महा कुंभ में कोकिलाबेन अंबानी का लाल को-ऑर्ड सेट बना आकर्षण का केंद्र, श्लोका और राधिका का स्टाइल फीका पड़ा

महा कुंभ में कोकिलाबेन अंबानी का लाल को-ऑर्ड सेट बना आकर्षण का केंद्र, श्लोका और राधिका का स्टाइल फीका पड़ा जुल॰, 21 2025

प्रयागराज के महा कुंभ में अंबानी परिवार की मौजूदगी

2025 के महा कुंभ मेले में जब पूरा अंबानी परिवार संगम तट पर पहुँचा, हर किसी की नजरें बस एक शख्स पर ठहर गईं—कोकिलाबेन अंबानी। आमतौर पर पारंपरिक परिधानों में दिखने वाली कोकिलाबेन ने इस बार फैशन में नया प्रयोग किया और पहना लाल को-ऑर्ड सेट। उनके साथ मुकेश अंबानी, बेटे आकाश और अनंत, बहुएं श्लोका मेहता और राधिका मर्चेंट और परिवार के अन्य सदस्य भी शामिल हुए, लेकिन इस बार सुर्खियां सिर्फ कोकिलाबेन के नाम रहीं।

कोकिलाबेन का लाल को-ऑर्ड सेट यानी मैचिंग शर्ट और बॉटम्स, न सिर्फ उनका आत्मविश्वास दिखा रहा था बल्कि यह बताता था कि उम्र कोई बंधन नहीं। अंबानी परिवार की बहुएं जहाॅं ट्रेडिशनल ड्रेस जैसे श्लोका का सिंपल लुक और राधिका का नेवी ब्लू कुर्ता-मिंट ग्रीन धोती पैंट, अपनाकर आई थीं, वहीं कोकिलाबेन ने पूरी तरह मॉडर्न लुक चुना। उनका ये अंदाज तभी से सोशल मीडिया पर छा गया।

रिवाजों में आस्था, अंदाज में नयापन

महा कुंभ की भव्यता के बीच, अंबानी परिवार ने पूरी श्रद्धा से सभी जरूरी अनुष्ठान किए। संगम पर डुबकी लगाना, संतों का आशीर्वाद लेना और होली पूजा—सभी रस्मों को परिवार ने निभाया। इतनी भीड़ और मीडिया की मौजूदगी में भी कोकिलाबेन की लाल पोशाक सबसे ज्यादा चर्चा में रही। लोग उनके ड्रेसिंग सेंस की तारीफ करते नहीं थक रहे। कई लोग मान रहे हैं कि उनका स्टाइल युवाओं को भी प्रेरणा दे सकता है।

अक्सर धर्म और संस्कृति के कार्यक्रमों में पारंपरिक ड्रेस को सटीक माना जाता है, मगर कोकिलाबेन ने यह दिखा दिया कि अपने तरीके से भी लोग धार्मिक आयोजनों में शामिल हो सकते हैं। कई महिलाओं ने उनके आत्मविश्वास से सीख लेकर सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ में पोस्ट लिखे। राधिका और श्लोका की ट्रेडिशनल ड्रेस मैट रही, लेकिन कोकिलाबेन की आधुनिक पोशाक ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा।

फैशन की बहस से हटकर, सबसे अहम रहा परिवार का एकसाथ दिखना और धार्मिक अनुष्ठानों में हिस्सेदारी। अंबानी परिवार की यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, लोग उनकी फैमिली बॉन्डिंग और रुढ़ियों को तोड़ नया ट्रेंड सेट करने वाले अंदाज की भी सराहना कर रहे हैं।

10 टिप्पणि

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    Dr Chytra V Anand

    जुलाई 21, 2025 AT 18:37

    कोकिलाबेन का लाल को‑ऑर्ड सेट देख कर सच में दिल खुश हो गया।
    पारंपरिक कपड़े के बीच ऐसा मॉडर्न लुक युवा पीढ़ी को प्रेरित कर सकता है।
    महा कुंभ जैसे पवित्र समारोह में फैशन के साथ प्रयोग करना थोड़ा साहसिक भी है।
    लेकिन उनका आत्मविश्वास और शैली वास्तव में सराहनीय है।
    कुल मिलाकर, यह दिखाता है कि परम्परा और नयापन साथ‑साथ चल सकते हैं।

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    Deepak Mittal

    जुलाई 23, 2025 AT 12:17

    ये सारे मीडीया की चमक‑दमक सिर्फ एक बड़ी योजन का हिस्सा है; वास्तव में को‑ऑर्ड सेट का कोई मतलब नहीं है।
    सरकार और बड़े व्यापारिक समूह मिलकर यहाँ जनमन को और भी नियंत्रित कर रहे हैं।
    हर फोटो को प्रोसेस करके हमसे कुछ छुपाया जा रहा है, यह बात दिमाग में नहीं रहती तो नुकसान ही होगा।
    सच में हमें इस सबको सवाल करना चाहिए।

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    Neetu Neetu

    जुलाई 25, 2025 AT 05:57

    अरे वाह, को‑ऑर्ड सेट में डुबकी तो लग गई 😏

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    Jitendra Singh

    जुलाई 26, 2025 AT 23:37

    बिल्कुल सही कहा आप; लेकिन इतना ताना‑बाना नहीं होना चाहिए-फैशन का महत्व सिर्फ एक मार्केटिंग स्टंट नहीं है; इसे सांस्कृतिक अभिव्यक्ति माना जाना चाहिए; अन्यथा लोग बस दिखावे में फँस जाएंगे।

