7 अक्टूबर: भारत में सोना 10 ग्राम पर 1,12,000 रु, विदेश में 2.5% गिरावट

7 अक्टूबर: भारत में सोना 10 ग्राम पर 1,12,000 रु, विदेश में 2.5% गिरावट अक्तू॰, 7 2025

जब सुरेंद्र मेहता, राष्ट्रीय सचिव इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) ने 7 अक्टूबर सोना‑सिल्वर बाजार अपडेट जारी किया, तो देश के कई शहरों में कीमतों में तेज़ उतार‑चढ़ाव देखा गया। विशेष रूप से भुपाल में 18 कैरेट सोना 10 ग्राम पर ₹91,570 पर ट्रेड हुआ, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 22‑कैरेट सोना ₹1,12,000 और 24‑कैरेट सोना ₹1,22,070 पर निकला।

देशी बाजार में सोने‑सिल्वर की नई कीमतें

7 अक्टूबर को राष्ट्रीय बुलेटिन के अनुसार 22‑कैरेट सोने की दर 10 ग्राम पर ₹1,12,000 तक पहुंच गई, जो पिछली ट्रेडिंग सत्र से ₹1,150 की बढ़ोतरी दर्शाती है। 24‑कैरेट सोना ₹1,22,070 पर रहा, और 18‑कैरेट सोना विभिन्न मेट्रो शहरों में थोड़ी‑बहुत वैरिएशन दिखा रहा है:

  • दिल्ली: ₹91,670
  • कोलकाता और मुंबई: ₹91,520
  • चेन्नई (सबसे अधिक): ₹92,750
  • इंदौर: ₹91,570 (भुपाल के समान)

सिल्वर की बात करें तो कीमत 1 किलो ग्राम पर ₹1,57,000 पर स्थिर रही, जो पिछले दिन की तुलना में ₹1,000 की बढ़ोतरी है। ग्राम‑दर के हिसाब से 1 ग्राम के लिए ₹149.97, 8 ग्राम के लिए ₹1,199.74 और 10 ग्राम के लिए ₹1,499.68 तय किया गया।

अंतरराष्ट्रीय बाजार की उलटफेर

वैश्विक स्तर पर सोना लगभग 2.5% गिरा, जबकि सिल्वर की कीमतें 5% से अधिक घटीं। न्यूयॉर्क और लंदन के मार्जिन यह दिखा रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय सप्लाई‑डिमांड असंतुलन, अमेरिकी डॉलर की मजबूती और अल्पकालिक ट्रेड‑वार के दबाव ने कीमतों को नीचे धकेला है। इस गिरावट के सबूत के रूप में इंडियन एक्सचेंजों पर खरीदारों ने नोटिस किया कि घरेलू कीमतों में वृद्धि के बावजूद विदेशी बाजार में सोने का मूल्य 2025‑10‑05 को ₹5,20,000 प्रति किलोग्राम से नीचे आया।

ऊपर‑नीचे के कारण: ट्रेड वॉर और यूएस शटडाउन

ऊपर‑नीचे के कारण: ट्रेड वॉर और यूएस शटडाउन

विश्लेषकों का कहना है कि दो प्रमुख कारक इस असंतुलन के पीछे हैं। पहला, चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर 33% का टैरिफ लगाकर ट्रेड‑वार को तेज़ किया, जो कि ट्रम्प प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ के प्रतिरूप में आया। दूसरा, पिछले हफ़्ते अमेरिकी सरकार ने अनिवार्य शटडाउन का सामना किया, जिससे आर्थिक डेटा रिलीज़ में ठहराव आया और बाजार में अनिश्चितता पाई गई। अमेरिका में सरकारी कार्यालय, संग्रहालय और कई वित्तीय संस्थान बंद रहे, जिससे वैश्विक निवेशकों का भरोसा डगमगा गया।

ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक, शासन) फंडों ने भी इस बीच लंबी अवधि के प्रभाव को लेकर सतर्कता जताई, क्योंकि सोना हमेशा एक सुरक्षित हेज माना जाता है, लेकिन कीमत की अस्थिरता उन्हें नई रणनीति अपनाने के लिए मजबूर कर रही है।

खरीदारों के लिए क्या मतलब?

विवाह, त्यौहार या बड़े इवेंट की योजना बनाने वाले उपभोक्ताओं के लिए यह दोहरा संकेत है। एक तरफ घरेलू बुलेटिन में कीमतें ऊपर जा रही हैं, जिससे तुरंत खरीदना महंगा हो सकता है। दूसरी तरफ, अंतरराष्ट्रीय गिरावट का मतलब है कि आगे के हफ्तों में कीमतें फिर से समायोजित हो सकती हैं।

बाजार विशेषज्ञ राहुल वर्मा (बुलियन ट्रेडिंग कंपनी) का तर्क है कि “जो लोग अभी तक कीमतों को लेकर हिचकिचा रहे हैं, उनके लिए आज का समायोजन एक वॉशिंग‑ऑफ़ इवेंट हो सकता है”। वह आगे कहते हैं कि “यदि आप 10‑Gram सोना खरीदना चाहते हैं तो आज की कीमतें अभी भी 2025 के शुरुआती महीनों की तुलना में 3‑4% कम हैं।”

