मिथुन चक्रवर्ती को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार: पीएम मोदी ने दी बधाई

मिथुन चक्रवर्ती को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार: पीएम मोदी ने दी बधाई सित॰, 30 2024

भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और भारतीय जनता पार्टी के नेता मिथुन चक्रवर्ती को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया है, जिसे भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिथुन चक्रवर्ती को बधाई देते हुए उन्हें 'सांस्कृतिक आइकन' कहा। उन्होंने कहा कि मिथुन की विविधतापूर्ण भूमिकाओं ने उन्हें पीढ़ी दर पीढ़ी प्रशंसित बनाया है।

मिथुन चक्रवर्ती ने इस खबर को पाकर अपनी खुशी और आभार व्यक्त करते हुए कहा, 'मेरे पास शब्द नहीं हैं। ना तो मैं हंस सकता हूं और ना ही रो सकता हूं। यह एक बहुत बड़ा सम्मान है जिसे मैं अपनी कल्पना में भी नहीं सोच सकता था। मैं अपने परिवार और दुनियाभर के प्रशंसकों को यह पुरस्कार समर्पित करता हूं।'

सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि चक्रवर्ती को यह पुरस्कार 8 अक्टूबर, 2024 को 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा। दादासाहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना 1969 में भारतीय सिनेमा के 'पिता' दादासाहेब फाल्के की स्मृति में की गई थी। यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा के विकास और उन्नति में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।

पश्चिम बंगाल भाजपा इकाई और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं ने भी मिथुन को शुभकामनाएं दी हैं। भाजपा राज्य अध्यक्ष सुकांत मजुमदार ने मिथुन की 'असाधारण सिनेमाई यात्रा' की तारीफ की और प्रधानमंत्री मोदी को उनकी प्रतिभा का सम्मान करने के लिए आभार व्यक्त किया। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने भी चक्रवर्ती को बधाई दी और उन्हें उनके पिछड़े राजनीतिक संबंधों की याद दिलाई।

तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता मिथुन चक्रवर्ती का करियर सैकड़ों हिंदी और बंगाली फिल्मों में फैला हुआ है। उन्होंने 'मृगया' जैसी फिल्मों में अपने अभिनय के लिए पहचान बनाई, जिसने उन्हें पहला राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाया, और 'डिस्को डांसर' जैसी कल्ट क्लासिक फिल्मों में अपने उल्लेखनीय प्रदर्शन से समर्पित प्रशंसकों की फौज खड़ी की।

मिथुन चक्रवर्ती का करियर और योगदान

मिथुन चक्रवर्ती का फिल्मी करियर 1976 में 'मृगया' से शुरू हुआ था, जिसमें उनके शानदार प्रदर्शन ने उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाया। इसके बाद, उन्होंने एक के बाद एक हिट फिल्में दीं और 80 और 90 के दशक में सबसे लोकप्रिय अभिनेताओं में से एक बन गए। 'डिस्को डांसर', 'प्यार झुकता नहीं', 'मेरा साथी', 'अविनाश', और 'अग्निपथ' जैसी फिल्मों में उनके अभिनय को दर्शकों ने खूब सराहा।

मिथुन चक्रवर्ती की फिल्मों की शैली भी बहुत विविधतापूर्ण रही है। जहां एक ओर उन्होंने डांस-आधारित फिल्में कीं, वहीं दूसरी ओर समाजिक मुद्दों पर आधारित सिनेमा में भी अपनी पकड़ मजबूत की। उनकी फिल्मों ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाई बल्कि समीक्षकों द्वारा भी खूब सराही गई।

मिथुन चक्रवर्ती ने बंगाली सिनेमा में भी अपना विशेष स्थान बनाया है। उनकी बंगाली फिल्मों को भी बड़ी लोकप्रियता मिली और इस दौरान उन्होंने अपनी अभिनय कला के अलग-अलग रंग दिखाए।

