निक्केई 225 इंडेक्स में 7% की भारी गिरावट, अमेरिकी मंदी की आशंका से ग्लोबल मार्केट हिला
अग॰, 5 2024
जापान के निक्केई 225 इंडेक्स में भारी गिरावट की वजह
सोमवार को जापान के निक्केई 225 स्टॉक इंडेक्स में 7% की भारी गिरावट देखी गई, जो वैश्विक बाजारों में चिंता की एक स्पष्ट तस्वीर प्रस्तुत करती है। यह गिरावट पिछले सप्ताह से जारी बिकवाली का विस्तार है, जिससे निवेशकों के मन में अमेरिकी मंदी की संभावनाओं को लेकर चिंता बढ़ गई है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर उच्च ब्याज दरों का प्रभाव और कमजोर रोजगार डेटा ने इस चिंता को और बढ़ा दिया है।
बाजार में पहले से जारी बिकवाली
निवेशकों की अस्पष्टता और बाजार की अस्थिरता पिछले सप्ताह से ही जारी है। निक्केई 225 इंडेक्स खुलते ही 2,400 प्वाइंट से अधिक गिर गया, और व्यापक TOPIX इंडेक्स में भी 11.5% की गिरावट आई। निवेशकों द्वारा अधिक से अधिक शेयर्स बेचने के साथ दोपहर तक यह गिरावट और तेज हो गई। वैश्विक बाजार भी इसी चिंता में फंसे हुए हैं और उनकी प्रतिक्रियाएं भी दिखने लगी हैं।
अमेरिकी रोजगार रिपोर्ट
अमेरिका की रोजगार रिपोर्ट ने बाजार में और विकट स्थिति उत्पन्न कर दी है। रिपोर्ट में दिखाया गया है कि पिछले महीने में नौकरियों में उल्लेखनीय कमी आई है, जिससे निवेशकों की चिंता और बढ़ गई है। एसएंडपी 500 फ्यूचर्स में 1.5% की गिरावट और डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज फ्यूचर्स में 0.7% की गिरावट दर्ज की गई।
येन में रुचि और बाज़ार पर प्रभाव
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले येन की मजबूती ने भी निवेशकों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। सोमवार को येन 142.67 येन प्रति डॉलर पर कारोबार कर रहा था, जबकि शुक्रवार देर रात यह 146.45 येन पर था। इस दौरान यूरो की कीमत भी थोड़ी बढ़ी और यह $1.0934 से $1.0923 पर आ गया।
बैंक ऑफ जापान की दर वृद्धि
बैंक ऑफ जापान के हालिया ब्याज दर बढ़ोतरी ने भी बाजार में अस्थिरता पैदा की है। येन की कमजोरी और ऊंची मुद्रास्फीति के चलते बैंक ने यह कदम उठाया था, जिससे बाजार की भावना में तेजी से गिरावट आई है। SPI एसेट मैनेजमेंट के स्टीफन इनिज़ ने नोट किया कि न्यूयॉर्क स्टॉक्स और बैंक ऑफ जापान की दर वृद्धि के कारण बाजार की भावना जल्द ही खराब हो गई है।
अन्य बाजारों में असर और भविष्य की चिंताएं
निवेशकों की चिंता केवल जापान तक सीमित नहीं है। दुनिया भर के बाजारों में भी उथल-पुथल मच गई है। वीआईएक्स इंडेक्स, जो एसएंडपी 500 में संभावित गिरावट के बारे में निवेशकों की चिंता को मापता है, सोमवार की शुरुआत में लगभग 26% उछल गया। बिटकॉइन, जो हाल ही में करीब $70,000 तक पहुंच गया था, 14% गिरकर $54,155.00 पर आ गया। तेल की कीमतें हालांकि स्थिर रहीं।
टेक स्टॉक्स पर प्रभाव
तकनीकी शेयरों पर भी इस घटना का गंभीर प्रभाव पड़ा है। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 6.5% गिरा और ताइवान का ताइएक्स 7.4% गिर गया। प्रोफेशनल निवेशक भी इस बात को मान रहे हैं कि फेडरल रिजर्व के ब्याज दर कटौती के समय के बारे में अनिश्चितताओं के कारण और अधिक उथल-पुथल हो सकती है।
इस ताजा वैश्विक गिरावट ने बाजारों में एक व्यापक चिंता फैला दी है। निवेशक तेजी से अपनी निवेश रणनीतियों पर पुनर्विचार कर रहे हैं और आने वाले दिनों में और अधिक उतार-चढ़ाव की उम्मीद की जा रही है। इस समय बाजार के विशेषज्ञ इस बात पर जोर दे रहे हैं कि निवेशकों को सतर्क और सूचित रहने की आवश्यकता है, क्योंकि वैश्विक बाजारों में चल रही यह अस्थिरता निकट भविष्य में भी जारी रह सकती है।
Sharavana Raghavan
अगस्त 5, 2024 AT 19:00जापानी शेयरों में गिरावट का मुख्य कारण अमेरिका की मौद्रिक नीति है।
Nikhil Shrivastava
अगस्त 6, 2024 AT 04:10ये देखना वाकई चौंकाने वाला है, जैसे कि baazar खुद ही कर रहा हो एक ही झटके में डुबकी!
