ICC की विमेंस ODI टीम ऑफ द इयर 2024 में भारतीय सितारे स्मृति मंडाना, दीप्ति शर्मा को एलीट जगह
अक्तू॰, 7 2025
जब स्मृति मंडाना, भारतीय को विमेंस ODI टीम ऑफ द इयर 2024 में शामिल किया गया, तो पूरे देश के क्रिकेट प्रशंसक अपने हाथों में झूम उठे। घोषणा ICC अवॉर्ड्स 2024दुबई के एलिट समारोह में हुई, जहाँ दुनिया के सात देशों के खिलाड़ी चुने गए थे।
पृष्ठभूमि और महत्व
इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल, यानी ICC, हर साल महिला क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों को ‘टीम ऑफ द इयर’ का गौरव देती है। यह सम्मान न सिर्फ व्यक्तिगत गौरव है, बल्कि राष्ट्रीय टीम की उन्नति का भी चेहरा दिखाता है। इस साल विशेष रूप से 2024 में महिलाओं के 50-ओवर फॉर्मेट में तेज़ी से बदलाव आए, और भारत की महिला टीम ने नई ऊँचाइयाँ छुईं।
विस्तारित विवरण: खिलाड़ी और आँकड़े
दीप्ति शर्मा, ऑल‑राउंडर ने 13 मैचों में 186 रन और 24 विकेट का शानदार योगदान दिया। उनका औसत और स्ट्राइक रेट दोनों ही उत्कृष्ट रहे, जिससे वे टीम में नौवें खिलाड़ी के रूप में शामिल हुईं।
दूसरी ओर, स्मृति मंडाना, 28 साल की इस बल्लेबाज़ ने इस साल 747 रन बनाकर 2024 की रन‑चार्ट में शीर्षस्थ स्थान हासिल किया। 13 मैचों में चार शतक और कई बार 90‑plus स्कोर करने की उनकी क्षमता ने उन्हें ICC के विमेंस ODI प्लेयर ऑफ द ईयर के दावे में भी आगे बढ़ा दिया।
डॉ. लारा वोल्वर्ड्ट, लाुरा वोलफ़र्ड्ट, दक्षिण अफ्रीका की कप्तान, ने 697 रन बनाए और 184* की अविस्मरणीय पारी खेली, जो अब तक का राष्ट्रीय रिकॉर्ड है। उन्होंने टीम को कप्तान के रूप में भी चुना गया, जिससे उनकी नेतृत्व क्षमता की भी सराहना हुई।
टीम में और भी दमदार खिलाड़ी थे: श्रीलंका की चामारी अथापथु, वेस्टइंडीज़ की हेले मैथ्यूज़, ऑस्ट्रेलिया की एश गैर्दन और एनी बॉलिंग टैलेंट के साथ, साथ ही इंग्लैंड की एमी जोन्स (विकेट‑कीपर) और सोफ़ी एक्सक्लेस्टोन, केट क्रॉस भी शामिल हैं।
प्रतिक्रियाएँ और विश्लेषण
भारत में इस चयन पर तुरंत खुशी की लहर दौड़ी। BCCI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशुतोष अडवाणी ने कहा, “स्मृति और दीप्ति की इस उपलब्धि से भारतीय महिला क्रिकेट को नया प्रोत्साहन मिला है। यह युवा पीढ़ी को प्रेरित करेगा।”
खेल विश्लेषक अमिताब गुप्ता ने नोट किया, “इंडिया की दो बैटर और एक ऑल‑राउंडर का इस एलीट टीम में होना यह दर्शाता है कि भारत की महिला पिचिंग और बॉलिंग दोनों क्षेत्रों में संतुलन बन रहा है।”
दुबई में मौजूद अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों ने भी कहा कि इस साल की चयन प्रक्रिया में आँकड़े, मैच-स्थिति और दबाव में प्रदर्शन को बराबर महत्व दिया गया।
भविष्य की राह और संभावित प्रभाव
अब सवाल यह है कि यह मान्यता भारतीय महिला टीम के आगे के सफर को कैसे प्रभावित करेगी। कई कॉचें मानते हैं कि इस तरह के अंतरराष्ट्रीय सम्मान से घरेलू लीगों और युवा कैंपों में निवेश बढ़ेगा।
इसके अलावा, ICC की यह पहल महिला क्रिकेट के वाणिज्यीकरण को तेज़ करेगी, जिससे विज्ञापन, ब्रांड एन्डॉरसमेंट और टेलीविज़न अधिकारों में इजाफा होगा।
पिछला इतिहास और तुलना
पिछले साल 2023 में, भारत का सिर्फ वन-ऑफ़-ए-टाइम प्लेयर ही चयनित हुआ था। इस साल दो खिलाड़ियों का होना ऐतिहासिक माना जा रहा है। इसी तरह, 2022 में इंग्लैंड ने सबसे अधिक खिलाड़ी चुने थे; 2024 में भारत की बढ़ती उपस्थिति एक नई दिशा दर्शाती है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, विमेंस ODI टीम ऑफ द इयर 2024 में भारतीय खिलाड़ी का होना देश के महिला क्रिकेट के विकास का प्रतीक है। यह न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि पूरे खेल के परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखता है। आगे की चुनौतियों को देखते हुए, इस मान्यता को एक प्रेरक शक्ति माना जा रहा है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
स्मृति मंडाना के इस चयन का भारतीय महिला क्रिकेट पर क्या असर पड़ेगा?
