Groww IPO का पहला दिन: रिटेल निवेशकों ने 41% भरा, GMP स्थिर ₹14-16

Groww IPO का पहला दिन: रिटेल निवेशकों ने 41% भरा, GMP स्थिर ₹14-16 नव॰, 4 2025

भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन ब्रोकर Groww का आईपीओ 4 नवंबर, 2025 को शुरू हुआ, और पहले दिन ही रिटेल निवेशकों ने अपनी ओर से शानदार प्रतिक्रिया दी — 41% सब्सक्रिप्शन। लेकिन कुल सब्सक्रिप्शन केवल 10% रहा, जो बाजार के बारे में एक अजीब सा संकेत देता है। ये वो पल है जब एक टेक-आधारित फिनटेक कंपनी, जिसने देश के करोड़ों नए निवेशकों को शेयर बाजार में लाया, अपनी निजी दुनिया से बाहर निकलने के लिए तैयार हो रही है। ग्रे मार्केट में इसका प्रीमियम ₹14-16 रहा, जिससे लिस्टिंग की संभावित कीमत ₹114 तक पहुँच सकती है — यानी आईपीओ के अपर बैंड ₹100 के मुकाबले 14-16% बढ़ावा।

आईपीओ का आकार और संरचना: ₹6,632 करोड़ का बड़ा बैंक

Groww का आईपीओ कुल ₹6,632.30 करोड़ का है, जिसमें ₹1,060 करोड़ का नया निवेश और ₹5,572.30 करोड़ का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है। ये 66.32 करोड़ शेयरों का बंडल है — जिसमें 10.60 करोड़ नए शेयर और 55.72 करोड़ पुराने शेयर शामिल हैं। रिटेल निवेशकों के लिए न्यूनतम लॉट 150 शेयर है, जिसके लिए ₹15,000 की न्यूनतम राशि चाहिए (ऊपरी बैंड ₹100 पर आधारित)। ये संरचना छोटे निवेशकों को शामिल करने की कोशिश है, लेकिन क्या वो वाकई इतना खर्च करने को तैयार हैं? ये सवाल अभी भी बाजार के सामने है।

एंकर इन्वेस्टर्स: विश्व के बड़े फंड्स ने दिया विश्वास

इस आईपीओ में 102 एंकर इन्वेस्टर्स ने ₹3,000 करोड़ का निवेश किया, जिसमें Goldman Sachs Group Inc., Morgan Stanley, HSBC Holdings Plc, Abu Dhabi Investment Authority और सिंगापुर के सोवरेन वेल्थ फंड्स शामिल हैं। ये नाम देखकर लगता है कि आईपीओ बेशक बड़ा है, लेकिन क्या ये बाहरी विश्वास भारतीय रिटेल निवेशकों के लिए भी खाता खोलता है? नहीं। एंकर निवेशकों का भरपूर समर्थन अक्सर बाजार के लिए एक अलग ही संकेत होता है — वे लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं, लेकिन रिटेल निवेशक तुरंत लाभ की उम्मीद करते हैं।

क्या 30 गुना P/E अधिक है?

Groww का वित्तीय वर्ष 2025 के अंत तक के लाभ के आधार पर P/E अनुपात 30 है। यानी, निवेशक ₹30 देंगे, जिसके बदले कंपनी ₹1 कमाती है। इसे देखकर कुछ विश्लेषक बोलते हैं — ‘ये अत्यधिक मूल्यांकन है।’ तुलना करें, Zerodha का P/E लगभग 25 था, और Upstox का 20 से कम। Groww का ये अनुपात उसकी ब्रांड वैल्यू और ग्रोथ के आधार पर है, लेकिन क्या ये निरंतर ग्रोथ के साथ चलेगा? ये अभी एक बड़ा सवाल है।

रिटेल का अच्छा प्रदर्शन, लेकिन क्यों नहीं पूरा भरा?

रिटेल अनुभाग में 41% सब्सक्रिप्शन एक अच्छा नंबर है — खासकर जब आईपीओ के लिए ₹15,000 की राशि लगती है। लेकिन कुल सब्सक्रिप्शन केवल 10% होने का मतलब है कि क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (QIB) और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) ने बहुत कम शेयर खरीदे। क्या ये बाजार की निराशा है? या फिर ये बाजार अभी भी एक अनिश्चितता में है? दरअसल, The Economic Times ने 57% सब्सक्रिप्शन का दावा किया है, जबकि Equentis.com के अनुसार ये 10% है। इस अंतर का कारण संभवतः अलग-अलग डेटा स्रोत हैं — कुछ एक दिन के अंत तक के डेटा को दिखाते हैं, तो कुछ अंतिम बंद होने तक के। ये अस्पष्टता निवेशकों के लिए एक चिंता का विषय है।

