Mr & Mrs Mahi मूवी समीक्षा: जान्हवी कपूर और राजकुमार राव की साझेदारी ने पूरी तरह से नहीं छोड़ी छाप
मई, 31 2024शरण शर्मा की निर्देशन में बनी फिल्म की कहानी
*Mr & Mrs Mahi* फिल्म की कहानी शरण शर्मा की निर्देशन और रोमान्स व ड्रामा का मिश्रण है। यह कहानी महेंद्र (राजकुमार राव) और महिमा (जान्हवी कपूर) के इर्द-गिर्द घूमती है। महेंद्र एक ऐसा व्यक्ति है जो क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को जीने में विफल रहता है और राज्य टीम में चयनित होने में असफल रहता है। महिमा एक डॉक्टर है जो क्रिकेट में भी उतनी ही रुचि रखती है जितनी कि महेंद्र। उनकी शादी और सपनों की कहानी को लेकर फिल्म आरंभ होती है।
मुख्य किरदारों का प्रदर्शन
राजकुमार राव ने महेंद्र के चरित्र में अपनी अभिनय क्षमता का एक उत्कृष्ट प्रदर्शन दिया है। महेंद्र के फ्रस्ट्रेशन और जलन को उन्होंने बखूबी प्रदर्शित किया है। दूसरी ओर, जान्हवी कपूर महिमा के किरदार को लेकर थोड़ी संघर्ष करती नजर आईं। उनकी परफॉर्मेंस में वह सहजता कमी दिखी जो दर्शकों को किरदार से जोड़ने में सफल नहीं हो पाई।
कहानी का विकास और उसके मोड़
महेंद्र का किरदार अपने व्यक्तिगत विफलताओं के चलते महिमा को क्रिकेट में आगे बढ़ने के लिए मजबूर करता है। उसे उम्मीद है कि महिमा की सफलता उसकी खुद की तारीफ का कारण बनेगी। लेकिन जैसे-जैसे महिमा का क्रिकेट कॅरियर उन्नति की ओर बढ़ता है, महेंद्र की ईर्ष्या और खुदगर्जी बढ़ती जाती है। यह स्थिति और नाटकीय तब हो जाती है जब महेंद्र का नाम टीवी पर महिमा के साथ नहीं आता।
फिल्म में महिमा का अध्याय
फिल्म महिमा के व्यक्तित्व और उसके व्यक्तिगत विकास को सही ढंग से उभार नहीं पाती। महेंद्र के जलन और खुदगर्जी के ऊपर फिल्म का अत्यधिक फोकस है, जिससे कि महिमा के संघर्ष और उसकी जीत की कहानी कहीं खो सी जाती है। यह देखते हुए कि महिमा भी कहानी की एक मुख्य पात्र है, उसका किरदार और अधिक उभर कर आना चाहिए था।
क्रिकेट के दृश्यों का विवरण
फिल्म में क्रिकेट के दृश्य भी साधारण लगे। फिल्म में क्रिकेट खेल के दृश्यों में वह उत्साह और रोमांच नहीं उत्पन्न हो पाया जो दर्शक उम्मीद करते हैं। खेल से जुड़ी फिल्मों में खेल के दृश्यों का महत्व काफी अधिक होता है लेकिन इसमें वे दृश्य याद रखने लायक नहीं हैं।
फिल्म की समग्र सुझाव
संक्षेप में, *Mr & Mrs Mahi* में राजकुमार राव के बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद फिल्म की कहानी अपनी पूरी छाप छोड़ने में विफल रहती है। कथानक में मौलिकता की कमी और महिमा के किरदार के अप्रभावी विकास के चलते फिल्म उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई। क्रिकेट के दृश्य भी साधारण थे जो खेल से जुड़ी फिल्मों में अक्सर एक मुख्य आकर्षण होते हैं। दर्शकों के लिए यह फिल्म एक निराशाजनक अनुभव साबित हो सकती है।