दुलीप ट्रॉफी 2024: संजू सैमसन ने 11वां प्रथम श्रेणी शतक जमाया, भारत डी बनाम भारत बी मुकाबला

दुलीप ट्रॉफी 2024: संजू सैमसन ने 11वां प्रथम श्रेणी शतक जमाया, भारत डी बनाम भारत बी मुकाबला सित॰, 21 2024

दुलीप ट्रॉफी 2024 में संजू सैमसन का शानदार प्रदर्शन

दुलीप ट्रॉफी 2024 के दूसरे दिन का खेल क्रिकेट प्रेमियों के लिए बेहद रोमांचक रहा, जब संजू सैमसन ने भारत डी और भारत बी के बीच हुए मुकाबले में अपना 11वां प्रथम श्रेणी शतक जमाया। यह मैच आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में खेला गया। सैमसन का यह शतक सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि पूरे केरल प्रदेश के लिए गर्व की बात है।

कीर्तिमान में नया आयाम

संजू सैमसन का यह शतक उन्हें केरल के खिलाड़ियों की सूची में तीसरे स्थान पर लाता है, जिन्होंने सबसे अधिक प्रथम श्रेणी शतक बनाए हैं। उन्होंने अब तक 11 शतक बनाए हैं, जबकि इस सूची में सबसे ऊपर सचिन बेबी (18) और रोहन प्रेम (13) हैं। सैमसन के इस शतक में 12 चौके और तीन छक्के शामिल थे।

सैमसन 29 वर्ष के हैं और इस मैच में उनकी पारी में न केवल आक्रामकता थी बल्कि सधी हुई बल्लेबाजी भी थी। वह उस समय क्रीज पर आए जब शेखर धवन का विकेट गिर चुका था। टीम के कप्तान श्रेयस अय्यर ने शून्य पर अपना विकेट खो दिया था, जिससे टीम पर दबाव था।

शानदार साझेदारी और टीम का योगदान

शानदार साझेदारी और टीम का योगदान

संजू सैमसन ने पहले रिकी भुई के साथ एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण साझेदारी की जिसमें भुई ने अर्धशतक लगाया। इसके बाद सैमसन ने सरांश जैन के साथ मिलकर एक मजबूत साझेदारी बनाई, जिससे भारत डी की टीम दिन के अंत तक 306 रन पर 5 विकेट की स्थिति में पहुंच गई।

दूसरे दिन के खेल की शुरुआत में सरांश जैन का विकेट जल्दी गिर गया, लेकिन सैमसन ने अपनी पारी को जारी रखा। उन्होंने अगले बल्लेबाज सौरभ कुमार के साथ मिलकर टीम की पारी को संभाला। अपनी पारी के दौरान सैमसन ने सिर्फ 101 गेंदों में शतक पूरा किया जिससे भारत डी ने भारत बी पर नियंत्रण बना लिया।

भविष्य की उम्मीदें

भविष्य की उम्मीदें

इस शानदार प्रदर्शन के बाद, संजू सैमसन भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह को और भी मजबूत करना चाहते हैं, विशेषकर टेस्ट क्रिकेट में। अब तक उन्होंने 16 एकदिवसीय और 30 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में अभी उनका डेब्यू नहीं हुआ है।

इस प्रदर्शन ने न केवल संजू सैमसन की व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को बढ़ाया है, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए भी एक मिसाल कायम की है कि मेहनत और प्रतिभा का सही मिश्रण ही सफलता की कुंजी है।

संजू सैमसन का यह शतक न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह टीम के लिए भी एक महत्वपूर्ण योगदान है और उम्मीद है कि इस प्रदर्शन से वह टेस्ट क्रिकेट में अपनी जगह बनाने में सफल होंगे। इस मैच में उनकी पारी हर क्रिकेट प्रेमी के लिए प्रेरणादायक थी।