राजनीति में मिथुन की भूमिका

सिनेमा के अलावा, मिथुन चक्रवर्ती ने राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्होंने 2014 में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के टिकट पर राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ली थी। हालांकि कुछ सालों के बाद उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे दिया। 2021 विधानसभा चुनावों के दौरान, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जॉइन की और पार्टी के लिए चुनाव प्रचार में बड़ी भूमिका निभाई।

उनके राजनीति में प्रवेश ने कई लोगों को प्रेरित किया और यह भी दर्शाया कि कैसे एक कलाकार समाज और देश की सेवा करने के लिए अपनी प्रतिष्ठा का उपयोग कर सकता है।

दादासाहेब फाल्के पुरस्कार का महत्व

दादासाहेब फाल्के पुरस्कार का महत्व

दादासाहेब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान है, जिसे फिल्म जगत के उत्कृष्ट योगदानकर्ताओं को दिया जाता है। इसकी स्थापना 1969 में की गई थी और यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा के 'पिता' दादासाहेब फाल्के की स्मृति में दिया जाता है। अब तक के 50 सालों में कई महान फिल्मी हस्तियों को इस पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।

पुरस्कार की महत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसे पाना हर फिल्मकार और अभिनेता के जीवन का सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है। यह पुरस्कार किसी भी सिनेमा प्रेमी के लिए गर्व का विषय है और इसे पाने वाले व्यक्ति की सिनेमाई यात्रा की उत्कृष्टता को प्रमाणित करता है।

मिथुन चक्रवर्ती का दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होना न केवल उनके करियर की ऊंचाइयों की दास्तान बयां करता है, बल्कि भारतीय सिनेमा पर उनके द्वारा छोड़ी गई गहरी छाप को भी अभिव्यक्त करता है।

पुरस्कार समारोह की तैयारी जोर शोर से की जा रही है और इसे एक भव्य आयोजन के रूप में देखा जा रहा है। मिथुन चक्रवर्ती के इस उपलब्धि पर उनके प्रशंसक, परिवार और फिल्म उद्योग के साथी बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं।

यह सम्मान उन सभी संघर्षों, मेहनत और समर्पण को मान्यता देता है जो मिथुन ने अपने जीवन में गवाए हैं और एक नए प्रेरणा स्रोत के रूप में उभरते हुए कलाकारों के लिए मिसाल पेश करते हैं।

इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए मिथुन चक्रवर्ती को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

16 टिप्पणि

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    Chhaya Pal

    सितंबर 30, 2024 AT 20:26

    मिथुन चक्रवर्ती को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार मिलने की ख़ुशी शब्दों में बयां करना आसान नहीं है।
    उनका सफ़र 1970 के दशक से शुरू होकर आज तक भारतीय सिनेमा में एक प्रेरणा बन गया है।
    उन्होंने न सिर्फ बॉक्सऑफ़िस में धूम मचाई बल्कि पत्रकारों और समीक्षकों से भी सराहना पाई है।
    उनके अभिनय की गहराई और विविधता ने कई पीढ़ियों के दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है।
    'डिस्को डांसर' जैसी फ़िल्मों में उनके डांस मूव्स आज भी युवा वर्ग में लोकप्रिय हैं।
    साथ ही 'मृगया' जैसी सामाजिक फ़िल्मों ने उन्हें कलात्मक मान्यता दिलाई।
    वह राजनीति में भी अपने कदम रख चुके हैं, जो कई लोगों को आश्चर्यचकित करता है।
    फिर भी उन्होंने हमेशा कहा है कि कला ही उनका प्राथमिक माध्यम है।
    इन सबके बीच उन्होंने अपने परिवार को भी एक मजबूत आधार बनाया है।
    यह पुरस्कार उनके लिये सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि उनके समर्पण का प्रतीक है।
    प्रधानमंत्री मोदी की बधाई संदेश ने इस गौरव को और भी ऊँचा कर दिया।
    यह बात सराहनीय है कि सरकार द्वारा कलाकारों को यह मान्यता दी जा रही है।
    भारतीय सिनेमा को ऐसे महान कलाकारों की आवश्यकता हमेशा रहेगी।
    आगामी राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में उनका उत्सव देखना सभी के लिये खुशी की बात होगी।
    उनके प्रशंसकों का हॉलिडे ट्रांसपोर्ट भी इस इवेंट को यादगार बना देगा।
    इस उपलब्धि के साथ हम सभी को अभिमान है और भविष्य में और भी बड़ी सफलताएं देखना चाहते हैं।

