हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: राजनीतिक प्रतिस्पर्धा और प्रमुख मुकाबले

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: राजनीतिक प्रतिस्पर्धा और प्रमुख मुकाबले अक्तू॰, 5 2024

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: राजनीतिक परिदृश्य का दावा

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच हो रहे इस चुनावी संग्राम को देखते हुए राजनीतिक विश्लेषक इसे अत्यंत महत्वपूर्ण मान रहे हैं। भाजपा, जोकि राज्य में लगातार तीसरा कार्यकाल चाहती है, को इस बार कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि कांग्रेस दस साल के अंतराल के बाद सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है।

राज्य की महत्वपूर्ण विधानसभाएँ जैसे सोहना, जुलाना, लाडवा, रणिया और उचाना कलान का चुनाव परिणाम इन दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों की दशा और दिशा तय करेगा। इस चुनाव से केवल यह नहीं तय होगा कि कौन सी पार्टी गठबंधन अथवा सरकार बनाएगी, बल्कि यह भी कि राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में आने वाले वर्षों में कौन सा दल बढ़त बनाएगा।

सोहना में प्रमुख मुकाबला

सोहना विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला अत्यंत दिलचस्प हो चुका है। भाजपा के तेजपाल तंवर मौजूदा विधायक हैं और उनके समक्ष कांग्रेस के रोहतास सिंह खटाना समेत दो स्वतंत्र उम्मीदवार मौजूद हैं, जो कि पूर्व भाजपा नेता भी रह चुके हैं। यहाँ का मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है और जनता का मूड अज्ञात है। हर एक उम्मीदवार अपनी रणनीतियाँ बनाकर जनता के बीच पहुंच रहा है, ताकि उनके पक्ष में एक धारा बन सके।

जुलाना का रोमांचक चुनावी समर

जुलाना विधानसभा में खेल जगत के दो दिग्गज एक दूसरे के सामने हैं। ओलंपिक पदक विजेता विनेश फोगाट कांग्रेस की उम्मीदवारी में उतरी हैं तो वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने उनकी प्रतिद्वंद्विता के लिए एक और पहलवान काविता दलाल को मैदान पर उतारा है। यहां एक पेशेवर पायलट और एक सेवानिवृत्त कर अधिकारी भी अपनी किस्मत आजमाने की तैयारी में हैं। इसे देखते हुए यह क्षेत्र विशेष रूप से रोचक हो चला है।

लाडवा की राजनीतिक चुनौतियाँ

लाडवा विधानसभा सीट पर पिछले चुनाव का पराजय झेल चुकी भाजपा इस बार मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को उतार कर नए सिरे से प्रयासरत है। हालांकि यहाँ वर्तमान कांग्रेस विधायक मेवा सिंह एवं भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के सपन बरशामी खड़े हैं, जो अपनी-अपनी अदाकारी से मुकाबले को कठिन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। नायब सिंह सैनी का जातिगत समीकरण उनके पक्ष में हो सकता है लेकिन स्थानीय मुद्दों की अनदेखी के कारण विरोधियों का प्रभाव भी टालना कठिन होगा।

उचाना कलान की जटिल राजनीति

उचाना कलान में जाट बहुल जनसंख्या है और यह सीट हमेशा से कई राजनीतिक दिग्गजों के लिए कांटेदार साबित होती है। इस बार कांग्रेस के बृजेन्द्र सिंह, जो कि भाजपा के पूर्व सांसद रह चुके हैं और दिग्गज नेता बिरेंद्र सिंह के पुत्र हैं, यहां पर मैदान में हैं। उनके खिलाफ भाजपा के देवेंद्र चतुर्भुज अत्री और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला पुनर्निर्वाचन के लिए खड़े हैं। बदलते समीकरणों को देखते हुए यहां का चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण है।

रणिया: चुटाला परिवार के बीच तनातनी

रणिया विधानसभा में चुटाला परिवार के बीच भिड़ंत देखने योग्य है। चुटाला परिवार के पूर्व सदस्य और स्वतंत्र राजनेता रंजीत सिंह चुटाला अपने विरोधाभास में यूपीए नेतृत्व वाली सरकार से अलग हो गए हैं। उनका मुकाबला आईएनएलडी के अर्जुन चुटाला से है, जो उनके परिवार के ही सदस्य हैं। कांग्रेस ने यहां यू-ट्यूब पत्रकार सर्ब मिटर कांबोज को मैदान में उतारा है, जबकि जेजेपी ने रंजीत को अप्रत्यक्ष समर्थन दिया है।

इसी प्रकार से हरियाणा के विधानसभा चुनाव 2024 के इस राजनीतिक संग्राम में कई मोड़ और उतार होंगे। इन चुनावों के परिणाम केवल राजनीतिक दलों के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं होंगे बल्कि यह राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में आने वाले वर्षों में बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं। यद्यपि यह संघर्ष तीक्ष्ण प्रतीत होता है, लेकिन समय ही बताएगा कि कौन सा दल जनता का विश्वास जीतने में सफल होगा।