ग्रे मार्केट: बाजार की अनौपचारिक जानकारी

ग्रे मार्केट: बाजार की अनौपचारिक जानकारी

ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) ₹14-16 के बीच स्थिर रहा है, जो एक अच्छा संकेत है। ये अनौपचारिक बाजार अक्सर लिस्टिंग के बाद के रुझान को दर्शाता है। यहाँ कोई अचानक उछाल नहीं हुआ, न ही कोई गिरावट। ये एक संतुलित रुख है। लेकिन याद रखें — ग्रे मार्केट कोई आधिकारिक बाजार नहीं है। यहाँ की कीमतें अक्सर भावनाओं और अफवाहों पर आधारित होती हैं। फिर भी, ये ₹14-16 का प्रीमियम बताता है कि बाजार में अभी भी आशा है — बस वो आशा बहुत जोशीली नहीं है।

लिस्टिंग का इंतजार: 12 नवंबर का दिन

Groww के शेयर 12 नवंबर, 2025 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे। ये एक ऐतिहासिक क्षण है — एक ऐसी कंपनी जिसने सिर्फ 2015 में शुरुआत की थी, अब देश के सबसे बड़े ब्रोकर के रूप में लिस्ट हो रही है। लेकिन ये लिस्टिंग सिर्फ एक शुरुआत है। अगले तीन महीने में देखना होगा कि क्या ये कंपनी अपने मूल्यांकन को बनाए रख पाती है। अगर शेयर ₹110 के आसपास टिक जाए, तो ये एक सफल आईपीओ होगा। अगर ये ₹95 के नीचे चला गया, तो ये एक बड़ा संकेत होगा कि भारतीय फिनटेक सेक्टर के लिए निवेशकों की भावनाएँ बदल रही हैं।

क्या ये भारत के फिनटेक सेक्टर का टेस्ट है?

भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट है, और इसकी ताकत रिटेल निवेशकों में है — जिन्होंने 2020 के बाद से लगभग 15 करोड़ नए खाते खोले हैं। Groww ने इनमें से लाखों को अपने प्लेटफॉर्म पर लाया। लेकिन अब जब ये कंपनी बाजार में आ रही है, तो ये सवाल उठता है: क्या ये निवेशक अब भी उतने ही जोश से निवेश करेंगे? या फिर वो अब अधिक सावधान हो गए हैं? क्योंकि अब वो अपनी जेब से पैसा लगा रहे हैं, सिर्फ एक ऐप के बटन पर क्लिक करके नहीं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Groww का आईपीओ क्यों इतना चर्चा में है?

Groww भारत का सबसे बड़ा ऑनलाइन ब्रोकर है, जिसने 2020 के बाद से लाखों नए रिटेल निवेशकों को शेयर बाजार में लाया। इसका आईपीओ भारतीय फिनटेक सेक्टर की एक बड़ी परीक्षा है — खासकर जब अन्य कंपनियाँ जैसे Zerodha अभी तक आईपीओ नहीं दे रहीं। ये देखने का मौका है कि बाजार क्या चाहता है: ग्रोथ या लाभ।

रिटेल निवेशकों ने 41% सब्सक्रिप्शन क्यों किया, जबकि कुल सब्सक्रिप्शन केवल 10% है?

रिटेल निवेशकों ने Groww के ब्रांड और अपने अनुभव के कारण जोश से प्रतिक्रिया दी। लेकिन क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (QIB) ने संकोच किया — शायद P/E अनुपात 30 के कारण या फिर बाजार की अस्थिरता के कारण। ये अंतर दर्शाता है कि छोटे निवेशक भावनाओं पर, जबकि बड़े निवेशक आँकड़ों पर निर्णय लेते हैं।

ग्रे मार्केट प्रीमियम ₹14-16 का मतलब क्या है?

ग्रे मार्केट प्रीमियम अनौपचारिक रूप से बताता है कि बाजार में आईपीओ के बाद शेयर की कीमत कितनी हो सकती है। ₹14-16 का प्रीमियम यानी लिस्टिंग पर ₹114-116 की संभावना। ये स्थिरता एक अच्छा संकेत है — कोई अत्यधिक उत्साह नहीं, लेकिन कोई डर भी नहीं।

क्या Groww का 30 गुना P/E अनुपात खतरनाक है?

हाँ, ये अनुपात उच्च है — Zerodha और Upstox जैसी कंपनियों की तुलना में लगभग 5-10 गुना अधिक। लेकिन ये उसके ब्रांड वैल्यू, ग्रोथ रेट और उपयोगकर्ता लॉयल्टी को दर्शाता है। अगर ये कंपनी अगले 2-3 साल में लाभ में 25%+ की वृद्धि करती है, तो ये अनुपात निकल जाएगा। वरना, शेयर गिर सकता है।

12 नवंबर को लिस्टिंग के बाद क्या उम्मीद करें?

अगर शेयर ₹110-115 के बीच टिक जाए, तो ये एक सफल आईपीओ माना जाएगा। अगर ₹100 के आसपास रहे, तो ये बेसिक लिस्टिंग होगी। लेकिन अगर ₹95 के नीचे गिर गया, तो ये भारतीय फिनटेक सेक्टर के लिए एक चेतावनी होगी — निवेशक अब बहुत सावधान हो गए हैं।