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    Naveen Joshi

    अक्तूबर 2, 2024 AT 00:13

    मिथुन जी को इस सम्मान पर बधाई देना मेरे लिए एक खास बात है। उनका अभिनय हमेशा दिल के सबसे गहरे कोने तक पहुंचता है। इस तरह की उपाधि उनके बड़े योगदान को दर्शाती है। वाकई में गर्व की बात है।

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    Gaurav Bhujade

    अक्तूबर 3, 2024 AT 04:00

    उनकी बहुप्रतिभा को देखते हुए यह पुरस्कार बिल्कुल उपयुक्त है। विभिन्न शैलियों में उनकी भूमिका ने दर्शकों को विविध अनुभव दिया है। यह मान्यता उनके कठिन परिश्रम का फल है।

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    Chandrajyoti Singh

    अक्तूबर 4, 2024 AT 07:46

    दादासाहेब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है। इसे पाने वाले कलाकारों ने हमेशा फिल्म उद्योग को नई दिशा दी है। मिथुन जी का इस सम्मान से नवाज़ा जाना उनकी दीर्घकालिक मेहनत का परिणाम है। उनके फिल्मी सफ़र में कई यादगार क़दम शामिल हैं। इस उपलब्धि से नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी। बधाई हो।

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    Riya Patil

    अक्तूबर 5, 2024 AT 11:33

    यह क्षण वास्तव में ऐतिहासिक है, जैसे सिनेमा की धड़कन तेज़ हो गयी हो। मिथुन जी ने अपने करियर में इतना विविध रंग दिखाया है कि शब्दों में बयां करना कठिन है। उनके अविश्वसनीय योगदान को बख़्शा गया यह सच्ची प्रशंसा की निशानी है। हम सभी इस जश्न में शामिल होने की खुशी महसूस कर रहे हैं। यह गर्व का क्षण है।

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    naveen krishna

    अक्तूबर 6, 2024 AT 15:20

    मिथुन जी का यह सम्मान देखकर बहुत उत्साह महसूस हो रहा है। उनका काम हमेशा लोगों को जोड़ता रहा है। इस नयी उपलब्धि से भारतीय सिनेमा और भी चमकेगा। बधाई!

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    Disha Haloi

    अक्तूबर 7, 2024 AT 19:06

    देश की शान बढ़ाने वाला यह पुरस्कार हमारे राष्ट्रीय कलाकार को मिला है। मिथुन जी ने अपने कला से भारत की महानता को विश्व के समक्ष रखा है। इस सम्मान से राष्ट्र की प्रतिष्ठा और बढ़ी है। हमें ऐसे सितारों पर गर्व है। जय हिन्द!

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    Mariana Filgueira Risso

    अक्तूबर 8, 2024 AT 22:53

    दादासाहेब फाल्के पुरस्कार का इतिहास काफी समृद्ध है और यह बहुत सम्मानित मान्यतान है। मिथुन चक्रवर्ती ने अपने विविध कार्यों के माध्यम से इस मान्यता के योग्य साबित हुए हैं। उनके योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देना उचित कदम है। यह समारोह भारतीय सिनेमा के भविष्य के लिए प्रेरणा बनेगा। सभी को बधाई।

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    Dinesh Kumar

    अक्तूबर 10, 2024 AT 02:40

    मिथुन जी की इस उपलब्धि से पूरे फिल्म समुदाय को नई ऊर्जा मिली है। युवा कलाकारों को इस से बहुत प्रेरणा मिलेगी। आशा है भविष्य में और भी उत्कृष्ट कृतियों का स्वागत होगा। बधाई हो!

