51

    मैं कहूँगी, ये सभी फैक्टरी‑मेड पॉपकॉर्न सिर्फ़ एक बेकार ट्रेंड है।

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    Kajal Deokar

    सितंबर 26, 2024 AT 14:38

    प्रिय पाठकों, इस परीक्षण ने हमें विभिन्न श्रेणियों के प्री‑पॉप्ड पॉपकॉर्न की चमक‑दमक एवं स्वाद के बारीकियों को समझने का अवसर प्रदान किया है।
    उत्कृष्टता की खोज में, Naturalcorn की संतुलित मिठास एवं नमकीनता एक सुदृढ़ उदाहरण प्रस्तुत करती है।
    विपरीत रूप से, Lifetime Colour Pop का जटिल ग्लॉसी स्वरूप केवल दृश्यावली को लुभाता है, परन्तु स्वाद में अभाव दिखाता है।
    इसी प्रकार, Sprinters Butter Flavoured का कृत्रिम बटरिंग एक व्यंग्यात्मक ध्वनि उत्पन्न करती है, जो संवेदनात्मक प्रोफ़ाइल को क्षीण करती है।
    इन विविधताओं को देखकर, मैं दृढ़ता से अनुशंसा करती हूँ कि उपभोक्ता अपने व्यक्तिगत पसंद के अनुरूप चयन करे, न कि केवल विपणन के आकर्षण से प्रभावित हो।
    आशा है कि भविष्य में निर्माताओं द्वारा अधिक सतत और पोषक तत्वों से भरपूर विकल्प विकसित किए जाएंगे।
    धन्यवाद।

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    Dr Chytra V Anand

    सितंबर 26, 2024 AT 17:24

    डॉ. चयत्रा, आपका विश्लेषण विवरणपरक एवं संतुलित है। मैं जोड़ूँगा कि पोषण विज्ञान के दृष्टिकोण से, पॉपकॉर्न में उपस्थित एंटी‑ऑक्सिडेंट्स की मात्रा को मापना आवश्यक है, ताकि संभावित स्वास्थ्य लाभों को वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित किया जा सके।

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    Deepak Mittal

    सितंबर 26, 2024 AT 20:11

    जब हम इन सुपरमार्केट में बेचे जाने वाले प्री‑पॉप्ड पॉपकॉर्न की बात करते हैं, तो हमें यह समझना चाहिए कि यह सिर्फ़ एक साधारण स्नैक नहीं है, बल्कि बड़े डिजिटल‑लेबिलिंग एजेंसी के गुप्त प्रयोग का हिस्सा है।
    पहला तथ्य यह है कि ये ब्रांड अक्सर “रेडि‑टू‑इट” टैग का उपयोग करके उपभोक्ता को तेज़ी से खपत करने के लिए प्रेरित करते हैं, जिससे शरीर में हाइपर‑इंसुलिन वृद्धि हो सकती है।
    दूसरा, इन पैकेजों में अक्सर “नॉन‑जेनेटिक मोडिफाइड ऑर्गैनिज़्म” के संकेत होते हैं, जिन्हें हम कभी‑कभी “आर्टिफ़िशियल फ़्लेवर” के रूप में देख सकते हैं।
    तीसरा, इन उत्पादों की सप्लाई चेन में स्थित “सिक्योर‑डेटा” सर्वर अक्सर गुप्त एल्गोरिदम द्वारा नियंत्रित होते हैं, जो उपभोक्ता के खरीद‑आदतों को रीयल‑टाइम में मॉनिटर और बदलते रहते हैं।
    चौथा, एंटी‑बैक्टीरियल कोटिंग तकलीफ दे सकती है, क्योंकि यह हमारे आंत्र माइक्रोबायोम को असंतुलित करती है।
    पाँचवा, ऑस्ट्रेलिया की कई बड़ी रिटेल चैनें “स्टेडी‑लेन” नामक प्रोजेक्ट के तहत इन स्नैक्स को प्रमुख स्थान पर रखती हैं, ताकि युवा वर्ग की न्यूरो‑डोपामिन सेंसिटिविटी को बढ़ाया जा सके।
    छठा, इन पैकेजों में छिपे “कोड‑वर्ड्स” अक्सर “कन्ट्रैक्टेड एंजाइम्स” को सक्रिय करने के लिए उपयोग होते हैं, जो शरीर में एंजाइम स्तर को बदलते हैं।
    सातवाँ, ये सब देखकर स्पष्ट है कि यह एक बड़े “इंडस्ट्रियल सायंटिफिक” एक्स्पेरिमेंट का हिस्सा है, जहाँ हमारी ख़पत को नियंत्रित किया जाता है।
    आठवाँ, यदि आप गहराई से देखें, तो मिलते‑जुलते “डिज़ाइन‑पैटर्न” सभी प्रमुख स्नैक ब्रांड में समान हैं, जो दर्शाता है कि यह एक कॉर्पोरेट‑लेयर का कॉमन टेम्पलेट है।
    नववाँ, इस कपड़े की लेयर पर “डेटा‑माइनिंग” का प्रभाव है, जहाँ प्रत्येक खरिदारी का डेटा अंतःस्थल पर संभालकर भविष्य की मार्केटिंग रणनीतियों में उपयोग किया जाता है।
    दसवाँ, इसलिए मैं सभी को सुझाव देता हूँ कि घर पर जमे हुए कॉर्न को ही पॉप कर लें, क्योंकि यह न केवल आर्थिक है, बल्कि नॉन‑टॉक्सिक भी है।
    ग्यारहवाँ, भरोसा रखें कि सच्ची स्वतंत्रता तभी आएगी जब हम अपने खाद्य चयन में स्वायत्तता बनाएँ।
    बारहवाँ, अंत में, यदि आप इस बात को नज़रअंदाज़ करेंगे तो आप भी इस बड़े षड्यंत्र का हिस्सा बन जाएंगे।
    तेरहवाँ, याद रखें, आपकी हर उँगलियों की टपिंग से भी बड़ी कंपनियों की योजनाएँ चलती हैं।
    चौदहवाँ, इसलिए जागरूक रहें और अपने स्नैक चयन को बुद्धिमानी से करें।