सिल्वर के मामले में भी वही बात कहा जा सकता है। दो दिन में ₹10,000 से अधिक की कीमत गिरावट ने कई निवेशकों को आकर्षित किया है, विशेषकर जो छोटे‑मात्रा में धातु रखने की सोच रहे हैं।

भविष्य की झलक और अपेक्षित रुझान

भविष्य की झलक और अपेक्षित रुझान

आगामी सप्ताह में बाजार की संभावित दिशा पर कई मतभेद हैं। कुछ टॉप एनालिस्ट मानते हैं कि ट्रेड‑वार के शिखर पर पहुँचने के बाद कीमतें स्थिर हो सकती हैं, जबकि अन्य का अनुमान है कि अमेरिकी शटडाउन के बाद डेटा रिलीज़ होते ही कीमतें फिर से ऊपर जा सकती हैं।

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के सुरेंद्र मेहता ने कहा, “अगले हफ्ते में कोई बड़ा रैली देखना मुश्किल है। अधिकतर निवेशक सावधानी बरतेंगे, और खुदरा बाजार में हल्की गिरावट या तटस्थता ही प्रमुख होगी।”

जैसे-जैसे यूएस सरकार फिर से कार्यरत होगी और चीन‑अमेरिका टैरिफ़ की वार्ता आगे बढ़ेगी, सुननी‑बुझनी ट्रेड‑वार के असर को लेकर बाजार ने अपना ‘बफ़र’ बनाया है। इस बीच, उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि अपने बजट, खरीदारी की आवश्यकता और दीर्घकालिक निवेश लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ही निर्णय लें।

आम सवाल‑जवाब

सोना खरीदने वाले ग्राहकों पर यह मूल्य परिवर्तन कैसे असर डालेगा?

ऊपर‑नीचे की स्थिति के कारण संक्षिप्त‑समय में कीमतें छिटपुट हो सकती हैं। यदि आप अभी तक खरीद नहीं कर रहे हैं, तो दो‑तीन दिनों की कीमतों को ट्रैक करना फायदेमंद रहेगा, क्योंकि हाल ही में 3‑4% की गिरावट ने संभावित बचत के अवसर पैदा किए हैं।

क्या सिल्वर में निवेश अभी भी आकर्षक है?

सिल्वर की कीमतें पिछले दो दिनों में ₹10,000 से अधिक घट गई हैं, जिससे छोटे निवेशकों के लिए प्रवेश बिंदु कम हो गया है। दीर्घकालिक दृष्‍टिकोण से यह धातु अभी भी बेहतर वैल्यू स्टोर माना जाता है, विशेषकर जब वैश्विक अर्थव्यवस्था असुरक्षित हो।

ट्रेड‑वार और यूएस शटडाउन का दीर्घकालिक असर क्या हो सकता है?

ट्रेड‑वार से सप्लाई चेन में व्यवधान और महंगाई का दबाव बढ़ सकता है, जबकि यूएस शटडाउन डेटा के ठहराव के कारण अस्थायी अनिश्चितता पैदा करता है। दोनों मिलकर सोने‑सिल्वर को सुरक्षित आश्रय के रूप में बनाए रखने की प्रवृत्ति को मज़बूत कर सकते हैं, लेकिन कीमतों में उतार‑चढ़ाव जारी रहेगा।

भुपाल में सोने की कीमतें क्यों थोड़ा अलग हैं?

भुपाल जैसे छोटे शहरों में ट्रांसपोर्ट लागत, स्थानीय डीलर की मुनाफ़ा मार्जिन और इन्वेंट्री की उपलब्धता के कारण कीमतें मेट्रो क्षेत्रों से कुछ हद तक विचलित हो सकती हैं। वर्तमान में 18‑कैरेट सोना भुपाल में ₹91,570 पर ट्रेड हो रहा है, जो दिल्ली से ₹100 तक कम है।

आगे की सप्ताह में कीमतें किन संकेतों से तय होंगी?

अमेरिका के आर्थिक डेटा रिलीज़, चीन‑अमेरिका टैरिफ़ वार्ता की प्रगति और राष्ट्रीय स्तर पर RBI की मौद्रिक नीति निर्णय प्रमुख संकेतक होंगे। इनमें से कोई भी सकारात्मक या नकारात्मक बदलाव कीमतों को दिशित कर सकता है।

1 Comment

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    Gowthaman Ramasamy

    अक्तूबर 7, 2025 AT 22:43

    Economic data पर नज़र डालते हुए, यह स्पष्ट है कि घरेलू सोने की कीमतों में अब तक 1,150 रुपये की वृद्धि हुई है। RBI के मौद्रिक नीति बैठक के बाद इस दिशा में संभावित बदलावों पर नज़र रखनी चाहिए। यदि आप निवेश के विचार कर रहे हैं, तो अल्पकालिक उलटफेर को ध्यान में रखते हुए विविधीकरण पर विचार करें। 📈✨

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