नियॉन लाइट की तरह चमकते एशिया की टॉप कंपनियां अब डर के मारे पीछे हट रही हैं।
कुछ निवेशक तो अपने पोर्टफोलियो को हाइड्रेट करने के लिए भी पानी पीने लगे हैं।
हमें चाहिए कि इस मैत्रीपूर्ण हिचकोले को समझें और फिर से इकट्ठा हों।
कहते हैं, जो बहरापन रहता है, वही सच्चाई की बूँद है।
Aman Kulhara
अगस्त 6, 2024 AT 13:20उच्च ब्याज दरें, कमजोर रोजगार डेटा, और फेड की नीति में अनिश्चितता – यह त्रिकोणीय दबाव बाजार को श्वेतपट्टी पर ले जाता है; इसलिए निवेशकों को जोखिम‑प्रबंधन की रणनीति अपनानी चाहिए।
विशेषकर जेपनी येन की मजबूती को देखते हुए, विदेशी मुद्रा पोर्टफोलियो में संतुलन आवश्यक है।
उच्चवॉल्युम ट्रेडिंग के साथ, अल्पकालिक उलटफेर भी संभव है; परन्तु दीर्घकालिक दृष्टिकोण में, स्थिरता की ओर झुकाव रहेगा।
यह सब निवेशकों को सोच‑समझकर कदम उठाने का संकेत देता है।
ankur Singh
अगस्त 6, 2024 AT 22:30बिल्कुल, यह सब तो बस सिद्धांत है; वास्तविकता में तो सब ड्रामा है!
आप लोग बस चार्ट देख-देख कर खुश हो रहे हो, पर मार्केट में असली लड़ाई तो उन बड़े फंडों की है जो बैकग्राउंड में सबकराते हैं।
यदि आप चलते-फिरते इमोशन में पढ़ेंगे तो अंत में खुद को झटका दे दोगे!
इतनी सारी बातों को समझना आसान नहीं, झूठा आशावाद सिर्फ़ नुकसान का कारण बनता है।
सच कहूँ तो, आपके जैसे लोग ही इस गिरावट की रसोइए हैं।
Aditya Kulshrestha
अगस्त 7, 2024 AT 07:40देखो, सब कुछ पहले से ही प्रेडिक्टेड था :) अमेरिकी मंदी की चेतावनी पहले से ही मेरे मॉडेल में थी।
अगर आप समझते तो आज के ग्राफ़ में ये रिफ्लेक्शन साफ़ दिखाई देता।
अब कोई भी नया डेटा नहीं, बस वही पुरानी सबूत।
बाजार की अस्थिरता को स्थिर करने का एकमात्र रास्ता है-स्ट्रिक्ट मनी पॉलिसी।
परन्तु, आप लोग अभी भी अंधाधुंध ट्रेंड फॉलो कर रहे हो।
Sumit Raj Patni
अगस्त 7, 2024 AT 16:50येहू कड़वी सच्चाई है - जब तक हम अपनी निवेश रणनीति को नई फॉर्म में ढालेंगे, तब तक हमें धूप में घर बैठे झूलने का मौक़ा नहीं मिलेगा!
हमको चाहिए कि लहरों को पकड़ें, न कि उनके पीछे दौड़ें।
देखो, आज बाजार में पानी उछालना है, पर कौन डुबकी लगनी चाहिए, वही समझदारी है।
तो चलो, अब से हम और जोश के साथ अपने पोर्टफोलियो को सुदृढ़ करेंगे।
उठो, और इस मंच से कुछ नया लिखो - यही असली सफलता है!