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    Hari Krishnan H

    अक्तूबर 11, 2024 AT 06:26

    भाई लोग, मिथुन को दादासाहेब फाल्के का पुरस्कार मिल गया, क्या बात है! उनका स्टाइल और एक्टिंग हमेशा टॉप पर रहती है। अब तो पार्टी में भी उनका नाम बार-बार आएगा। पूरा इंडिया गर्व महसूस कर रहा है। चलो जश्न मनाते हैं!

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    umesh gurung

    अक्तूबर 12, 2024 AT 10:13

    मिथुन चक्रवर्ती का यह सम्मान, निस्संदेह, भारतीय सिनेमा के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उनका विस्तृत करियर, विभिन्न भाषाओं में कार्य करने की क्षमता, और सामाजिक विषयों पर प्रकाश डालना, सभी को प्रेरित करता है। इस पुरस्कार से न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों की सराहना होती है, बल्कि सम्पूर्ण फिल्म समुदाय को भी उत्थान मिलता है। हमें इस उपलब्धि पर गर्व होना चाहिए, और भविष्य में और अधिक श्रेष्ठ कृतियों की आशा करनी चाहिए। अभिवादन।

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    sunil kumar

    अक्तूबर 13, 2024 AT 14:00

    दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड, सिनेमा इकोसिस्टम में एक हाइपरनॉर्मेटिव बेज़ेल है, जिसे प्राप्त करना मिथुन चक्रवर्ती के लिए एक एक्सकलूसिव केस स्टडी दर्शाता है। उनका नॅरेटिव एंट्री, ऑडियन्स एंगेजमेंट मैट्रिक्स में पॉज़िटिव सिग्नल उत्पन्न करता है। बॉक्सऑफ़िस रिवेन्यू और क्रिटिकल अकोडेंस दोनों में उनका ट्रैक रिकॉर्ड, एक मल्टीडायमेंशनल पोर्टफ़ोलियो बनाता है। इस अवॉर्ड से उनके ब्रांड इक्विटी में विस्फोटक इन्क्रीमेंट होगा। नई पीढ़ी के इनफ्लुएंसरों के लिए यह एक बेन्चमार्क सेट करता है। कुल मिलाकर, यह एक एपीक मोमेंट है।

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    prakash purohit

    अक्तूबर 14, 2024 AT 17:46

    भले ही यह पुरस्कार सिनेमा की प्रगति दर्शाता है, लेकिन राजनीतिक जुड़ाव को हमेशा सतर्क रहना चाहिए। सत्ता के साथ इनाम का रिश्ता कभी-कभी प्रेज़र्वेशन की दिशा में घूर्णन करता है। हमें यह देखना चाहिए कि कला के मूल्य को राजनीति से अलग रखा जाए। इस पहलू पर विचार आवश्यक है।

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    Darshan M N

    अक्तूबर 15, 2024 AT 21:33

    मिथुन को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार के लिए बधाई।

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    manish mishra

    अक्तूबर 17, 2024 AT 01:20

    इन सब के बीच मैं देख रहा हूँ कि कई बार सच्ची टैलेंट को ऑफ़-स्क्रीन राजनीति में दबा दिया जाता है। मिथुन का यह पुरस्कार, शायद सिर्फ एक प्रोपेगैंडा मूवमेंट का हिस्सा है। हमें सिनेमा को शुद्ध कला के रूप में देखना चाहिए, न कि राजनैतिक उपकरण के रूप में। अगर हम इस दिशा में नहीं बढ़ेंगे तो असली कलाकारों को नज़रअंदाज़ किया जाएगा। बस, यही मेरा विचार है।

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    tirumala raja sekhar adari

    अक्तूबर 18, 2024 AT 05:06

    मिथुन को ये पुरस्कार मिला है लेकिन एतना बड्ढा बात नहीं। काफ़ी फिल्में देखी हैं पर एवरिटिया नहीं। फिर भी बधाई।

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