स्मृति की इस एलीट टीम में जगह से युवा खिलाड़ियों को बड़ा मोटीवेशन मिलेगा। उन्हें अब अधिक संसाधन, बेहतर प्रशिक्षण और अंतरराष्ट्रीय मैचों के अवसर मिलने की संभावना है, जिससे भारत की महिला टीम की समग्र शक्ति में इजाफा होगा।
दीप्ति शर्मा की ऑल‑राउंडर क्षमता को क्यों सराहा गया?
दीप्ति ने 2024 में 24 विकेट और 186 रन दोनों ही योगदान किए, जिससे वह टीम में संतुलन बनाती हैं। उनकी बॉलिंग की विविधता और दबाव में बल्लेबाज़ी दोनों कारणों से ICC ने उन्हें टीम में जगह दी।
ICC के इस चयन में किन पहलुओं को विशेष महत्त्व दिया गया?
ICC ने सिर्फ रंट्स और विकेट नहीं, बल्कि खिलाड़ी के दबाव संभालने, मैच‑सिचुएशन में योगदान और निरंतरता को भी देखा। इसलिए लगातार शतकों और मैच‑विनिंग परफॉर्मेंस को प्राथमिकता दी गई।
क्या इस वर्ष की टीम में भारत का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है?
हाँ, पिछले दो सालों में केवल एक भारतीय खिलाड़ी ही चयनित हुआ था, जबकि इस साल दो खिलाड़ियों को शामिल किया गया। यह भारतीय महिला क्रिकेट की बढ़ती ताकत का संकेत है।
आगामी साल में भारतीय महिला टीम को कौन‑सी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है?
मुख्य चुनौती घरेलू आधारभूत सुविधाओं को सुधारना, निरंतर टूर शेड्यूल बनाये रखना और युवा प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक्सपोजर देना होगा। लेकिन इस चयन से मिलने वाला आत्मविश्वास इन्हें पार करने में मदद करेगा।
Surya Banerjee
अक्तूबर 7, 2025 AT 05:12स्मृति मंडाना का चयन बिलकुल सही है, इससे युवा लड़कियों को बड़ा मोटीवेशन मिलेगा क्योंकि अब उनके सामने तय लक्ष्य दिख रहा है। टीम की बैटिंग लाइन‑अप में उनका योगदान अमूल्य है। ICC जैसी बड़ी संस्था द्वारा मान्यता मिलने से देश का खेली माहौल और भी सकारात्मक होगा।
Sunil Kumar
अक्तूबर 10, 2025 AT 15:40अरे वाह, आखिरकार ICC ने भी समझा कि भारत की बैटिंग फॉरवर्ड्स में कितनी पावर है-बिलकुल वो ही जो हमें हर मैच में झटके देता है! ये चयन सिर्फ आँकड़ों का नहीं, बल्कि मैदान पर दिखाए गए “किक‑एंड‑रन” की भावना का प्रमाण है। अब देखेंगे कौन‑सी टीम इस जोश को संभाल सकेगी।
Ashish Singh
अक्तूबर 14, 2025 AT 03:00अत्यंत गर्व की बात है कि ICC ने हमारे महिला cricketers के अपार परिश्रम और राष्ट्र‑प्रेम को मान्य किया। यह सम्मान केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि राष्ट्रीय खेल‑नीति की दृढ़ता एवं विकास का प्रतीक है। भविष्य में ऐसी सफलताओं को निरन्तर बनाये रखने हेतु सबको कड़ी मेहनत एवं अनुशासन अपनाना चाहिए।
ravi teja
अक्तूबर 17, 2025 AT 14:20दीप्ति शर्मा की ऑल‑राउंडर कौशल तो देखते ही बनती है, उनका बैट और बॉल दोनों में योगदान टीम को बैलेंस रखता है। ऐसे खिलाड़ी मिलना आसान नहीं, इसलिए इस चयन पर पूरी टीम को बधाई देना चाहिए।
Harsh Kumar
अक्तूबर 21, 2025 AT 01:40बिलकुल सही कहा यार 😊! दीप्ति की पिच पर दबाव संभालने की अदा वाकई में काबिले तारीफ है, और उनका विकेट‑टेकिंग स्पिड हमें कई मैच जीताने में मदद करेगा 🚀. इस जीत की लहर हमें और भी जीत दिलाएगी, चलो सभी मिलकर जश्न मनाते हैं! 🎉
bhavna bhedi