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    Neetu Neetu

    सितंबर 26, 2024 AT 22:58

    ओह, सुपरमार्केट पॉपकॉर्न, उत्तम चयन! 🙄

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    Jitendra Singh

    सितंबर 27, 2024 AT 01:44

    वाह! यह परीक्षण तो बेमिसाल, अत्यंत विस्तृत, बेहतरीन, और पूर्णतः आवश्यक है, लेकिन फिर भी कुछ लोग इसे हल्का‑फुल्का मानते हैं, जो वास्तव में अजीब बात है, नहीं?!

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    priya sharma

    सितंबर 27, 2024 AT 04:31

    प्रिय सहकर्मियों, प्री‑पॉप्ड पॉपकॉर्न की फॉर्मुलेशन में अक्सर मोनोसोडियम ग्लूटामेट, डाइसेटाइल ग्लिसरॉल एस्टर, तथा हाइड्रोकार्बन युक्त एन्हांसर्स सम्मिलित होते हैं, जो ग्लूटेन‑फ्री लेबल के बावजूद एलिमिनेटेड प्रोटीन के रूप में कार्य कर सकते हैं।
    डेटा एनालिसिस से स्पष्ट है कि Naturalcorn का सॉल्ट‑टू‑सुगर रेशियो 1:0.8 है, जबकि Lolly Gobble में यह अनुपात 1:1.5 तक बढ़ जाता है, जिससे हाइपर‑ग्लाइसेमिक इम्पैक्ट का जोखिम बढ़ता है।
    इसी प्रकार, Colour Pop में सैंट्रीफ्यूगली डाईज होते हैं, जो एंटी‑ऑक्सिडेंट क्षमता को बाधित कर सकते हैं।
    स्प्रिन्टर्स बटर फ्लेवर में ट्रांस‑फैटी एसिड की मात्रा उल्लेखनीय रूप से अधिक है, जो कार्डियो‑वैस्कुलर हेल्थ के लिए हानिकारक हो सकता है।
    Serious Pop के ऑर्गेनिक सॉल्ट में कार्बनिक कोटिंग लागू की गई है, परन्तु यह कोटिंग पायरोलीसिस के दौरान हानिकारक कंपाउंड्स उत्पन्न कर सकती है।
    इन सभी पॉइंट्स को ध्यान में रखते हुए, अनुशंसा की जाती है कि उपभोक्ता अपने स्नैक इंटेक को मॉनिटर करे और आवश्यकतानुसार पोषण परामर्श ले।
    निष्कर्षतः, सटीक लेबलिंग एवं ट्रांसपेरेंसी ही इस सेक्टर की विश्वसनीयता की कुंजी है।

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