Shalini Bharwaj
अगस्त 8, 2024 AT 02:00आपकी बात में कुछ सच है, लेकिन हमें बिना डर के नहीं बल्कि समझदारी से कदम रखना चाहिए।
परिप्रेक्ष्य बदलना ज़रूरी है, ताकि हम हर उतार-चढ़ाव में स्थिर रह सकें।
आइए, इस समय का उपयोग सीखने के लिए करें, न कि केवल नुकसान में डूबने के लिए।
हर गिरावट के बाद, एक नया अवसर छिपा होता है, और हमें वही पकड़ना चाहिए।
Chhaya Pal
अगस्त 8, 2024 AT 11:10आज हम सब इस वैश्विक आर्थिक तूफ़ान के बीच खड़े हैं, और प्रत्येक निवेशक अपने-अपने जहाज़ को संभालने की कोशिश कर रहा है।
पहले तो हमें समझना चाहिए कि अमेरिकी मौद्रिक नीति में होने वाले बदलाव, केवल एक संख्या नहीं हैं, बल्कि पायदान हैं जो बाजार की गहराइयों को प्रभावित करते हैं।
जापान के निक्केई 225 में 7% की गिरावट, यह केवल एक अंक नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि दुनिया के बड़े खिलाड़ी भी अस्थिरता का सामना कर रहे हैं।
ऐसे समय में, धीरज और सावधानी दो मुख्य स्तंभ बनते हैं; बिना धैर्य के कोई भी निवेशक इस मापी हुई ढलान को पार नहीं कर सकता।
वास्तविकता यह है कि बुल मार्केट के बाद हमेशा बेयर मार्केट आता है, और इस चक्र को समझना ही असली जीत है।
विनिमय दरों की उतार-चढ़ाव भी इस गणितीय फ़ॉर्मूले का हिस्सा है, जहाँ येन की मजबूती या कमजोरी, विदेशी पूँजी को आकर्षित या निरुत्साहित करती है।
एक और महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि तेल और सोने जैसे कमोडिटीज़ भी इस ग्रिड में अपना असर डालते हैं, क्योंकि इनकी कीमतें अक्सर आर्थिक संकेतकों के साथ समन्वयित रहती हैं।
जैसे कि बिटकॉइन ने अपनी कीमत में तीव्र गिरावट दर्ज की, यह डिजिटल एसेट की अस्थिरता को दर्शाता है, जो पारंपरिक बाजारों के साथ कभी-कभी विरोधाभासी रूप में जुड़ा रहता है।
मात्रा में कहें तो, यह एक जटिल पहेली है, जहाँ प्रत्येक टुकड़ा आपस में जुड़ते हुए पूरी तस्वीर बनाता है।
उदाहरण के तौर पर, अगर हम फेड की नीति को उलटे क्रम में देखेंगे, तो समझ सकते हैं कि निवेशकों का जोखिम भरा रवैया क्यों बदलता है।
इसी तरह, एशिया के स्टॉक्स, विशेषकर कोरियाई और ताइवानी मार्केट, इस वैश्विक मंदी के तरंगों में झिलमिलाते हैं।
वित्तीय सलाहकारों ने लगातार कहा है कि विविधीकरण ही सबसे सुरक्षित बम है; इस कारण से, इक्विटी, बॉण्ड, और रियल एस्टेट का संतुलन ही अब प्रमुख रणनीति बन गया है।
अब हमें यह भी देखना है कि कौन से सेक्टर इस मंदी में भी स्थिर रहेंगे, जैसे कि हेल्थकेयर और यूटिलिटीज़, जो हमेशा आवश्यक होते हैं।
समाप्ति की ओर देखते हुए, यह स्पष्ट है कि इस अस्थिरता के दौर में, सूझबूझ और तत्परता ही निवेशकों को आगे बढ़ाएंगे, और समय की कड़ी परीक्षा में टिके रहने की अनुमति देंगे।
Naveen Joshi
अगस्त 8, 2024 AT 20:20बहुत ही जानकारीपूर्ण लेख है, इस सब को समझकर मैं अपने पोर्टफोलियो को फिर से देख रहा हूँ।
अब मुझे लगता है कि कुछ सेक्टर में सुरक्षित रहना बेहतर रहेगा।
Gaurav Bhujade
अगस्त 9, 2024 AT 05:30आपके उल्लेखित बिंदु सही हैं; मैं भी मानता हूँ कि विविधीकरण आवश्यक है।
Chandrajyoti Singh
अगस्त 9, 2024 AT 14:40सभी को नमस्कार, इस आर्थिक परिदृश्य की गहरी समझ के लिए धन्यवाद।
समय के साथ, यह स्पष्ट हो रहा है कि खुले विश्लेषण और सटीक डेटा हमें बेहतर निर्णय लेने में मदद करेंगे।
आइए, इस बहस को सकारात्मक दिशा में ले जाएँ।
Riya Patil
अगस्त 9, 2024 AT 23:50वास्तव में, इस मुद्दे पर प्रकाश डालना हमारी ज़िम्मेदारी है - हमारी आवाज़ें जब तक गूँजेंगी, तब तक बदलाव संभव है।
naveen krishna
अगस्त 10, 2024 AT 09:00इसे देखते हुए, मेरा मानना है कि अब हमें अपने निवेश को पुनर्संरचित करने की जरूरत है; इसलिए मैं इस दिशा में कदम रख रहा हूँ।
Disha Haloi
अगस्त 10, 2024 AT 18:10देश की आर्थिक सुरक्षा के लिए हमें विदेशी प्रभावों से बचना चाहिए, यही सच्ची राष्ट्रीय भावना है।
Mariana Filgueira Risso
अगस्त 11, 2024 AT 03:20हर चुनौती में अवसर छिपा रहता है, आइए हम सब मिलकर इस कठिन समय को पार करें और मजबूत बनें।