अक्तूबर 24, 2025 AT 13:00भारतीय महिला क्रिकेट का ये मुकाबला अब एक नई ऊँचाई पर पहुँच गया है इस चयन से हमें और उत्साह मिला है यह हमारे युवाओं को प्रेरित करेगा और खेल में निवेश बढ़ेगा
Chirantanjyoti Mudoi
अक्तूबर 28, 2025 AT 00:20हकीकत तो यही है कि चयन प्रक्रिया में सिर्फ आँकड़े नहीं, बल्कि कई बार जन‑प्रीति और मीडिया की आवाज भी असर करती है। इसलिए मैंने सोचा, अगर ये दो खिलाड़ियों को चुना गया तो क्यों न कुछ कम ज्ञात प्रतिभा को भी मौका दिया जाता। ऐसा होना चाहिए ताकि प्रतिस्पर्धा सच्ची रहे।
suchi gaur
अक्तूबर 31, 2025 AT 11:40ICC का यह चयन निस्संदेह विश्व स्तर पर भारतीय महिला क्रिकेट की श्रेष्ठता को दर्शाता है 🌟। ऐसे प्रतिष्ठित मंच पर पहचान मिलना हमारे खिलाड़ियों के लिए एक अभूतपूर्व सम्मान है।
Rajan India
नवंबर 3, 2025 AT 23:00सच में बहुत बढ़िया बात है।
Parul Saxena
नवंबर 7, 2025 AT 10:20भारतीय महिला क्रिकेट की इस उपलब्धि को देखते हुए एक गहरी सामाजिक परिवर्तन के संकेत मिलते हैं।
स्मृति मंडाना और दीप्ति शर्मा जैसे खिलाड़ी केवल खेल के मैदान में नहीं, बल्कि युवा लड़कियों के भविष्य में भी नई दिशा स्थापित कर रहे हैं।
जब हम इस चयन को देखते हैं तो यह स्पष्ट हो जाता है कि आँकड़े और निरंतरता ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है।
साथ ही यह भी समझ आता है कि राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन और बुनियादी ढाँचे की मजबूती ने खिलाड़ियों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की राह दी है।
ICC जैसे अंतरराष्ट्रीय निकाय द्वारा इन खिलाड़ियों को मान्यता देना एक आम बात नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत की महिला टीम में तकनीकी और मानसिक दृढ़ता है।
यह चयन न केवल व्यक्तिगत गौरव है, बल्कि यह हमारे खेल के प्रशासन में पारदर्शिता और merit‑based चयन की एक शक्ति है।
कई विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि इस तरह की मान्यता से घरेलू लीगों में निवेश बढ़ेगा और नई प्रतिभाओं को अवसर मिलेंगे।
भविष्य में जब इन खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, तो यह सम्मान उन्हें आत्म‑विश्वास देगा।
इसके साथ ही यह ज़िम्मेदारी भी आती है कि हमें युवा क्रिकेटरों को बेहतर सुविधाएँ और प्रशिक्षक प्रदान करने चाहिए।
सामाजिक दृष्टिकोण से देखें तो महिलाएँ खेल के माध्यम से empowerment प्राप्त कर रही हैं, जिससे उनके सामाजिक स्थिति में सुधार हो रहा है।
इस संदर्भ में मीडिया की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि सकारात्मक कवरेज से सार्वजनिक समर्थन बढ़ता है।
हमें यह भी याद रखना चाहिए कि खेल केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय अभिमान और सांस्कृतिक पहचान का एक भाग है।
इस प्रकार, स्मृति और दीप्ति का चयन एक प्रेरणा स्रोत बनकर नई पीढ़ी को लक्ष्य निर्धारित करने में मदद करेगा।
साथ ही यह दर्शाता है कि ICC की चयन प्रक्रिया में विविधता और निष्पक्षता का ध्यान रखा गया है।
अंततः, यह उपलब्धि हमें यह सिखाती है कि निरंतर मेहनत और उचित समर्थन के साथ कुछ भी संभव है।
इसलिए, सभी स्टेकहोल्डर्स को मिलकर इस गति को बनाए रखना चाहिए, जिससे भारतीय महिला क्रिकेट का भविष्य और भी उज्ज्वल हो।