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    priya sharma

    जुलाई 28, 2025 AT 17:17

    कोकिलाबेन द्वारा अपनाए गए लुक में टेक्सटाइल एन्जीनियरिंग और कलर थ्योरी का सम्मिलित उपयोग स्पष्ट है।
    लाल रंग के ह्यू के चयन से वैजीटेबल डाइ को उपयोग में लाकर इको‑फ्रेंडली अप्रोच अपनाई गई है।
    इसके अलावा, को‑ऑर्डिनेटेड सेट में सिलाई की स्ट्रक्चर एवं फिटिंग गारमेंट ड्रीसिंग टेक्नीक में नवीनतम प्रोटोकॉल को दर्शाती है।
    इस प्रकार, यह परिधान न केवल एस्थेटिक रूप से आकर्षक है बल्कि फंक्शनल भी है।

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    Ankit Maurya

    जुलाई 30, 2025 AT 10:57

    यह सब तकनीकी जार्गन सुनकर हमें अपने भारतीय परम्पराओं की महिमा याद आती है; देशी वस्त्रों को ग्लोबल ट्रेंड से नहीं, बल्कि भारतीय विरासत से जोड़ना चाहिए।
    कोकिलाबेन ने विदेशी अभिजात्य शैली को अपनाने की बजाय अपने ही देश की शिल्प कला को उजागर किया।
    यही सच्ची राष्ट्रीय भावना है, जिसे हमें सराहना चाहिए।

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    Sagar Monde

    अगस्त 1, 2025 AT 04:37

    मैं तो कहूँगा कोकिलाबेन का लुक सच में धांसू था, पर ये तमी में थोड़ा झटका लगता है, जैसे बिच में अनचाहा रुकावट है।

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    Sharavana Raghavan

    अगस्त 2, 2025 AT 22:17

    आपके शब्दों में स्पष्ट रूप से अति‑आलोचनात्मक प्रवृत्ति है; जबकि फैशन का मूल्यांकन व्यक्तिगत अभिव्यक्ति पर आधारित होना चाहिए, न कि बाह्य मानदंडों पर।

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    Nikhil Shrivastava

    अगस्त 4, 2025 AT 15:57

    कोकिलाबेन अंबानी का लाल को‑ऑर्ड सेट महा कुंभ के माहौल में एक अनोखा दृश्य प्रस्तुत करता है।
    इस चयन में कई सामाजिक और सांस्कृतिक आयाम छिपे हैं, जो आसानी से नजरअंदाज नहीं किए जा सकते।
    पहली बात यह कि लाल रंग का प्रयोग श्रद्धा और ऊर्जा दोनों को दर्शाता है, जो कुंभ की पवित्रता के साथ तालमेल बिठाता है।
    दूसरी बात, को‑ऑर्ड सेट की संरचना में आधुनिक कट और पारम्परिक कढ़ाई का सम्मिलन देखा जाता है, जिससे यह दोनों दुनियाओं को जोड़ता है।
    तीसरी, इस पोशाक का फिटिंग दर्शकों को यह संदेश देती है कि उम्र केवल एक संख्या है, और आत्मविश्वास पहनावे में प्रतिबिंबित होता है।
    चौथी, कोकिलाबेन की इस पहल ने युवा महिलाओं को प्रेरित किया है कि वे भी परम्परा से बंधे बिना अपने स्टाइल को व्यक्त कर सकें।
    पाँचवीं, सामाजिक मीडिया पर इस पोशाक की वायरल होनी यह दर्शाती है कि लोग अब फैशन में विविधता को स्वीकार कर रहे हैं।
    छठी, यह ट्रेंड भविष्य में बड़े धर्मिक समारोहों में भी अधिक आधुनिक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित कर सकता है।
    सातवीं, कोकिलाबेन की इस प्रस्तुति ने मीडिया को भी अंधा कर दिया, क्योंकि फोटो में उनका आत्मविश्वास और चमक स्पष्ट दिख रहा था।
    आठवीं, इस सेट की सिलाई में प्रयुक्त सामग्री हल्की और आरामदायक है, जिससे वह भीड़ में सहजता से चल सकी।
    नौवीं, इस शैली ने पारम्परिक परिधान के प्रति लोगों की धारणा को चुनौती दी है।
    दसवीं, कई दर्शकों ने कहा कि यह एक नया फैशन मानक स्थापित कर सकता है, जहाँ आराम और सौंदर्य समान रूप से महत्व पाते हैं।
    ग्यारहवीं, कोकिलाबेन ने इस अवसर को अपने सामाजिक संदेशों को भी प्रसारित करने के लिये इस्तेमाल किया, जैसे महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता।
    बारहवीं, इस पहल ने अंबानी परिवार के अन्य सदस्यों को भी अपनी शैली में प्रयोग करने के लिये प्रेरित किया।
    तेरहवीं, इस सेट की लोकप्रियता ने स्थानीय कारीगरों को भी नई अवसर प्रदान किए, क्योंकि समान डिजाइन की मांग बढ़ी।
    चौदहवीं, इस सब के बावजूद, कुछ लोग अभी भी पारम्परिक पोशाक को प्राथमिकता देते हैं, जो सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है।
    पंद्रहवीं, अंततः, यह कहना उचित है कि कोकिलाबेन ने सिर्फ एक कपड़े नहीं पहना, बल्कि एक विचारधारा को जीवंत किया।

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    Aman Kulhara

    अगस्त 6, 2025 AT 09:37

    समग्र रूप से, कोकिलाबेन के लुक में एस्थेटिक, क्यूल्टूरल और सामाजिक तत्वों का संतुलित मिश्रण देखा जाता है; यह विचारधारा न केवल फैशन में नवाचार लाती है बल्कि समाज में समावेशिता को भी बढ़ावा देती है; इसलिए इस ट्रेंड को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

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